एक्टर R. Madhavan की एक वीडियो क्लिप आजकल बड़ी वायरल हो रखी है. इस क्लिप में माधवन क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के बीच में सेफ्टी का अंतर बता रहे. बकौल माधवन वो सिर्फ क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते (common credit card mistakes) हैं ताकि ठगी से बचे रहें. बचे रहें या कहें कि अगर ठगी हुई भी तो ज्यादा नुकसान नहीं हो. माने क्रेडिट कार्ड अगर किसी के हाथ लगा भी तो वो उसकी लिमिट से ऊपर क्या ही खर्च करेगा. लेकिन अगर डेबिट कार्ड से स्कैम हुआ तो पूरा अकाउंट ही सफाचट हो जाएगा. क्या वाकई में ऐसा होता है.
आर माधवन ने क्रेडिट कार्ड को क्यों बताया डेबिट कार्ड से सेफ? 5 पॉइंट में जानिए असली सच
Credit Card Vs Debit Card: एक्टर R. Madhavan सिर्फ क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते (common credit card mistakes) हैं ताकि ठगी से बचे रहें. बचे रहें या कहें कि अगर ठगी हुई भी तो ज्यादा नुकसान नहीं हो. माने क्रेडिट कार्ड अगर किसी के हाथ लगा भी तो वो उसकी लिमिट से ऊपर क्या ही खर्च करेगा. क्या वाकई में ऐसा होता है.

मैडी भाई तो बड्डे आदमी, अकाउंट में खूब पीसा होगा और डेबिट कार्ड की लिमिट भी बहुत ज्यादा होगी. वैसे ऐसा होना जरूरी तो नहीं लेकिन मान लेते हैं. मगर आम यूजर्स के केस में ऐसा होता नहीं. उल्टा उनको तो क्रेडिट कार्ड से लंबा चूना लग सकता है. बताते हैं कैसे.
डेबिट कार्ड की लिमिट होती हैइंडिया में ज्यादातर बैंको के डेबिट कार्ड पर रोज कैश निकालने की लिमिट 40 हजार से 3 लाख के बीच होती है. कुछ 1 लाख वाले भी होते हैं तो कुछ मात्र 25 हजार वाले. 1 लाख वाले कुछ होते हैं और 3 लाख वाले गिनती के. मतलब जिनको HNI (High Net Worth Individual) कहते हैं. ऐसे ही कार्ड से शॉपिंग करने की भी एक लिमिट है.
25 हजार से 3 लाख के बीच. बीच में 50 हजार को एक मानक पकड़ लीजिए क्योंकि वैसे ही डेबिट कार्ड अधिकतर ग्राहकों के पास होते हैं. माने कि दिन भर में इससे ज्यादा पैसा इधर से उधर नहीं होता. किसी के अकाउंट में ट्रांसफ़र करना है तो वहां भी लिमिट है. अकाउंट एड करने के बाद पहले 24 घंटे तो 10 हजार से ऊपर भेजने का जुगाड़ ही नहीं होता.

आजकल डेबिट कार्ड में अधिकतर फीचर मसलन इंटरनेशनल लेनदेन तो बंद ही होता है. आपको ऐप में जाकर या इंटरनेट बैंकिंग से उसको इनेबल करना होता है. वैसे डेबिट कार्ड से ठगी होती है मगर उससे बहुत बड़ा अमाउंट नहीं निकल सकता. इसलिए तो ठग डिजिटल अरेस्ट करके नेट बैंकिंग से पैसा ट्रांसफर करवाते हैं क्योंकि वहां से ऐसा किया जा सकता है. ये अलग बात है कि कोई डेबिट कार्ड इस्तेमाल में ही नहीं हो और SMS भी चेक नहीं कर रहा हो तो धीरे-धीरे फिर चाहे जितना पैसा निकाल लो. लेकिन एक आम ग्राहक को क्रेडिट कार्ड से जरूर फटका लग सकता है अगर वो ये पांच काम करता है.
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# क्रेडिट कार्ड से तेल भरवाना- ये वो सबसे बड़ी गलती है जो अधिकतर क्रेडिट कार्ड धारक करते हैं. हर क्रेडिट कार्ड पर पेट्रोल भरवाने पर छूट नहीं मिलती. उल्टे फाइनल बिल में एक्स्ट्रा पैसा लगता है. इसलिए अपने क्रेडिट कार्ड पर चेक कर लीजिए. कोई चार्ज तो नहीं है. पॉइंट मिलते हैं या कैश बैक. पेट्रोलियम कम्पनियां भी बैंको के साथ मिलकर कार्ड बनाती हैं. मगर वो भी सिर्फ उनके पेट्रोल पंप पर. इसलिए कार्ड से पेट्रोल भरवाते समय बहुत ध्यान रखें.

# लिमिट पार करना- ये भी एक बड़ी गलती है जो कई ग्राहक करते हैं. मसलन लिमिट 1 लाख की तो पूरे फूंक दिए. ऐसा नहीं करना है. 30-40 फीसदी से ज्यादा नहीं. बहुत से बहुत 60-70 फीसदी. आप भले पैसा टाइम पर भरते हैं मगर पूरी लिमिट फूंकने पर ऐसा लगता है जैसे आप क्रेडिट कार्ड पर ही डिपेंड हैं. इसका असर क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है.

# क्रेडिट से कैश- भाई साब ये गलती नहीं बल्कि क्राइम है. क्रेडिट कार्ड से कैश निकालते ही आप बहुत बड़ी मुश्किल में आ जाते हैं. विथड्रॉ फीस, प्रोसेसिंग फीस, जीएसटी तो उसी समय वसूल लिया जाता है. फिर लगता है 30-40 फीसदी ब्याज. इससे अच्छा तो किसी दोस्त या पड़ोसी से उधार ले लीजिए.
# बुकिंग- ट्रेन टिकट, टैक्स पेमेंट या फिर बीमा का भुगतान भी नहीं करें. यहां भी आपको एक्स्ट्रा चार्ज देना होता है. हां आपके कार्ड पर ऐसी कोई सुविधा है या फिर ऑफर वगैरा मिल रहा तो अलग बात. 2-3 फीसदी पैसा क्यों ही ज्यादा देना.
# मिनिमम है मैक्सिमम- क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करते समय जो मिनिमम बैलेंस भरने की सुविधा मिलती है, वो असल में बड़ी वसूली है. ऐसा करके आप कुछ बचा नहीं रहे बल्कि सिर्फ अपने मन को भ्रम में डाल रहे. अगली बिल साइकिल पर फाइनल अमाउंट देख लीजिए. समझ आ जाएगा कि आप तो लुट गए हैं.
इसलिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल सावधानी से करें. वैसे मैडी भइया के लिए एक बात बता देते हैं. उनके लेवल पर जो क्रेडिट कार्ड उनके पास होगा, उसकी लिमिट बहुत ज्यादा होगी. मतलब ठगी होने पर बड़ा फटका लगेगा. अच्छा होगा कि डेबिट और क्रेडिट कार्ड की लिमिट को फिक्स कर लिया जाए.
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