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5G का मजा भी लेना और फोन की बैटरी भी बचानी है तो बस सिर्फ एक सेटिंग बदल लीजिए

5G की स्पीड भी चाहिए और स्मार्टफोन बैटरी (does 5g really drain the battery) की भी चिंता है तो टेंशन नक्को. हम आपको एक बढ़िया उपाय बताते हैं. इससे आपको 5G वाली स्पीड भी मिलती रहेगी और बैटरी भी अपेक्षाकृत कम खर्च होगी.

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5G नहीं चूसेगा स्मार्टफोन की बैटरी

तेज इंटरनेट किसे पसंद नहीं. स्क्रीन पर राउंड-राउंड घूमता चक्का देखकर हर किसी को चिढ़ मचती है. लेकिन अब इससे काफी हद तक मुक्ति मिल गई है. 5G जो आ गया है. उसकी उपलब्धता भी तकरीबन हर जगह है और पिछले साल रिचार्ज रेट बढ़ने के बाद भी देश में डेटा किफायती है. सब ठीक है मगर एक नई दिक्कत अलग से आ गई है. 5G की वजह से फोन की बैटरी जल्दी (does 5g really drain the battery) खत्म हो जाती है. ऐसा वाकई में होता है. अब करें तो करें क्या? मतलब हाई स्पीड डेटा भी चाहिए और हर जगह चार्जर लेकर भी नहीं घूमना.

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हम आपको एक बढ़िया उपाय बताते हैं. इससे आपको 5G वाली स्पीड भी मिलती रहेगी और बैटरी भी अपेक्षाकृत कम खर्च होगी. लेकिन सबसे पहले जान लेते हैं कि 5G नेटवर्क और बैटरी ड्रेन होने के बीच क्या कनेक्शन है.

5G और बैटरी

5G नेटवर्क पर डेटा ट्रांसफर की स्पीड 1Gbps तक पहुंच सकती है, जो 4G से कई गुना ज्यादा है. इतनी तेज स्पीड के लिए फोन का हार्डवेयर और नेटवर्क मॉड्यूल लगातार एक्टिव रहते हैं, जिससे बैटरी पर ज्यादा दबाव पड़ता है. फोन के हार्डवेयर पर तो फिर भी कंट्रोल हो जाता है मगर नेटवर्क के साथ ऐसा नहीं है.

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इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है 5G नेटवर्क का कॉन्स्टेन्ट नहीं होना है. मतलब नेटवर्क है तो सही लेकिन हर जगह वो 5G नहीं होता. कभी वो 4G में स्विच हो जाता है तो कभी 3G में. कई बार तो 2G तक लुढ़क जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये सारे नेटवर्क पहले से मौजूद थे और 5G इनके ऊपर का अपग्रेड है.

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भारत में ज्यादातर टेलिकॉम कंपनियां अभी नॉन-स्टैंडअलोन 5G (NSA 5G) नेटवर्क इस्तेमाल कर रही हैं. इसमें डेटा के लिए 5G और कॉलिंग/मैसेज के लिए 4G नेटवर्क का इस्तेमाल होता है. फोन बार-बार दोनों नेटवर्क्स के बीच कूद-फांद करता रहता है, जिससे बैटरी जल्दी खत्म होती है. ये सबसे बड़ा कारण है बैटरी के खत्म होने का. अब इससे बचना है, वो जान लीजिए.

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स्टैंडअलोन 5G

भारत में उपलब्ध सभी कंपनियां स्टैंडअलोन 5G (SA 5G) नेटवर्क पर काम कर रही हैं.  मतलब, जो टॉवर होगा वो सिर्फ 5G सिग्नल ही जनरेट करेगा. ऐसा होने से स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ 20-40% तक बढ़ सकती है, क्योंकि इसमें सिर्फ 5G नेटवर्क का इस्तेमाल होता है और बार-बार स्विचिंग की जरूरत नहीं पड़ती.

5G
5G

इसके लिए आप अपने स्मार्टफोन सेटिंग्स में जाकर 'Preferred Network Type' को 5G सिलेक्ट कर दीजिए. अब जो आपके इलाके में स्टैंडअलोन 5G (SA 5G) नेटवर्क आ चुका होगा तो नेटवर्क कूदी नहीं मारेगा. बैटरी पर इसका असर साफ दिखेगा. अगर ऐसा नहीं है तो स्पीड कम मिलेगी. तब फिर 'Preferred Network Type' को Auto मोड में ही रहने दीजिए.

इसके बाद डार्क मोड और एडॉप्टिव बैटरी, ऑटो-ब्राइटनेस जैसे फीचर्स ऑन कर दीजिए. थोड़ी बहुत राहत तो मिल ही जाएगी.  

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