गाबा टेस्ट क़रीब आ गया है. वैसे तो ब्रिसबेन का गाबा मैदान शुरू से ही भारत के लिए बड़ा चैलेंज रहा है, लेकिन इस बार तो मामला और गड़बड़ है. सिडनी टेस्ट में गज़ब का पराक्रम दिखाने वाली टीम इंडिया, गाबा आने से पहले अपने कई प्लेयर्स को खो चुकी है. पहले से काफी लंबी इस लिस्ट में अब जसप्रीत बुमराह का भी नाम जुड़ गया है.
ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, उमेश यादव के बाद अब जसप्रीत बुमराह भी चोटिल हो गए हैं. बुमराह की चोट के बाद अब टीम इंडिया का बोलिंग अटैक एकदम नए बोलर्स के भरोसे है. टीम के पास अब सबसे ज्यादा अनुभवी पेसर मोहम्मद सिराज हैं. जिन्होंने इसी सीरीज में डेब्यू किया था. उनके पास कुल दो टेस्ट मैचों का अनुभव है.
# समस्या-ए-Injury
उनका साथ देने के लिए एक टेस्ट खेल चुके शार्दुल ठाकुर हैं. जिन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट में बस 10 गेंदें फेंकी थीं. इनके अलावा नवदीप सैनी हैं. जिन्होंने सिडनी टेस्ट में ही डेब्यू किया था. बाकी ऑप्शन के रूप में नटराजन ही बचते हैं. जिन्होंने इसी टूर पर इंटरनेशनल डेब्यू किया था. नटराजन अपनी पहली टेस्ट कैप का इंतजार कर रहे हैं.
टीम के मुख्य स्पिनर रविचंद्रन अश्विन भी पूरी तरह से फिट नहीं हैं. बीते टेस्ट में उन्होंने पेनकिलर्स लेकर बैटिंग की थी. रविंद्र जडेजा का अंगूठा डिस्लोकेट है. अब टीम के पास कुलदीप यादव ही बचते हैं. उनके साथ वॉशिंगटन सुंदर भी एक ऑप्शन हैं. जिन्हें लिमिटेड ओवर्स के बाद ऑस्ट्रेलिया में ही रोक लिया गया था.
ऐसे लड़कों को हमने ‘तहलका’, ‘पांडव’ जैसी पिच्चरों में खूब देखा है. लेकिन इन्हें देखते वक्त कभी नहीं सोचा था कि एक दिन ये लड़के भारत से दसियों हजार किलोमीटर दूर सिडनी में दिखेंगे. वो भी तब, जब पूरा भारत उम्मीद हार चुका होगा.@ferrarinotfiat #INDvAUS https://t.co/YqP0RskP57
— The Lallantop (@TheLallantop) January 11, 2021
इस हाल में गाबा की चुनौती से पहले टीम इंडिया निश्चित तौर पर परेशान होगी. ऐसे में हमने सोचा कि क्यों ना इस परेशानी की घड़ी में टीम को थोड़ा मोटिवेट करें. इस मोटिवेशन के लिए हम गए 2001 में. टाइम मशीन से नहीं, गूगल सर्च से ब्रो. साल 2001 की ऐतिहासिक भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज कौन भूल सकता है? इसी सीरीज में भारत ने ऑस्ट्रेलिया का विजयरथ कमाल के तरीके से रोका था.
# 2001 की यादें
मुंबई टेस्ट हारने के बाद भारत ने कोलकाता टेस्ट में गज़ब कर दिया. फॉलोऑन पर मजबूर होने के बाद टीम ने द्रविड़-लक्ष्मण-हरभजन की बदौलत ऑस्ट्रेलिया को रौंदकर रख दिया. फिर आई चेन्नई टेस्ट की बारी. भारत इस सीरीज से पहले ही अनिल कुंबले को खो चुका था. पहले टेस्ट के बाद जवागल श्रीनाथ और अजित आगरकर भी बाहर हो गए.
ऐसे में तीसरे टेस्ट में भारतीय गेंदबाजी का जिम्मा जहीर खान (3 टेस्ट), हरभजन सिंह (10 टेस्ट), नीलेश कुलकर्णी (2 टेस्ट) और साईराज बहुतुले पर था. बहुतुले ने इसी टेस्ट से डेब्यू किया. इस बोलिंग अटैक और पहली पारी में मैथ्यू हेडेन की डबल सेंचुरी के बावजूद भारत ने इस टेस्ट को दो विकेट से जीत लिया था. इसके साथ ही उन्होंने सीरीज भी 2-1 से अपने नाम कर ली.
ऐसे में टीम इंडिया निश्चित तौर पर इस टेस्ट से प्रेरित हो सकती है. लेकिन इसके साथ ही हमें कई चीजें ध्यान में रखनी होंगी. वहां भारत अपने घर में खेल रहा था और ये ऑस्ट्रेलिया है. यहां भारत को ना तो पिच से मदद मिलेगी और ना ही स्टैंड्स से. साथ ही गाबा में भारत का इतिहास भी उनके खिलाफ है. टीम ने अभी तक यहां एक भी मैच नहीं जीता.
ब्रिस्बेन में आखिरी मैच से पहले आ गई ये बुरी खबर?