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10 लाख रुपए से ऊपर सैलरी हो तब भी नहीं देना होगा टैक्स, भला कैसे? जान लीजिए

बसंत कुमार और यामिनी की टैक्स सेविंग स्टोरी

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हमारे दोस्त बसंत कुमार और यामिनी की कहानी से समझिए कि कैसे टैक्स के दायरे में आने पर भी टैक्स बचाया जा सकता है. (फोटो-पीटीआई)
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अमित
2 फ़रवरी 2021 (Updated: 2 फ़रवरी 2021, 03:29 PM IST) कॉमेंट्स
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हमारे दोस्त बसंत कुमार हर साल बजट वाले दिन नहा धोकर टीवी के सामने आसन लगा लेते हैं. लेकिन पूरे बजट में वह सुनते बस एक ही चीज हैं. इनकम टैक्स (income tax) में कितनी छूट मिल रही है. अगर छूट नहीं भी मिल रही है तो क्या कुछ ऐसा इंतजाम हो रहा है कि टैक्स में रियायत मिल जाए. हालांकि इस बार वित्तमंत्री के टैब से जो बजट का पुलिंदा निकला उससे बसंत कुमार का चेहरा मुरझा गया है. क्योंकि बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई बदलाव हुआ ही नहीं था. बसंत कुमार प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं, साल का 7.5 लाख रुपए कमाते हैं. इसी तरह हमारी दूसरी दोस्त यामिनी प्राइवेट कंपनी में बड़ी अफसर हैं. तकरीबन 15 लाख रुपए सालाना कमाती हैं. आइए जानते हैं कि बसंत कुमार और यामिनी की पॉकेट में टैक्स कटने के बाद कितना बचेगा और टैक्स बचाने के जुगाड़ क्या-क्या हैं. सबसे पहले इस साल के प्रावधान समझ लें सरकार ने इस बार इनकम टैक्स के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है, ऐसे में बसंत की सालाना इनकम अगर 5 लाख रुपए तक होती तो वह चैन की बंसी बजाते. चूंकि ये स्लैब 0 से 5,00,000 तक का है. नीचे के टेबल में आप देखेंगे कि ढाई से पांच लाख वाले स्लैब में 5 प्रतिशत टैक्स नज़र आ रहा है. हालांकि, अगर बसंत की टैक्सेबल इनकम 0 से 5 लाख की रेंज में होती तो बसंत को टैक्स नहीं देना पड़ता. लेकिन चूंकि बसंत की सैलरी 7 लाख रुपए सालाना है ऐसे में बसंत बाबू को पहले ढाई से पांच लाख की इनकम पर 5 प्रतिशत और उसके बाद 2.5 लाख रुपए पर 20 फीसदी (पुराने सिस्टम) का टैक्स देना होगा. अगर बसंत बाबू नए सिस्टम से टैक्स भरते हैं तो उन्हें 2.5 लाख रुपए की टैक्सेबल इनकम पर 10 फीसदी ही टैक्स भरना होगा.
अगर हम यामिनी का बात करें तो उन पर भारी टैक्स देनदारी बनती है. होनी भी चाहिए बड़ी अफसर हैं ज्यादा कमाती हैं तो देश की ज्यादा सेवा भी करनी पड़ेगी. यामिनी को ढाई से पांच लाख की इनकम पर 5 प्रतिशत और उसके बाद 2.5 लाख रुपए पर 20 फीसदी का टैक्स देना होगा. नीचे दी गई सारणी के अनुसार अगले 2.5 लाख रुपए पर 20 फीसदी और उससे अगले ढाई लाख रुपए पर 30 फीसदी टैक्स चुकाना होगा. अपनी कमाई के अगले 2.5 लाख रुपए पर यामिनी को 30 फीसदी इनकम टैक्स चुकाना होगा. ये टैक्स की गणना पुराने सिस्टम के हिसाब से है. नए सिस्टम के हिसाब से क्रमशः 10, 15, 20,25 और 30 फीसदी टैक्स भरना होगा.
Income Tax Old Slab New Slab
इनकम टैक्स में छूट के प्रावधानों का फायदा सिर्फ पुराने स्लैब के सिस्टम से उठाया जा सकता है.

टैक्स ज्ञान
# आप का दिमाग इस नए और पुराने सिस्टम की बात पर चकरा रहा होगा. तो आपको बता दें कि यह नया सिस्टम उतना नया भी नहीं है. पिछले वित्त वर्ष सरकार ने इनकम टैक्स का एक नया सिस्टम शुरू किया था. कोई भी इसे अपना कर कुछ कम टैक्स भर सकता था. बस शर्त इतनी थी कि उसे सरकार की तरफ से किसी तरह का डिडक्शन या छूट नहीं दी जाएगी. पुराने सिस्टम में इनकम टैक्स की दर ज्यादा है लेकिन इसमें कई प्रावधानों की तहत मिलने वाली छूटों का फायदा लिया जा सकता है.
# इस जानकारी से एक बात आपके दिमाग में और साफ हो गई होगी कि टैक्स कभी भी फ्लैट नहीं कटता. मतलब ऐसा नहीं है कि अगर किसी की साल में टैक्सेबल इनकम 10 लाख है तो उसे 20 फीसदी टैक्स पूरी रकम पर देना होगा. टैक्स हमेशा स्लैब के हिसाब से ही कटता है. सरकार ने एक दूसरा सिस्टम भी बना रखा है.
पुराने स्लैब के सिस्टम में किस तरह से छूट के प्रावधान हैं इन्हें यहां क्लिक
करके पढ़ा जा सकता है.
बसंत कुमार तो निकले बचत कुमार
हमारे दोस्त बसंत कुमार के लिए रास्ता काफी आसान है. उन्हें बस टैक्स छूट के कुछ प्रावधानों पर दिमाग खर्च करना है. 5 लाख रुपए तक वह टैक्स भरने से पहले ही बच गए हैं. हालांकि उन्हें रिटर्न तो भरना ही होगा. उनके पास अब भी 2 लाख रुपए की अतिरिक्त टैक्सेबल इनकम है. ये दो लाख रुपए बचाने के लिए बसंत कुमार के पास ये रास्ते हैं.
# बसंत कुमार न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में किए हुए इन्वेस्टमेंट को 80C के अंतर्गत दिखा सकते हैं. बसंत कुमार होशियार हैं, उन्होंने पहले से ही इस सेक्शन में डेढ़ लाख का इन्वेस्टमेंट दिखा रखा है. फिर भी (NPS) में किए गए 50,000 रुपए तक के इन्वेस्टमेंट को बसंत 80CCD (1B) में भी दिखा सकते हैं. इस तरह से एक झटके में हो गई बसंत कुमार की 2 लाख रुपए तक की टैक्स सेविंग.
अब बसंत कुमार पर 50 हजार की टैक्स देनदारी बचती है. ऐसे में वह खुद अपने और पत्नी के लिए हेल्थ इंश्योरेंश ले सकते हैं. सेक्शन 80 D में हेल्थ इंश्योरेंस पर 22 हजार रुपए से 1 लाख तक की टैक्स छूट का प्रावधान है. चूंकि बसंत और उनकी पत्नी 60 साल से कम उम्र के वर्ग में आते हैं तो इस तरह से हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेकर 50 हजार की छूट आराम से ले सकते हैं.
 
यामिनी के लिए भी है बुलंद इंतजाम
जहां तक बात यामिनी की है तो उन्हें टैक्स में बचत के लिए काफी दिमाग खपाना होगा. सरकार की तरफ से मिलने वाली छूट के प्रावधानों पर गणित लगा कर वह भी काफी टैक्स कटने से बचा सकती हैं. आइए जानते हैं कि यामिनी को टैक्स में किन-किन तरीकों से बचत मिल सकती हैं.
# सबसे पहले तो बसंत कुमार की 'बचत कुमार' जुगत लगानी होगी. न्यू पेंशन स्कीम में इन्वेस्ट करें और 2 लाख रुपए तक बचाएं. (7.5 लाख पर टैक्स बचा)
# चूंकि यामिनी को हाउस रेंट अलाउंस (HRA) मिलता है जो उनकी सैलरी का हिस्सा है इसलिए सेक्शन 10(13A) में वह बच जाएगा. इससे उन्हें 1.5 लाख रुपए की बचत होगी. (9 लाख पर टैक्स बचा)
# उनकी सैलरी का एक हिस्सा मेडिकल और ट्रैवल भत्ते हैं जो कि 50 हजार रुपए के बराबर हैं. यह भी पूरी तरह से टैक्स मुक्त है. (9.5 लाख रुपए पर टैक्स बचा)
# यामिनी को चाहिए कि वह अपने लिए एक स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) ले लें. वैसे भी 2020 के बाद इसकी एहमियत बढ़ गई है. इस पर दिए गए प्रीमियम पर टैक्स की छूट क्लेम कर सकते हैं. यामिनी अपने लिए और अपने 60 साल से ऊपर के माता पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंश ले सकती हैं. इस तरह यामिनी को अपने हेल्थ इश्योरेंस पर 25 हजार और अपने माता-पिता के 50 हजार रुपए के हेल्थ इश्योरेंस पर टैक्स छूट मिल जाएगी. यह छूट सेक्शन 80 D के तहत मिलेगी. इस तरह से 75 हजार रुपए की बचत हो गई. (10 लाख 25 हजार पर टैक्स बचत) इस तरह हम देख सकते हैं कि अगर किसी की सैलरी 10 लाख रुपए तक है तो वह भरपूर टैक्स बचत कर सकता है.
इस तरह से 10 लाख 25 हजार रुपए पर यामिनी को टैक्स भरने से बच गईं. बचे 3 लाख 75 हजार रुपए जिन पर टैक्स भरना है. यामिनी नोएडा में किराए पर रहती हैं और दिल्ली में जॉब करती हैं. उनके लिए भारी टैक्स बचत का एक जुगाड़ यह है कि उन्हें नोएडा में एक मकान खरीदना चाहिए. इनकम टैक्स में सेक्शन 24 के तहत होम लोन के EMI में दिए ब्याज पर टैक्स सेविंग का प्रावधान है. इस सेक्शन के जरिए 2 लाख तक की इनकम पर यामिनी टैक्स बचा सकती हैं.
आपके मन में यह सवाल भी आ रहा होगा कि जब HRA की छूट पहले ही मिल गई तो मकान की EMI पर पड़ने वाले ब्याज पर छूट कैसे मिलेगी? इन दोनों ही छूटों का फायदा तब उठाया जा सकता है जब मकान दूसरे शहर में हो और नौकरी दूसरे शहर में. अगर कोई नोएडा रहता है और दिल्ली में नौकरी करता है तो तकनीकी रूप से वह इस प्रावधान का फायदा उठा सकता है. (12 लाख 25 हजार पर टैक्स बचत)
इस तरह से अब यामिनी को सिर्फ 2 लाख 27 हजार रुपए पर टैक्स भरना होगा. अब इतना टैक्स तो देश सेवा में दिया ही जा सकता है.

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