भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया है. धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखकर अपना पद त्यागा है. अपने पत्र में धनखड़ ने लिखा,
जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया
जगदीप धनखड़ ने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया है.

"स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए और डॉक्टरों की सलाह मानते हुए मैं उपराष्ट्रपति पद से तुरंत इस्तीफा दे रहा हूं. "

74 वर्षीय जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में देश के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला. पेशे से वरिष्ठ अधिवक्ता रहे धनखड़ इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं. उन्होंने 2022 में कार्यभार संभाला था. 2027 में उनका कार्यकाल पूरा होना था. लेकिन उन्होंने कार्यकाल पूरा होने के दो साल पहले ही इस्तीफा दे दिया.
इस्तीफा देते हुए जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति को उनके सहयोग और अच्छे रिश्तों के लिए धन्यवाद दिया. साथ ही प्रधानमंत्री और मंत्री परिषद का भी आभार जताया. अपने कार्यकाल को एक "सूझबूझ और सौभाग्य" का दौर बताते हुए, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत की आर्थिक प्रगति को देखना और उसमें भागीदार बनना संतोषजनक अनुभव रहा. उन्होंने कहा, कि राष्ट्र के इस परिवर्तनकारी दौर में सेवा देना उनके लिए एक गौरव की बात रही है.
जगदीप धनखड़ ने ऐसे समय में इस्तीफा दिया है, जब संसद का मानसून सेशन चल रहा था. संसद के इस सत्र का आज पहला दिन था. बताया जा रहा है कि 21 जुलाई की शाम तक उन्होंने अपना काम किया. और कुछ ही देर बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
उपराष्ट्रपति राज्यसभा का चेयरमैन भी होता है. बतौर राज्यसभा के चेयरमैन तमाम ऐसे मौके आए जब सदन के सदस्यों से धनखड़ की नोकझोंक हुई. राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से कई बार बतौर चेयरमैन धनखड़ की बहस हुई. हालांकि, इस्तीफे के बाद विपक्ष के सांसद उनके अच्छे स्वभाव की तारीफ कर रहे हैं.
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