स्मार्टफोन के साथ एक अच्छी बात ये है कि वो आमतौर पर जल्द खराब नहीं होते. मोटा-माटी एक स्मार्टफोन तीन साल तो ढंग से चलता ही है, अगर उसमें कोई मैन्युफैक्चरिंग डिफ़ेक्ट नहीं हो तो. सब चंगा सी, लेकिन हमारी हरकतें थोड़ी गंदी सी. कहने का मतलब आपकी और हमारी कई सारी हरकतें ऐसी होती हैं, जो फोन को उम्र से पहले मार देती हैं. बोले तो बेमौत. हम आज ऐसी ही आदतों की बात करेंगे जो स्मार्टफोन के लिए ‘जानलेवा’ हो सकती हैं. जो इनसे बच लिए तो मौज पक्की है.
स्मार्टफोन के लिए 'जानलेवा' हैं यूजर्स की ये हरकतें, कहीं आप तो नहीं करते?
स्मार्टफोन के साथ एक अच्छी बात ये है कि वो आमतौर पर जल्द खराब नहीं होते. सब चंगा सी, लेकिन हमारी हरकतें थोड़ी गंदी सी.


जैसे हमारे शरीर को ठंडी और गर्मी लगती है, ठीक वैसे ही स्मार्टफोन को भी तापमान का एहसास होता है. भयंकर गर्मी और हाड़ कंपाने वाली ठंड स्मार्टफोन को नुकसान पहुंचा सकती है. आमतौर पर हमारा स्मार्टफोन हमारे साथ होता है, लेकिन एक जगह ऐसी भी हैं जहां अगर फोन छूटा या रखा गया तो कांड होना तय है. ये जगह है कार और बाइक का डैशबोर्ड.
हमने बाइक को इसलिए शामिल किया क्योंकि आजकल मैप चलाने के लिए फोन कई बार बहुत देर तक गाड़ी के हैन्डल पर फिक्स रहता है. आपको जानकार आश्चर्य होगा कि भले बाहर का तापमान ठीकठाक गर्म हो, लेकिन गाड़ी के अंदर ये 50 डिग्री से भी ऊपर चला जाता है. फोन को कार की सीट या डैशबोर्ड पर सूरज की रोशनी में देर तक रखना बहुत नुकसानदेह है. कई बार फोन इतने गर्म हो जाते हैं कि उनकी स्क्रीन पर वॉर्निंग साइन आ जाता है. ऐसा करने से बचें. अगर ऐसी जगह पर हैं जहां ठंड बहुत ज्यादा पड़ती है तो भी दिक्कत हो सकती है. फोन को नॉर्मल तापमान में रखना सबसे बढ़िया.

सिर्फ एक लाइन में पूरी बात का मर्म समझ आ जाएगा. टेक जगत की तीन सबसे बड़ी कंपनियां ऐप्पल, सैमसंग और गूगल आज भी 50 वॉट चार्जिंग के अल्ले -पल्ले झूल रहे हैं. क्या इनके पास 100-200 वॉट चार्जिंग वाली तकनीक नहीं है? बिल्कुल है, लेकिन ये आम समझ की बात है कि फास्ट चार्जिंग, भयंकर फास्ट चार्जिंग और महाभयंकर फास्ट चार्जिंग बैटरी के लिए अच्छी नहीं. Li-ion बैटरी के क्रिस्टलीकरण (गली धातु से ठोस क्रिस्टल बनाना) का एक निर्धारित प्रोसेस होता है. फास्ट चार्जिंग इसको बिगाड़ देती है. नतीजा बैटरी की अकाल मौत. जितना हो सके उतना बचने में ही भलाई है.
कूल गेमिंग-हॉट चार्जिंगस्मार्टफोन में गेमिंग करना बड़ा कूल लगता है. लेकिन लगातार गेमिंग फोन के प्रोसेसर से लेकर पूरे परफ़ॉर्मेंस पर असर डालती है. फोन गेमिंग के लिए भी बनाया गया है तो भी मेकर्स इसके साथ कूलिंग फैन और पैड इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं. ऐसे में नॉर्मल फोन से गेमिंग और साथ में चार्जिंग अच्छी बात नहीं है. पहली बात तो गेमिंग के समय चार्जिंग करें ही नहीं और अगर फिर भी मन बावरा हो रहा है तो फोन को ठंडा रखने वाली एक्सेसरीज के साथ ऐसा करें. ये भी लंबे समय के लिए नहीं करना है.
इसके साथ लोकल केबल, चार्जर, मेटल फ्रेम वाले कवर भी फोन को अकाल मौत मरने का कारण बनते हैं. इनसे दूरी रखने में ही भलाई है.
वीडियो: सैमसंग और आईफोन किनारे पड़े रहे, बेस्ट स्मार्टफोन का 'अवॉर्ड' इसे मिल गया!