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Meesho के नाम पर इनामी लिफाफा आएगा, QR Code स्कैन कराएगा, अकाउंट खाली हो जाएगा

कोई फोन कॉल नहीं, कोई मेल नहीं, कोई एसएमएस भी नहीं. ऑर्डर कैंसिल होने वाला ओटीपी भी नहीं. पुलिस और सीबीआई के नाम पर दी जाने वाली धमकी भी नहीं. इस बार आपके घर या ऑफिस में आएगा एक लिफाफा. कोई दरवाजे के पास फेंक कर नहीं जाएगा बल्कि बाकायदा किसी बड़ी कूरियर कंपनी की सर्विस इस्तेमाल होगी.

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स्कैम के लिए देसी तरीका.

गणित के अनुसार दो समांतर रेखाएं भी अंत में जाकर मिल जाती हैं. कहने का मतलब हर चीज का कोई एक अंत होता है, मगर फर्जीवाड़ा करने वालों के लिए शायद ऐसा कहना मुमकिन नहीं. एक का पता चलता है तो दूसरा आ जाता है. दूसरे पर लगाम लगाओ तो तीसरा आ जाता है. जब ओटीपी और लिंक वाले डिजिटल तरीके पकड़ में आने लगे तो अब एकदम देसी तरीका निकाला जा रहा है. कागज-पत्री का इस्तेमाल करके लोगों को ठगने की तैयारी चल रही. अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि इसके लिए किसी बड़ी कंपनी के नाम का गलत इस्तेमाल भी हो रहा होगा.

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Meesho के नाम का गलत इस्तेमाल

ये हमने सबसे पहले इसलिए बता दिया क्योंकि ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट Meesho का इस फर्जीवाड़े से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं. साइबर अपराधी कंपनी के नाम का इस्तेमाल लोगों को ठगने के लिए कर रहे हैं. 

चलिए अब जरा पूरा झोल समझते हैं.

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कोई फोन कॉल नहीं, कोई मेल नहीं, कोई एसएमएस भी नहीं. ऑर्डर कैंसिल होने वाला ओटीपी भी नहीं. पुलिस और सीबीआई के नाम पर दी जाने वाली धमकी भी नहीं. इस बार आपके घर या ऑफिस में आएगा एक लिफाफा. कोई दरवाजे के पास फेंक कर नहीं जाएगा, बल्कि बाकायदा किसी बड़ी कूरियर कंपनी की सर्विस इस्तेमाल होगी.

ये सब इसलिए कि सारा प्रोसेस एकदम असली लगे. अब आप लिफाफा खोलेंगे तो मीशो ऑनलाइन प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर एक अचीवमेंट सर्टिफिकेट निकलेगा. कलरफुल फॉर्म, जिसमें आपको अपने डिटेल भरने के लिए कहा जाएगा.

वजह, क्योंकि आपने जीती है एक मारुति कार या कोई बहुत बड़ा इनाम. यहां तक आपको लगेगा इसमें क्या है, भरकर भेज देते हैं. 

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नहीं, क्योंकि असल खेला अभी बाकी है. सारी जानकारी भरने के बाद एक फॉर्म में दिए गए कोड को स्क्रैच करने के लिए कहा जाएगा.

स्क्रैच करते ही सामने नजर आएगा एक क्यूआर कोड जिसे स्कैन करना है. मतलब ये प्रोसेस है, लेकिन आपने ऐसा बिल्कुल नहीं करना है. क्यूआर कोड स्कैन और खेल खत्म.

इस पूरे फर्जीवाड़े के बारे में इंस्टा पर जानकारी शेयर की है thefriendlyadvocate नाम के अकाउंट ने. वीडियो पूरा देखने पर पता चलता है कि जब फॉर्म पर दिए गए नंबर पर बात की गई तो पोल खुल गई. पहले पहल तो उस नंबर से एकदम कस्टमर केयर जैसे बात हुई, मगर जब ज्यादा जानकारी मांगी गई तो फिर बेहूदा तरीका अपनाया गया.

जैसा हमने पहले ही कहा,  मीशो का इस लॉटरी स्कैम से कोई लेना-देना नहीं है. इंस्टा पोस्ट में भी इस बात का डिटेल में जिक्र है. रही बात आपकी और हमारी तो हमें सिर्फ सावधान रहना है. यही एक तरीका है जो ऐसे फर्जीवाड़े से बचा सकता है.

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