UPI पेमेंट अब बहुत आम हो गया है. हालांकि, अगर इसमें कोई गलती हो जाए तो बड़ी गड़बड़ हो जाती है. गलत अकाउंट में पेमेंट हो जाए, तो पैसे वापस आने के चांस बहुत कम होते हैं. ऐसा बहुत सारे लोगों के साथ होता है कि कई बार UPI पेमेंट गलत अकाउंट में चला जाता है और लोग हाथ मलते रह जाते हैं. लेकिन अगर हमारे बताए तरीके को अपना लिया तो हो सकता है कि आपके पैसे वापस आ जाएं.
UPI से गलत अकाउंट में पैसा चला गया, ऐसे वापस आएगा
कई बार गलत अकाउंट में पैसा चला जाता है.

सवाल ये है कि अगर आप गलती से किसी दूसरे अकाउंट में पैसे भेज देते हैं, तो क्या वो पैसा वापस मिल जाता है? साथ ही, ये भी कि अगर कभी आपके साथ ऐसी स्थिति हो जाए तो आपको क्या करना चाहिए और इसके लिए कहां शिकायत करनी होगी और इसकी प्रोसेस क्या है?
UPI ने इसके बारे में बताया है,
हम आपको सलाह देते हैं कि कोई भी ट्रांजेक्शन करते वक्त आपको सचेत रहना चाहिए. कोई भी गलत इनपुट या अनवेरिफाइड डिटेल का नतीजा हो सकता है कि किसी गलत व्यक्ति के खाते में पैसे चले जाएं.’
दरअसल UPI के आधिकारिक ट्विटर हैन्डल ने एक यूजर की शिकायत पर जवाब देते हुए ये कहा था. ये तो हो गई सावधानी, लेकिन तब क्या जब गलती हो ही गई हो. ऐसे में सबसे बढ़िया तरीका है कि जितनी जल्दी हो सके अपने बैंक में संपर्क करें. बिना देर किए कस्टमर केयर का नंबर घुमा दीजिए. बैंक आपसे इस बारे में सारी जानकारी ईमेल पर मांग सकता है. ईमेल में सारे सबूत अटैच करते हुए सारी जानकारियां मसलन, ट्रांजेक्शन नंबर, अमाउंट, किस अकाउंट से पैसे कटे, गलती से किस अकाउंट में पैसे चले गए, ट्रांजेक्शन की तारीख और समय आदि बताएं. एक बात का ध्यान रखिए, जितनी ज्यादा डीटेल देंगे, उतना बढ़िया. अकाउंट स्टेटमेंट और स्क्रीनशॉट भी साथ में दे सकते हैं.
जिस अकाउंट में गलती से पैसे ट्रांसफर हुए हैं, अगर वो आपकी ही ब्रांच का है तो शायद थोड़ी आसानी हो सकती है. बैंक आपके निवेदन पर संबंधित खाताधारक से संपर्क करेगा और अगर सामने वाले ने हामी भर दी तो सात दिन में आपका पैसा वापस मिल सकता है. मामला अगर दूसरी ब्रांच से जुड़ा है, तो आपको उस ब्रांच में जाकर खुद मैनेजर से बात करना पड़ेगी. इस पूरी प्रक्रिया में दो महीने का भी समय लग सकता है.
एक बात आपको समझनी चाहिए. वो ये कि आपके गलत पेमेंट के लिए बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं है, इसलिए पैसे वापस आने की गारंटी बैंक की नहीं है. सबकुछ आपके त्वरित एक्शन पर निर्भर करेगा. आप कोर्ट से नोटिस भिजवाकर कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर सकते हैं लेकिन रिजर्व बैंक का नियम कहता है कि इसके लिए बैंक दोषी नहीं हैं. क्योंकि आप खुद ही सारी जानकारियां भरते हैं, इस कारण सारी जवाबदेही भी आपकी हो जाती है.
वैसे IFSC कोड से पेमेंट होने पर कई बैंक कुछ मामूली रकम लेकर रिस्क कवर देते हैं. पैसे भेजने के लिए आप ये सुविधा इस्तेमाल कर सकते हैं. दूसरा तरीका एकदम देसी है. पहले एक रूपया भेजो, चेक करो फिर आगे बढ़ो.
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