5G सिग्नल से रेडिएशन निकलता है. 5G से पक्षियों को दिक्कत होती है. 5G से कैंसर होता है. ये सारी बातें आपने पिछले कुछ सालों में पढ़ी और सुनी होंगी. क्योंकि इन सब बातों का कोई वैज्ञानिक प्रमाण मिला नहीं तो इनका नेटवर्क खत्म हो गया. मतलब इनके बारे में बात होना बंद हो गई. लेकिन अब कुछ इसी से मिलता जुलता सामने आया है. वाईफाई को लेकर भी कुछ ऐसा ही कहा जा रहा है. रात को बंद करने की बात कही जा रही है वरना नुकसान हो सकता है. WiFi राउटर को आपकी नींद चुराने वाला बताया जा रहा है.
5G रेडिएशन हुआ पुराना! अब WiFi से उड़ रही है लोगों की नींद?
WiFi के इलेक्ट्रोमैगनेटिक रेडिएशन को हमारी नींद के पैटर्न को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाला बताया जा रहा है. अनिद्रा जैसे लक्षण और दिमाग की गतिविधि बढ़ने के लिए भी वाईफाई राउटर को ही जिम्मेदार बताया जा रहा है. वाकई में?


WiFi के इलेक्ट्रोमैगनेटिक रेडिएशन को हमारी नींद के पैटर्न को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाला बताया जा रहा है. अनिद्रा जैसे लक्षण और दिमाग की गतिविधि बढ़ने के लिए भी वाईफाई राउटर को ही जिम्मेदार बताया जा रहा है. वाकई में?
वाईफाई और नींदबिना लाग-लपेट के काम की बात बताते हैं. WHO और ICNIRP (International Commission on Non-Ionizing Radiation Protection) जैसे संस्थान इस बात को सिरे से नकारते हैं और बताते हैं कि WiFi का रेडिएशन काफी लो होता है और यह इंसानों की नींद के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता. अब रही बात नींद नहीं आने कि या फिर दूसरी किसी समस्या कि तो इसका एक कारण स्मार्टफोन और लैपटॉप का अधिक इस्तेमाल है.
नींद नहीं आने का एक और कारण इसका मनोवैज्ञानिक असर भी हो सकता है. दरअसल इसे नोसीबो इफेक्ट कहा जाता है. मतलब आपको अगर किसी बात के होने का भरोसा हो जाए, भले वो असल में नहीं हो तो आपका शरीर उसके हिसाब से प्रतिक्रिया देने लगता है. मतलब भले किसी के शरीर पर WiFi के रेडिएशन का असर न पड़ रहा हो लेकिन इसकी चिंता से नींद बार-बार टूटती है कि WiFi शरीर पर असर कर रहा है.
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तो अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ है तो आप वाईफाई राउटर का खटका बंद कर सकते हैं. हालांकि इससे कुछ होने वाला नहीं है क्योंकि ऐसा करने से आपकी परेशानी कम नहीं होगी बल्कि बढ़ जाएगी. दरअसल स्मार्ट डिवाइसेज को लगातार इंटरनेट की जरूरत होती है. इसके अलावा अगर आप अपने स्मार्ट डिवाइसेज पर किसी ऑटोमेशन का इस्तेमाल करते हैं, तो वह भी बिना WiFi इंटरनेट के समय पर अपना तय काम पूरा नहीं कर पाएंगे.
मतलब इधर कुआं-उधर खाई वाला मामला. अच्छा है वाईफाई चलने दीजिए और स्मार्टफोन से थोड़ी दूरी बनाना स्टार्ट कीजिए. चैन की नींद आएगी.
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