
जोश से ओत प्रोत रिचर्ड ब्रेन्सन. (तस्वीर- पीटीआई)
बिज़नेस का बीज रिचर्ड ब्रैनसन का जन्म 18 जुलाई 1950 को लंदन में हुआ था. इनके पापा बैरिस्टर थे. मम्मी फ्लाइट अटेंडेंट थीं.
रिचर्ड बचपन से ही अलग थे. इन्हें डिस्लेग्सिया नाम की बीमारी थी. वहीं जो 'तारे ज़मीन पर' वाले ईशान अवस्थी को थी. इस समस्या के चलते रिचर्ड ब्रैनसन को पढ़ने-लिखने में दिक्कत होती थी. मैथ्स के नंबर उन्हें अजीबोगरीब दिखाई देते थे.
लेकिन लड़के में बिज़नेस का बीज अंकुरित होने लगा था. 13 साल की उम्र में रिचर्ड ने कुछ क्रिसमस ट्री उगाए ताकि इन्हें बेचकर पैसे कमाए जा सकें. 16 साल की उम्र में रिचर्ड ने ‘स्टूडेंट’ नाम की एक मैग्जीन शुरू की. इसकी 50 हजार से ज़्यादा कॉपी सर्क्युलेट हुईं. और इसमें एडवर्टाइज़मेंट के ज़रिए ब्रैनसन ने 8000 डॉलर कमाए.
ये रिचर्ड की पहली सक्सेस साबित हुई. वो इस सफलता से इतने एक्साइटेड हुए कि मैग्ज़ीन के चक्कर में अपनी स्कूली पढ़ाई छोड़ने का फैसला ले लिया. एक स्टोर से वर्जिन की शुरुआत 1969 में ब्रैनसन ने मेल-ऑर्डर रिकॉर्ड बिज़नेस शुरू किया. वो लंदन में मेल (पोस्ट) के ज़रिए म्यूज़िक रिकॉर्ड्स लोगों के घरों पर पहुंचाने लगे. रिचर्ड ने अपनी मैग्ज़ीन के दफ्तर को इस मेल सर्विस का अड्डा बना लिया. तब उनके पास 20 लोगों की टीम थी. ये बिज़नेस भी हिट हो गया.
लेकिन कुछ महीनों बाद एक पोस्टल स्ट्राइक ने इस बिज़नेस को घुटनों पर ला दिया. इसे बुरी किस्मत कहिए या अच्छी, इस हड़ताल ने उन्हें विकल्प तलाशने पर मजबूर कर दिया. ब्रैनसन ने लंदन में एक रिकॉर्ड स्टोर खोला. और उसे नाम दिया, वर्जिन.
आमतौर पर हम वर्जिन का अर्थ सेक्स के संदर्भ में निकालते हैं. लेकिन किसी भी फील्ड में नई एंट्री मारने वालों को भी वर्जिन कहा जाता है. रिचर्ड के मुताबिक, वो और उनके साथी बिज़नेस में नए थे. इसलिए उन्होंने वर्जिन होना अपनी पहचान का हिस्सा बना लिया.

छुटपन में रिचर्ड ब्रैनसन.
टैक्स चोरी का स्वाद, कानून का हाथ और ज़रूरी सबक वर्जिन रिकॉर्ड स्टोर ने तेज़ी से बढ़त हासिल की. देखते ही देखते स्टोर्स की संख्या एक से 14 हो गई. ब्रैनसन के पास खूब सारा पैसा आने लगा. और साथ में आने लगे टैक्स चोरी करने के खुराफाती आइडिया.
ब्रेनसन ने एक्सपोर्ट सिस्टम में एक लूपहोल तलाश लिया. और इसके ज़रिए एक ऐसा जुगाड़ बनाया, जिससे ज़्यादा टैक्स न चुकाना पड़े. लेकिन जल्दी ही ये चोरी पकड़ी गई और ब्रैनसन को गिरफ्तार कर लिया गया.
एक रात जेल में बिताने के बाद उन्हें फाइन के तौर पर एक मोटी रकम चुकानी पड़ी. रिचर्ड बताते हैं कि ये बेहद ज़रूरी सबक था. इसके बाद से उन्होंने नियम-कानून से खिलवाड़ न करने का इरादा कर लिया. वर्जिन म्यूज़िक रिकॉर्ड्स और झोलाफाड़ पइसा ब्रैनसन ने स्टोर के अलावा एक म्यूज़िक रिकॉर्ड स्टूडियो भी शुरू किया. वर्जिन रिकॉर्ड ने एक के बाद एक हिट गाने रिलीज़ किए. इससे उन्होंने खूब मोटा पैसा कमाया. 1973 में वो मिलियनियर हो चुके थे. यानी दस लाख डॉलर के मालिक. दशक के अंत तक वर्जिन का नाम दुनिया की टॉप छह रिकॉर्ड कंपनियों में शुमार हो गया था. इंग्लैंड के बाहर विदेशों में इसकी शाखाएं खुलने लगीं. ब्रैनसन इतने रईस हो गए कि उन्होंने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में एक द्वीप ही खरीद लिया. वर्जिन एट्लांटिक एयरलाइन, संघर्ष और सफलता की उड़ान 80 के दशक में वर्जिन ने अपना एंपायर और बढ़ाना शुरू किया. म्यूज़िक के बाद वो किताबों और वीडियो के बाज़ार में दाखिल हुए. 1983 तक वर्जिन एंपायर के छत्र तले 50 अलग-अलग कंपनियां चल रही थीं.
1984 में ब्रैनसन ने एक एयरलाइन कंपनी भी शुरू की. उनकी सबसे चर्चित कंपनियों में से एक, वर्जिन एट्लांटिक. उन्होंने 'रैंडॉल्फ फील्ड्स' नाम के साथ इसे शुरू किया था. इंडिया में विजय माल्या ने इसी की नकल करके किंगफिशर एयरलाइन्स शुरू की थी. लेकिन किंगफिशर और वर्जिन में वही अंतर था, जो रीबॉक और रीबुक में होता है, पूमा और पोमा में होता है.

वर्जिन एट्लांटिक की कस्टमर सर्विस बहुत यूनीक थी. पहली फ्लाइट में यात्रियों को शैंपेन बांटी जा रही थी. फ्लाइट के अंदर मसाज, आइसक्रीम और नाना प्रकार के विलास और मनोरंजन के साधन उपलब्ध होते थे. इस तरह वर्जिन हाई क्लास सोसाइटी में चर्चा का विषय बन गई.
वर्जिन एट्लांटिक पॉपुलर तो हो गई थी, लेकिन ये बिज़नेस करना आसान नहीं था. इसकी सबसे बड़ी वजह थी वर्जिन एटलांटिक के प्रतिद्वंदी- ब्रिटिश एयरवेज़. ब्रैनसन के मुताबिक, ब्रिटिश एयरवेज़ उनको दबाने के लिए 'डर्टी ट्रिक्स' अपनाती थी. ब्रैनसन का कहना था कि इससे उन्हें बहुत नुकसान हुआ.
वर्जिन एट्लांटिक बुरे दौर से गुज़र रही थी. इसे बचाए रखने के लिए ब्रैनसन ने 1992 में वर्जिन रिकॉर्ड को बेच दिया. इस डील से उन्हें एक अरब डॉलर की रकम मिली. रिचर्ड ब्रैनसन बताते हैं कि इस कंपनी को बेचने के बाद वो बहुत रोए थे.
लेकिन सब कुछ ऐसे ही नहीं चला. 1993 में ब्रैनसन ने तगड़ी चाल चली. उन्होंने ब्रिटिश एयरवेज़ को कठघरे में खड़ा कर दिया. मामला मानहानि के केस जैसा था. कोर्ट ने रिचर्ड ब्रैनसन के पक्ष में फैसला सुनाया. ये मैटर सुलझाने के लिए ब्रिटिश एयरवेज़ ने वर्जिन एट्लांटिक को करीब 10 लाख डॉलर दिए. और साथ ही ब्रिटिश एयरवेज़ को पब्लिकली माफी भी मांगनी पड़ी. कुछ तो छोड़ देते भैया वर्जिन एंपायर ने इसके बाद कई और कंपनियां शुरू कीं. अब तक वर्जिन 300 से अधिक प्रोडक्ट्स और सर्विस में कदम रख चुकी है. जिनमें से कई चर्चित भी रहीं. जैसे कि,
1997 में शुरू हुई वर्जिन ट्रेन्स. 2001 में लॉन्च हुए वर्जिन मोबाइल. 2004 में बनी वर्जिन गैलेक्टिक.वर्जिन ने हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में भी कदम रखा है. इंडिया में वर्जिन मुंबई से पुणे के बीच एक हाइपरलूप प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. इससे 25 मिनट में मुंबई से पुणे जा सकेंगे.

रिचर्ड ब्रैनसन की वर्जिन ट्रेन.
खतरों का खिलाड़ी रिचर्ड ब्रैनसन बिज़नेसमैन के अलावा एक एडवेंचरर की पहचान भी रखते हैं. कई बार इन्होंने अपनी कंपनी के प्रमोशन के लिए या खालिस एडवेंचर के लिए जोखिम भरे कारनामे किए हैं. जैसे कि हॉट एयर बलून से एटलांटिक और पैसिफिक महासागर पार करना. काइट-सर्फिंग करके इंग्लिश चैनल क्रॉस करना. पर्वतों की चढ़ाई करना. गलती से एक माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट को उड़ाना और क्रैश लैंडिंग कराना. और अपनी ही शादी में हैलिकॉप्टर से छलांग लगाकर एंट्री मारना. एंड द लिस्ट गोज़ ऑन.

एडवेंचर में खासा यकीन रखते हैं रिचर्ड ब्रैनसन.
कई एडवेंचरों में तो रिचर्ड ब्रैनसन ने वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किए हैं. और कई में इनकी जान जाते-जाते बची. वो ज़िंदगी को फन और एड्वेंचर की तरह देखते हैं. और रिस्क लेने से पीछे नहीं हटते. हमको चाहिए फुल इज्जत रिचर्ड ब्रेनसन ने खुद को एक परोपकारी की तरह भी स्थापित किया है. वर्जिन यूनाइट नाम का उनका एक प्रोजेक्ट है जो AIDS से निबटने का काम कर रहा है. वर्जिन फ्यूल्स के ज़रिए ऐसी रिसर्च को फंड किया गया, जिनसे पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाने वाले ईंधन बनाए जा सकें. और भी ऐसे कई कल्याणकारी प्रोजेक्ट पर ब्रैनसन की कंपनियां काम कर रही हैं.
रिचर्ड ब्रैनसन को कई अवार्ड्स से भी सम्मानित किया गया है. इनमें 1999 में इंग्लैंड में मिली 'नाइट' की उपाधि भी शामिल है, जिसके बाद उन्हें सर रिचर्ड ब्रैनसन के नाम से बुलाया जाने लगा. स्पेस रेस का उद्घोष 2004 में रिचर्ड ब्रैनसन ने अपनी स्पेस कंपनी वर्जिन गैलेक्टिक की स्थापना की थी. इसके ज़रिए वो स्पेस टूरिज़्म को सस्ता बनाना चाहते हैं. इस रेस में और भी बड़े खिलाड़ी शामिल हैं. इनमें ऐमजॉन के जेफ बेजोस और टेस्ला के इलॉन मस्क जैसे धुरंधर शामिल हैं. लेकिन 11 जुलाई 2021 को रिचर्ड ब्रैनसन इन लोगों से एक मामले में आगे निकल गए. इस दिन उन्होंने अपनी ही कंपनी के स्पेसक्राफ्ट में अंतरिक्ष की सैर की.

हर एक काम में तुर्रमखां बन जाने वाले रिचर्ड ब्रैनसन (दाएं) और जेफ बेजोस (बाएं). तस्वीर- पीटीआई)
रिचर्ड ब्रैनसन की इस उड़ान और कंपनी के मिशन पर पूरी दुनिया की नज़र थी. ये यात्रा सफल रही, जिसे नए सिरे से स्पेस टूरिज़्म की शुरुआत बताया जा रहा है. रिचर्ड ब्रैनसन से पहले जेफ बेज़ोस ने घोषणा की थी कि वो 16 जुलाई 2021 को अंतरिक्ष में जाएंगे. लेकिन जैसा कि कहा जा रहा है कि ये नई स्पेस रेस की शुरुआत है, और इस रेस में पहली बाज़ी रिचर्ड ब्रैनसन मारकर ले गए हैं.