स्मार्टफोन कंपनियां अपने फोन को लॉन्च करते समय कई बातों का जिक्र करती हैं. जैसे फलां वाला प्रोसेसर लगा है या शतक मारने वाला कैमरा फिट किया है. इतने हजार mAh वाली बैटरी लगी है तो मिनटों वाली चार्जिंग का भी प्रबंध है. आजकल AI बहुत जोर से आई हुई है तो उसका जिक्र भी खूब होता है. इसके साथ एक स्कोर की भी खूब चर्चा होती है. इसको बताते समय दूसरे फोन से इसकी तुलना भी की जाती है. इस स्कोर को लाखों में बताया जाता है. इसको दिखाकर फोन लेने की बात भी कही जाती है. मगर आपको इसे नहीं देखना है.
Geekbench और AnTuTu Benchmark स्कोर देखकर स्मार्टफोन खरीदना समझदारी है या गलती?
हम बात कर रहे हैं स्मार्टफोन के Geekbench और AnTuTu Benchmark स्कोर की, जिसके दम पर कंपनियां खूब डींग हांकती हैं. हालांकि इस स्कोर में कोई बुराई नहीं है, फिर भी आपको इस स्कोर पर सेटल नहीं होना है. बताते क्यों?


हम बात कर रहे हैं स्मार्टफोन के Geekbench और AnTuTu Benchmark स्कोर की, जिसके दम पर कंपनियां खूब डींग हांकती हैं. हालांकि इस स्कोर में कोई बुराई नहीं है, फिर भी आपको इस स्कोर पर सेटल नहीं होना है. बताते क्यों?
'हाथी के दांत' वाला मामलाGeekbench और AnTuTu Benchmark स्कोर को आप स्मार्टफोन का मानक मान सकते हैं. स्मार्टफोन से लेकर लैपटॉप के प्रोसेसर तक के बारे में बात करते समय आजकल एक शब्द सामने आता है- ऑक्टा कोर प्रोसेसर. नाम से लगेगा कि आठ प्रोसेसर लगे होते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. प्रोसेसर तो एक ही है लेकिन आठ भागों में बटा हुआ है. जैसे ऑक्टोपस के 8 पैर और एक सिर होता है. वैसे ही कोर को प्रोसेसर के हाथ समझ सकते हैं. अब एक वक़्त पर एक कोर अपनी क्षमता के हिसाब से ही काम कर सकता है. तो ज्यादा काम करने के लिए चाहिए ज्यादा कोर. गीकबेंच स्मार्टफोन के इन्हीं सिंगल और मल्टी-कोर के परफॉर्मेंस को नापता है.
Geekbench की वेबसाइट के मुताबिक, स्कोर की बेसलाइन 1000 है जो intel core i3-8100 प्रोसेसर का होता है. अब इसके ऊपर जितना ज्यादा उतना बढ़िया. सोचिए स्कोर डबल है तो आपका स्मार्टफोन 'अमरेन्द्र बाहुबली' है. अगर आपके मन में सवाल कुलबुला रहा कि क्या हम Geekbench स्कोर चेक कर सकते हैं? हां, बिल्कुल और यही बात इस सॉफ्टवेयर के पक्ष में जाती है. गीकबेंच ऐप google play और app store पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है. इस टेस्ट को रन करने के लिए आपके एंड्रॉयड स्मार्टफोन का वर्जन 7.0 या उससे ऊपर का होना चाहिए. आईफोन यूजर्स के लिए iOS 12 से ऊपर का वर्जन चाहिए होगा. Geekbench की वेबसाइट पर जाकर भी ये टेस्ट रन किया जा सकता है.

Geekbench के अलावा AnTuTu भी ऐसे टेस्ट रन करता है और उसका जिक्र भी खूब होता है. GFXBench (गेमिंग के लिए), Vellamo और 3DMark भी मार्केट में चलन में हैं. इतनी जानकारी से आपका काम चल जाएगा. इसलिए हम वापस चलते हैं अपने मुद्दे पर.
स्कोर के core में झोल हैदरअसल स्मार्टफोन मेकर्स Geekbench स्कोर में झोल करने के लिए पहले से बदनाम हैं. कुछ साल पहले सैमसंग के वाइस चेयरमैन और CEO जोंग ही हैंग ने Galaxy S22 सीरीज में इस्तेमाल किए जाने वाले GOS ऐप की वजह से Geekbench स्कोर प्रभावित होने वाले विवाद पर माफी मांगी थी. चीनी स्मार्टफोन कंपनी Xiaomi के Mi 11 सीरीज के बेंचमार्किंग स्कोर में भी झोल मिला था. अभी कुछ महीने पहले एक और चिप बनाने वाली कंपनी ने कांड किया. उन्होंने दो साल पुराना चिप फिर से लॉन्च किया और उसके स्कोर दिखाकर माहौल बनाया. पोल खुल गई है, मगर कंपनी अभी चुप है. इसलिए हम भी नाम नहीं लिख रहे. लेकिन आज ये सब बताने का कारण यही कंपनी है.
यहां एक बात का ध्यान रखना जरूरी है. Geekbench या AnTuTu का इस झोल से कोई लेना देना नहीं है. मेकर्स डिवाइस में खेल करते हैं. Geekbench ने तो सैमसंग को कुछ महीनों के लिए अपने प्लेटफॉर्म पर बैन तक कर दिया था. इसलिए आप भी इस स्कोर के दम पर फोन मत लीजिए. आपके लिए सही रहेगा कि पता कीजिए कि फोन गर्म तो नहीं हो रहा.
कैमरा चलाते-चलाते कहीं बंद तो नहीं हो जा रहा है. गेम खेलते समय मौके पर धोखा तो नहीं दे रहा. ये सब पता करने का सबसे अच्छा तरीका है कि फोन लॉन्च पर मत खरीदो. थोड़ा सब्र रखो. रिव्यू देखो और हो सके तो पढ़ो भी. रही बात स्कोर की तो वो क्रिकेट का देख लो. अगर वो नहीं देखना तो बिहार चुनाव का स्कोर हम आपको दिखा देंगे.
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