
रजत
टीम का इकलौता पंजाबी. सत्रह को 'सतारा' कहता है तो यूपी के लौंडे मौज ले लेते हैं. इकलौता है जो ऑफिस में ऑफिस वाले कपड़े पहन के आता है. अपने यहां जो वीडियो-शीडियो देखदे हो तुसी, इसी की मेहनत-बुद्धि है. कैमरे वाला बंदा है तो सबकी प्रोफाइल पिक सप्लाई करने की जिम्मेदारी भी उठाता है. लड़कियां सोचती हैं कि इस स्मार्ट बंदे की गर्लफ्रेंड तो होगी ही. यही गलतफहमी संभावनाओं की भ्रूणहत्या कर देती है. कभी-कभी जल्दबाज़ी में दांतों के बीच से 'स' की हवा 'फ' के रूप में निकल जाती है. लड़के जब ज्यादा घुसने लगते हैं तो कहता है कि 'प्राइवेफी नाम की भी कोई चीज होती है.' अंधेरे उजाले कहीं इनसे टकरा जाओ तो हुसियार रहिना. पल्सर से कट मार के झोपड़ी के कहते हुए निकल जाते हैं.
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बीहड़ 2.0: उन डकैतों की सच्ची कहानी सुनिए, जिनसे डरे लोगों के चेहरे अब मुस्कुराहट में बदल गए
‘बीहड़ 2.0’. ‘दी लल्लनटॉप’ की एक और नई पेशकश. चंबल, जो बीहड़ के नाम से भी जाना जाता है. इसकी कई कहानियां मशहूर हैं, जिसके किरदारों में फूलन देवी, पान सिंह तोमर, मान सिंह और निर्भय सिंह गुर्जर जैसे डकैत शामिल हैं. अब इन पर आपने फिल्में देखीं और उसी से इन किरदारों के बारे में अंदाजा लगाया. पर अब इस वीडियो में आप खुद डकैतों और प्रशासन से सच्ची कहानी सुनेंगे. इस डॉक्यूमेंट्री का कॉन्सेप्ट है ‘दी लल्लटॉप’ के संपादक सौरभ द्विवेदी का. देखिए वीडियो.
न्यूज़
जब लोकसभा से इस्तीफा देकर अकाली दल में शामिल हो गए थे कांग्रेस के कैप्टन
कैप्टन अमरिंदर सिंह वो शख्स हैं, जो पंजाब में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा है. जब देश के कई राज्यों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ रहा था, ऐसे समय में कैप्टन ही वो नेता थे, जो अपने दम पर पार्टी को पंजाब का किला फतह कराने में कामयाब हुए थे. आज उनका जन्मदिन … और पढ़ें जब लोकसभा से इस्तीफा देकर अकाली दल में शामिल हो गए थे कांग्रेस के कैप्टन
जब लोकसभा से इस्तीफा देकर अकाली दल में शामिल हो गए थे कांग्रेस के कैप्टन
कैप्टन अमरिंदर सिंह वो शख्स हैं, जो पंजाब में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा है. जब देश के कई राज्यों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ रहा था, ऐसे समय में कैप्टन ही वो नेता थे, जो अपने दम पर पार्टी को पंजाब का किला फतह कराने में कामयाब हुए थे. आज उनका जन्मदिन … और पढ़ें जब लोकसभा से इस्तीफा देकर अकाली दल में शामिल हो गए थे कांग्रेस के कैप्टन
भैरंट
दिल्ली दंगे पर डॉक्युमेंट्री 'दहली' की बैक स्टोरी; जब मिला दिनेश और अशफाक के परिवार से
दिल्ली का शिव विहार इलाका. काफी देर मशक्कत के बाद गाड़ी कोने की तरफ लगवाई. चाय वाले से पूछा कि राहुल सोलंकी का घर इधर ही है? एक हाथ से उसकी छलनी चाय के पतीले में घूमती रही. दूसरे हाथ से इशारा किया कि गली में अंदर जाकर किसी से भी पूछ लीजिएगा, सब बता देंगे. गली … और पढ़ें दिल्ली दंगे पर डॉक्युमेंट्री ‘दहली’ की बैक स्टोरी; जब मिला दिनेश और अशफाक के परिवार से
दिल्ली दंगे पर डॉक्युमेंट्री 'दहली' की बैक स्टोरी; जब मिला दिनेश और अशफाक के परिवार से
दिल्ली का शिव विहार इलाका. काफी देर मशक्कत के बाद गाड़ी कोने की तरफ लगवाई. चाय वाले से पूछा कि राहुल सोलंकी का घर इधर ही है? एक हाथ से उसकी छलनी चाय के पतीले में घूमती रही. दूसरे हाथ से इशारा किया कि गली में अंदर जाकर किसी से भी पूछ लीजिएगा, सब बता देंगे. गली … और पढ़ें दिल्ली दंगे पर डॉक्युमेंट्री ‘दहली’ की बैक स्टोरी; जब मिला दिनेश और अशफाक के परिवार से
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दहली: 2020 में हुए दिल्ली दंगों की पूरी कहानी
जितना भर सोच पाते हैं, उतना ज़ख्म गहरा होता जाता है. ज़ख्म जितना गहरा होता जाता है, सोचने-समझने की क्षमता क्षीण होती जाती है. ठीक-ठीक याद करें तो पिछले साल इसी तारीख़ को जलते घरों और मरते लोगों की तस्वीर देख हमारा दिल दहल गया था. अखबारों और टीवी चैनलों में देखा तो नाम दिया गया था – दिल्ली दंगे 2020. इस घटना से पूरी दिल्ली दहल गई थी. एक ऐसे अनजाने से डर ने दिल को जकड़ लिया था मानो तेज़ हवा में भी सांस ना आ रही हो. इस कुसमय को लल्लनटॉप के रजत सैन और रुहानी भाटिया ने अपने कैमरे की नज़रों से एक डॉक्यूमेंट्री में पिरोया है. देखिए और ज़हन में ताज़ा रखिए वो गलतियां कि फिर ऐसा कुछ भयावह सा, हमें दोबारा न देखना पड़े.
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'दी लल्लनटॉप' के 'मिट्ठू' की कहानी आखिर खारी-खारी क्यों है?
भुज में 26 जनवरी, 2001 में भूकंप आया था. भीषण तबाही हुई थी. बअसर सिर्फ गुजरात में नहीं, बल्कि पूरे भारत पर हुआ था. लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि सब पहले जैसा कैसे हो पाएगा. लेकिन इन बातों को अब 20 साल बीत चुके हैं. अब वहां की क्या स्थिति है, यही पता लगाने के लिए ‘दी लल्लनटॉप’ की टीम कच्छ जिले में गई. जहां सोचा नहीं जा सकता था कि कभी सुख-समृद्धि वापस लौटेगी, वहीं आज बड़े स्तर पर रण उत्सव मनाया जाता है. खैर, टीम ने लोगों से बात की और आस-पास का माहौल जाना समझा. सब मिलाकर आपके लिए एक बढ़िया सी ‘मिट्ठू’ नाम से डॉक्यूमेंट्री तैयार की, जो रिलीज हो चुकी है. देखिए वीडियो.
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लल्लनटॉप टीम को गुजरात के कच्छ में मिला 'मिट्ठू', आप भी मिलिए!
आपको याद होगा कि भुज में 26 जनवरी, 2001 में भूकंप आया था. भीषण तबाही हुई थी. बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था, इसका असर सिर्फ गुजरात में नहीं, बल्कि पूरे भारत पर हुआ था. लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि सब पहले जैसा कैसे हो पाएगा. लेकिन इन बातों को अब 20 साल बीत चुके हैं. अब वहां की क्या स्थिति है, यही पता लगाने के लिए ‘दी लल्लनटॉप’ की टीम कच्छ जिले में गई. जहां सोचा नहीं जा सकता था कि कभी सुख-समृद्धि वापस लौटेगी, वहीं आज बड़े स्तर पर रण उत्सव मनाया जाता है. खैर, टीम ने लोगों से बात की और आस-पास का माहौल जाना समझा. सब मिलाकर आपके लिए एक बढ़िया सी ‘मिट्ठू’ नाम से डॉक्यूमेंट्री तैयार की, जो 7 फरवरी को शाम छह बजे रिलीज होगी. पर इसका टीज़र लॉन्च हो चुका है, जो आप अभी देख सकते हैं.
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कश्मीरी दलित किस हालत में रहते हैं, देख लीजिए!
दी लल्लनटॉप की टीम कश्मीर में हुए DDC चुनावों के वक़्त से ही कश्मीर में है और लगातार वहां की स्टोरीज आप तक पहुंचा रहा है. हाल ही में हमारी टीम ने कश्मीर घाटी में रह रहे दलितों से बातचीत की, जिसमें उन्होंने बताया कि घाटी में वो किन परिस्थितियों में रहते हैं. देखिए वीडियो.
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पड़ताल: क्या 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड में किसान स्टंट करने वाले हैं?
देश के अलग-अलग इलाक़ों में किसान बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने ऐलान किया है कि वे 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड की तर्ज़ पर अपना ट्रैक्टर परेड निकालेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा के इस ऐलान के बाद से ही इंटरनेट पर ट्रैक्टर स्टंट के कई वीडियो छाए हुए हैं. ऐसा दावा किया जा रहा है कि ये स्टंट 26 जनवरी 2021 को होने वाले ट्रैक्टर परेड की तैयारी के लिए किए जा रहे हैं. देखिए वीडियो.
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UPSC की तैयारी कर रहे इस लड़के ने कृषि कानून पर बड़ी बात कह दी!
दी लल्लनटॉप की टीम लगातार किसान आन्दोलन पर नज़र रख रही है और आप तक खबरें पहुंचा रही है. इसी बीच हमारी टीम की बात एक यूपीएससी एस्पिरैंट से बात की. उसने खुलकर अपनी राय कृषि कानूनों और सुप्रीम कोर्ट के बारे में रखी. देखिए वीडियो.
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किसान आंदोलन: इन लोगों ने किसानों की मौत पर जो कहा वो सुनना चाहिए!
दी लल्लनटॉप की टीम लगातार किसान आंदोलन पर नज़र बनाए हुए है और हर बात की जानकारी आप तक लेकर आ रहा है. आंदोलन में किसानों की लगातार होती मौतों के बीच लोहरी मानते किसानों से जब लल्लनटॉप की टीम ने बात की तो उन्होंने जो कहा वो सबको सुनना चाहिए. देखिए वीडियो.