अपने लिए पर्सनल कंप्यूटर या लैपटॉप लेने का सोच रहे हैं तो रुक जाइए. इसके बदले एक बढ़िया सा बड़ी स्क्रीन वाला टीवी खरीद लीजिए. उतने भर से काम हो जाएगा. सच में क्योंकि रिलायंस जियो ने भारत में वर्चुअल डेस्कटॉप सर्विस JioPC लॉन्च किया है. यूजर्स अपने किसी भी टीवी को पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) की तरह इस्तेमाल कर पाएंगे. माने अलग से CPU लेने का झंझट नहीं. टीवी के साथ, माउस और कीबोर्ड कनेक्ट कीजिए और बस हो गया. वैसे इसके लिए जियो के सेट-टॉप बॉक्स की जरूरत होगी. बताते कैसे.
JioPC: अब टीवी ही बनेगा आपका कंप्यूटर, CPU का झंझट नहीं
JioPC एक क्लाउड बेस्ड पीसी है मतलब स्टोरेज का काम क्लाउड पर होगा. कंपनी ने दो साल पहले इस प्रोडक्ट के बारे में दुनिया को बताया था. JioPC को फिलहाल कंपनी फ्री ट्रायल बेस पर टेस्ट कर रही है. फिलहाल इस सर्विस को वही यूजर्स इस्तेमाल कर सकते हैं, जिन्हें कंपनी की ओर से इन्वाइट मिल रहा है.

JioPC एक क्लाउट बेस्ड पीसी है मतलब स्टोरेज का काम क्लाउड पर होगा. कंपनी ने दो साल पहले इस प्रोडक्ट के बारे में दुनिया को बताया था. JioPC को फिलहाल कंपनी फ्री ट्रायल बेस पर टेस्ट कर रही है. फिलहाल इस सर्विस को वही यूजर्स इस्तेमाल कर सकते हैं, जिन्हें कंपनी की ओर से इनवाइट मिल रहा है.
यूजर्स को अपने टीवी को वर्चुअल डेस्कटॉप की तरह यूज करने के लिए जियो के सेट-टॉप बॉक्स की जरूरत होगी. जियो का सेट-टॉप बॉक्स कंपनी के ब्रॉडबैंड सर्विस के साथ आता है. इस सेटटॉप बॉक्स को अलग से खरीदने के लिए यूजर्स को 5499 रुपये देने होंगे. अगर जो आप पहले से इसका इस्तेमाल करते हैं तो फिर आपको बस इनवाइट मिलने की देर है.
टीवी को कंप्यूटर की तरह इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स को टीवी के साथ की-बोर्ड और माउस को भी कनेक्ट करना होगा. फिर ऐप सेक्शन मे जाकर JioPC पर क्लिक करना होगा. अकाउंट बनाने के बाद इस सर्विस के तहत यूजर्स पहले से इंस्टॉल LibreOffice में माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस की एप्लीकेशन यूज कर सकते हैं. फिलहाल इस सर्विस के साथ यूजर्स कैमरा और प्रिंट जैसे डिवाइस कनेक्ट नहीं कर पाएंगे.
क्योंकि अभी JioPC फ्री ट्रायल बेस पर है तो इसके असल प्लान क्या होंगे, उसका पता नहीं चला है. माने क्लाउड पर स्टोरेज का प्लान या फिर कोई और चार्ज कितना रहेगा, वो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा.
JioPC भारत के मार्केट में एक गेम चेंजर हो सकता है क्योंकि Counterpoint की रिसर्च के मुताबिक देश के 70 फीसदी घरों में टीवी तो हैं मगर पर्सनल कंप्यूटर सिर्फ 15 फीसदी ही हैं. कंपनी का 48 करोड़ से ज्यादा मोबाइल वाला यूजर बेस भी इसमें उसकी खूब मदद कर सकता है. बाकी ये वाकई में कैसा काम करता है, वो जल्द पता करके बताते हैं.
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