IPL क्रिकेट का कितना बड़ा आयोजन है, वो बताने की जरूरत नहीं. खिलाड़ियों के लिए ये बड़ा मंच है तो फैंस और कंपनियों के लिए भी ये बहुत बड़ा मौका होता है. हर कंपनी दो महीने चलने वाले इस आयोजन के दौरान अपने प्रोडक्ट का ज्यादा से ज्यादा प्रमोशन करना चाहती है. इसमें खर्च कितना होगा, उसकी तो बात नहीं करना बेहतर होगा. ऐसे में आज एक ऐसी कंपनी की बात करेंगे जिसने IPL में विज्ञापन तो दिया, मगर अपना नहीं. इस कंपनी ने करोड़ों खर्च करके IPL मैचों के दौरान स्लॉट तो बुक किए, मगर उसका पूरा फायदा दूसरों को दिया.
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Razorpay का IPL में अनोखा मार्केटिंग कैंपेन खूब चर्चा में है. कंपनी कि B2B बिजनेस स्ट्रेटजी की खूब तारीफ हो रही है. कंपनी के आईपीएल स्लॉट से 37 से ज्यादा स्टार्टअप्स को करोड़ों की ब्रांडिंग मुफ़्त में मिल गई. जानते हैं क्या किया है कंपनी ने और क्यों किया है.
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बात करेंगे Razorpay की जिसका IPL में अनोखा मार्केटिंग कैंपेन खूब चर्चा में है. कंपनी कि B2B बिजनेस स्ट्रैटजी की खूब तारीफ हो रही है. कंपनी के IPL स्लॉट से 37 से ज्यादा स्टार्टअप्स को करोड़ों की ब्रांडिंग मुफ़्त में मिल गई. जानते हैं आखिर क्या किया है कंपनी ने.
37 स्टार्टअप्स की मौज हो गईIPL में 10 सेकंड के विज्ञापन का खर्च भी 15-20 लाख रुपये आता है. हर कंपनी ये रकम चुका कर अपने प्रोडक्ट का प्रचार करना चाहेगी. लेकिन Razorpay ने ऐसा नहीं किया. कंपनी ने स्लॉट तो खरीदे मगर उसमें कई सारे इंडियन स्टार्टअप्स को दिखाया. किसी विज्ञापन में उनके फाउंडर को शोकेस किया तो किसी में उनकी बनने की कहानी दिखाई. वैसे कंपनी भी इन विज्ञापनों में नजर आती है, मगर फोकस इन स्टार्टअप्स पर ही है.
उदाहरण के लिए, Mrucha Beauty जो कॉन्टेन्ट क्रिएटर Mrunal का स्टार्टअप है, या फिर पारुल गुलाटी का Nish Hair. Cars24 से लेकर OYO भी इस कैंपेन का हिस्सा बने. देश के 37 से ज्यादा स्टार्टअप्स कंपनी के ‘Backing India's Boldest’ कैंपेन का हिस्सा थे. Razorpay के जरिए करोड़ों लोगों तक उनका ब्रांड और उनकी बात पहुंच गई.

मार्केट की भाषा में इसे "Culture-first marketing" कहते हैं. आसान भाषा में कहें तो अपने बारे में बताने से अच्छा अपने कल्चर के बारे में बताना. उदाहरण के लिए, आप विदेश में हैं और किसी प्रोग्राम में सूट की जगह कुर्ता, साड़ी या कोई और पारंपरिक कपड़े पहन कर जाएं. उदाहरण थोड़ा अजीब लगेगा मगर जब हम Razorpay के बारे में बताएंगे तो आपको शिकायत नहीं होगी. यहीं से ये भी पता चल जाएगा कि आखिर कंपनी ने दूसरों पर इतना पैसा क्यों फूंका.
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Razorpay दुनिया जहान की कंपनियों, यूजर्स और बैंकों के बीच का एक पुल है. ये वो पुल है जो दिखता नहीं मगर इन तीनों के बीच में जो लेनदेन होता है, वो इसी के मार्फत होता है. आप जब किसी वेबसाइट पर पेमेंट करते हैं तो वो एक सीधे अकाउंट में नहीं जाता. ‘Payment Through Razorpay’ लिखा दिखता है. माने कंपनी पर्दे के पीछे काम करती है. कंपनी तमाम ऐप्स से लेकर बैंकों और वेबसाइटों तक को अपनी सर्विस देती है. इससे सभी खुश रहते हैं क्योंकि हर काम हर किसी के बस का नहीं. कंपनी इसके बदले में ऐप, बैंक, वेबसाइट से सर्विस चार्ज करती है. Bharath QR इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. ऐसी और भी कई कंपनियां हैं मार्केट में.
पर्दे के पीछे की इस सर्विस को छोटा-मोटा मत समझें. साल 2014 में स्टार्ट हुई इस देसी कंपनी की मार्केट वैल्यू 7.5 बिलियन डॉलर माने 6500 करोड़ रुपये है. माथुर (CEO & Co-Founder) और शशांक कुमार (MD & Co-Founder) ने इसे स्टार्ट किया था. IPL में नजर आए सारे के सारे 37 स्टार्ट अप इसी कंपनी की सर्विस लेते हैं.
मतलब अगर ये बढ़े तो Razorpay तो अपने आप ही बड़ा होता जाएगा. तो Razorpay का कल्चर हुआ उसकी कंपनियां. बोले तो उसके सूट, साड़ी, या कुर्ता. उसने उनको प्रमोट किया. बढ़िया तरीका. कंपनी ने जो चाहा उसे मिल गया. IPL में उसकी कंपनियों को भाव मिला तो अब हर कोई उनकी बात कर रहा.
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