The Lallantop

पिता टायर के ट्यूब पर बिठाकर नदी पार करवाते हैं, तब जाकर ये बच्चे स्कूल जाते हैं

माता-पिता की ये ड्यूटी रहती है कि वे अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए घर से ट्यूब लेकर निकलें. इसके बाद वे बच्चों को नदी पार कराकर उसी ट्यूब से खुद वापस आते हैं.

Advertisement
post-main-image
बारिश के बीच टायर की ट्यूब के सहारे नदी पार करते हुए बच्चे. (क्रेडिट - इंडिया टुडे)

महाराष्ट्र के पालघर से एक वीडियो सामने आया है. वीडियो में तेज बारिश के बीच कुछ बच्चे अपने पिता के साथ टायर ट्यूब के सहारे नदी क्रॉस कर रहे हैं. ये बच्चों को इस तरीके से जान खतरे में डालकर स्कूल जा रहे हैं. यही नहीं इस दौरान बच्चे अपने सिर पर स्कूल का बैग और दूसरे हाथ में स्कूल ड्रेस भी लिए हुए हैं. क्योंकि नदी पार करते समय उनके सारे कपड़े भीग जाते हैं. स्कूल पहुंचते ही उन्हें अपनी ड्रेस पहननी होती है.

Advertisement

इंडिया टुडे से जुड़े मोहम्मद हुसैन खान की रिपोर्ट के मुताबिक, ये वीडियो पालघर के महसे गांव का है. इस गांव में एक भी स्कूल नहीं है. यहां रहने वाले बच्चों को पढ़ाई के लिए नदी पार कर बगल के वाकी गांव की स्कूल में जाना पड़ता है.

महसे गांव में रहने वाले माता-पिता की ये ड्यूूटी रहती है कि वे अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए घर से ट्यूब लेकर निकलें. इसके बाद वे बच्चों को नदी पार कराकर उसी ट्यूब से खुद वापस आते हैं. जब शाम में बच्चे स्कूल से वापस आते हैं, तो तेज आवाज देकर माता-पिता को बुलाते हैं. जिसके बाद उनके माता-पिता दोबारा ट्यूब लेकर उन्हें लेने पहुंचते हैं.

Advertisement

आम दिनों में जब नदी में पानी का बहाव कम होता है. तो बच्चे एक टूटे हुए बांध को पार कर स्कूल जाते हैं लेकिन बारिश के समय ऐसा करना खतरनाक हो सकता है इसलिए उन्हें मजबूर होकर नदी क्रॉस करनी होती है.

गांव के रहने वाले मिलिंद महाकाल ने मीडिया से बात करते हुए बताया, 

“गांव के बच्चे हर रोज जान जोखिम में डालते हैं. इससे पहले कि कोई हादसा हो जाए, हम सरकार से यहां पुल बनाने की अपील करते हैं.” 

Advertisement

वहीं स्कूल जाने वाली एक बच्ची ने पुल की मांग करते हुए कहा, 

“हम टायर से स्कूल जाते हैं, हमें अपनी ड्रेस और किताबों को बैग में रखना होता है. हमें  पुल चाहिए…”

एजुकेशन डिपार्टमेंट से जुड़ी एक अधिकारी सोनाली मातेकर भी नदी किनारे पहुंचीं. उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा,

“बच्चो के स्कूल पहुंचने के स्ट्रगल को देककर मेरे पास शब्द नहीं. हम इसकी जानकारी सीनियर ऑफिसर्स को देंगे और इसका सॉल्यूशन निकालेंगे.”

उन्होंने बताया कि महसे गांव से सात-आठ बच्चे इस तरीके से नदी पार कर स्कूल में पढ़ने आते हैं.

इस इलाके के पूर्व विधायक और शरद पवार गुट वाली NCP के नेता सुनील भुसरा ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाए कि सत्ताधारी पार्टियों ने उनके क्षेत्र के ढाई सौ करोड़ के विकास काम रद्द कर दिये थे. इस राश में पुल का निर्माण भी शामिल था. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार चाहे तो आज भी इस पुल का निर्माण करा सकती है.

वीडियो: बिना टिकट सफर कर रहे थे GRP जवान, TTE ने टिकट मांगा तो कर दी पिटाई

Advertisement