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इस दिवाली से iPhone लेने के लिए किडनी नहीं बेचनी पड़ेगी?

iPhone 14 की लॉन्चिंग के दो महीने के बाद भारत में इसका प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा.

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भारत में कितने सस्ते होने वाले हैं आईफोन.

दो अरब से थोड़े ज्यादा. किसी देश की जीडीपी या जनसंख्या की बात नहीं कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं आज तक दुनियाभर में बिके iPhone की. 2007 में पूरी दुनिया के सामने आने के बाद इतने आईफोन बेच लिए हैं Apple ने. सब कुछ बढ़िया है, लेकिन एक दर्द हम भारतीयों का है जो 15 साल के बाद भी कम नहीं हुआ है. आईफोन बहुत ही महंगा है! इतना महंगा कि इंसान को अपनी किडनी बेचनी पड़े! ये बात मजाक में कही जाती है.

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दरअसल, Apple ने वादे भी खूब किए. चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर में अपनी सहयोगी कंपनी फॉक्सकॉन के साथ प्रोडक्शन भी स्टार्ट किया. लेकिन नतीजा ढाक के वही तीन पात. अभी भी मोटा पैसा देना पड़ता है, हमें दूसरे देशों के मुकाबले. लेकिन अब एक उम्मीद बंधी है. उम्मीद ही कहेंगे क्योंकि टेक दिग्गज ने कहा है कि वो iPhone 14 सीरीज का भारत में उत्पादन लॉन्च के सिर्फ दो महीने बाद ही कर देंगे. अब 7 सितंबर को iPhone 14 लॉन्च हो गया है, तो इस हिसाब से दिवाली तक मेड इन इंडिया आईफोन मिलेगा हमें.

आईफोन 14 

सवाल अभी भी वही है. सस्ता होगा क्या? अगर सस्ता हुआ तो कितना? हजार-दो हजार की मुंह दिखाई होगी या फिर सच में कम पैसा लगेगा? इस सवाल का जवाब जानने के लिए पहले जरा आईफोन के प्रोडक्शन का गुणा गणित समझते हैं.

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iPhone बनता कहां है?

आईफोन बनने की शुरुआत होती है पार्ट्स इकट्ठा करने से. कुल जमा 200 पार्ट्स होते हैं एक आईफोन में. चिप से लेकर मेमोरी, कैमरे से लेकर बैटरी तक. ये पार्ट्स दुनिया जहान के कई अलग-अलग सप्लायर्स से खरीदे जाते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि एप्पल, जिससे कुत्ते-बिल्ली की तरह लड़ता रहता है वो उसका सबसे बड़ा सप्लायर है. सैमसंग. बिन सैमसंग काम नहीं चलेगा एप्पल का. कोई अचरज नहीं कि यूरोप से लेकर अमेरिका तक, जहां से आईफोन के पार्ट्स आते हैं, उसमें सबसे बड़ा हिस्सा तकरीबन 26.8 प्रतिशत साउथ कोरिया से आता है.

सारे पार्ट्स को भेजा जाता है एप्पल के प्रोडक्शन पार्टनर फॉक्सकॉन की चीन स्थित फैक्ट्री में. चीन के Zhengzhou के इस प्लांट को आईफोन सिटी भी कहा जाता है. लगभग साढ़े तीन लाख कर्मचारी काम करते हैं यहां, जो हर मिनट औसतन 350 आईफोन बनाते हैं. पूरे 400 स्टेप्स के बाद तैयार होता है एक आईफोन जिसमें शामिल है पॉलिशिंग, सोल्डरिंग, ड्रिलिंग और फिटिंग. 

दिन के पांच लाख से ऊपर आईफोन बनते हैं. पैकिंग के बाद इनको अमेरिका सहित दुनिया के दूसरे देशों में भेजा जाता है. इसके लिए पास ही में सिर्फ लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर इन्टरनेशनल एयरपोर्ट बनाया गया है. एक बात गौर करने लायक है. फॉक्सकॉन प्लांट से जितना वक्त आईफोन को शंघाई पहुचाने में लगता है, उतना ही वक्त सैन फ्रांसिस्को पहुचाने में. क्या हुआ, दिमाग घूम गया? दरअसल शंघाई के लिए आईफोन जाते हैं ट्रक में. जिनको लगते हैं दो से तीन दिन. वहीं फ्लाइट के जरिए अमेरिका पहुंचने में भी तकरीबन इतना ही समय लगता है.

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फॉक्सकॉन (image-india today)
भारत में क्या कंडीशन है?

सालों के बाद 2017 में आईफोन SE के साथ इंडिया में भी प्रोडक्शन होने लगा है. एप्पल के तीन पार्टनर फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर में आईफोन बनाते हैं. आईफोन 11, आईफोन 12 और आईफोन 13 की मैन्युफैक्चरिंग भी यहीं होती है. जैसे हमने बताया, iPhone 14 भी यहीं बनेगा. पिछले साल आईफोन 13 का उत्पादन लॉन्च के तकरीबन सात महीने बाद स्टार्ट हुआ था, लेकिन नए आईफोन को सिर्फ दो महीने में ही बनाया जाएगा. साल यानी 2021 में इंडिया में 75 लाख आईफोन बने थे और कंपनी इस साल इसको एक करोड़ से ऊपर ले जाने की उम्मीद कर रही है.

iPhone सस्ता होगा क्या?

दुखद है, लेकिन सच ये है कि नहीं होगा. वैसे जितने आईफोन प्रोडक्शन की उम्मीद एप्पल कर रहा, उससे इंडिया की कुल डिमांड का 85 प्रतिशत पूरा हो सकता है. लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि इंडिया में सिर्फ असेंबलिंग होती है. मतलब दुनिया जहान से पुर्जे लाकर उनको फिक्स किया जाता है. यहां कुछ नहीं बनता. इन्ही पार्ट्स पर जिन्हें OEM (ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स) कंपोनेंट कहा जाता है. उन पर लगती है तगड़ी इंपोर्ट ड्यूटी. GST और दूसरे टैक्स तो अलग से हैं ही. अभी भारत में एप्पल, आईफोन और अन्य उत्पादों को बेचने के लिए थर्ड पार्टी रिटेल नेटवर्क पर निर्भर है, जिससे आईफोन की कीमत बढ़ जाती है. कमीशन बाबू भईया कमीशन! अभी कंपनी सिर्फ ऑनलाइन सेल्स ही डायरेक्ट करती है. 

आईफोन 13 अभी इंडिया में बनता है. (image-india today)

आईफोन कथा का लब्बोलुआब यही है कि आज भी इंडिया में आईफोन लेने के लिए या तो लोन लेना पड़ेगा या फिर किडनी बेचनी पड़ेगी. किडनी वाली बात अभी भी मजाक ही है! वैसे जाते-जाते थोड़ा खुश हो लीजिए. दुनिया में सबसे महंगे आईफोन वाले देशों की लिस्ट में हम तीसरे नंबर पर आ गए हैं. खुश इसलिए क्योंकि पहले हम दूसरे नंबर पर थे. पहले पर था ब्राजील लेकिन अब टर्की पहले पर आ गया. हमारे पीछे हैं हंगरी और पोलेंड.

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