boAt का IPO आने वाला है. अमन गुप्ता का 'देसी' ऑडियो ब्रांड मार्केट में 1500 करोड़ की वैल्यूएशन के साथ दरिया बोले तो मार्केट में उतरने वाला है. लेकिन ऐसा क्यों लगता है कि शार्क टैंक के जज और इंडियन टेक के पोस्टर बुआय की नाव में छेद ही छेद हैं. माने ये वाली बोट दरिया में जाने से पहले ही डूबती नजर आ रही है. दूसरों का क्या कहना, खुद अमन गुप्ता इस बोट पर चढ़ने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में इस बोट की सवारी करने वाले शेयर धारकों का क्या होगा? जवाब तलाशते हैं. शुरू से शुरू करते हैं.
boAt IPO: Shark Tank वाले अमन गुप्ता की boAt में छेद ही छेद हैं
boAt के दोनों co-founders, Sameer Ashok Mehta और Aman Gupta कंपनी में अपना पद छोड़ चुके हैं. साल 2025 में कंपनी के 34.18 फीसदी फुल टाइम कर्मचारी बाहर हो चुके हैं. दो साल से घाटे में चल रही कंपनी अचानक से मुनाफे में आ गई जबकि बिक्री कम हुई है. रेड फ्लैग ही रेड फ्लैग.


boAt की पेरेंट कंपनी IMAGINE MARKETING LIMITED ने साल 2022 में आईपीओ के लिए आवेदन किया था. तब कंपनी ने 2000 करोड़ की वैल्यूएशन पर बाजार में आने के लिए जरूरी कागज यानी Draft Red Herring Prospectus (DRHP) भी जमा किए थे. हालांकि कंपनी ने तब बाजार में तैरने का इरादा छोड़ दिया और अब तीन साल के बाद फिर से प्रक्रिया स्टार्ट की है. लेकिन इस वाली बोट के लिए दरिया का पानी बड़ा अशांत सा लग रहा है. तीन पॉइंट बताते हैं. वैसे अगर आपको ये समझना है कि आईपीओ क्या होता है तो आप नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके जान सकते हैं.
(1) फाउंडर बोट से उतर चुके हैं: कंपनी के ताजा (UDRHP) के मुताबिक कंपनी के दोनों co-founders, Sameer Ashok Mehta और Aman Gupta कंपनी में अपना पद छोड़ चुके हैं. अमन गुप्ता ने चीफ मार्केटिंग ऑफिसर और अशोक मेहता ने चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर का पद छोड़ा है. अमन अब कंपनी में नॉन-एग्जीक्यूटिव डारेक्टर हैं तो अशोक एग्जीक्यूटिव डारेक्टर. कहने का मतलब अब वो कंपनी से कोई सैलरी या कोई फीस नहीं लेंगे. ऐसा होना थोड़ा अजीब है क्योंकि पिछले वित्तीय वर्ष में दोनों ने 2.5 करोड़ रुपये का वेतन लिया था. आईपीओ से सिर्फ 29 दिन पहले बाहर होने का मतलब है कि दोनों कंपनी की सारी ऑपरेशनल जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं वो भी उसके बाजार में आने से एकदम पहले. बिजनेस एनालिस्ट Jayant Mundhra ने डिटेल में इसके बारे में Linkedin पर पोस्ट किया है.

वैसे तो कोई भी कभी भी कंपनी छोड़ सकता है मगर दोनों के बाहर निकलने की टाइमिंग को एक सोची-समझी चाल माना जा रहा है. वैसे कंपनी में चला-चली की बेला सिर्फ टॉप लेवल पर नहीं है. साल 2025 में कंपनी के 34.18 फीसदी फुल टाइम कर्मचारी बाहर हो चुके हैं. साल 2024 में ये आंकड़ा 28.14 फीसदी था तो साल 2023 में 27.09 फीसदी. कंपनी छोड़ने वालों में एक बड़ी संख्या उनकी भी है जिनको employee stock option (ESOP) ऑप्शन मिला था. माने कंपनी में भागेदारी मिली थी. बोले तो ऊपर से नीचु तक सब ठीक तो नहीं है.
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(2) प्रॉफ़िट का पॉपअप- कंपनी एकदम से प्रॉफ़िट में आ गई है. वित्तीय वर्ष 2025 में कंपनी ने 60 करोड़ का नेट प्रॉफ़िट बताया है. जबकि पिछले साल 80 करोड़ का घाटा बताया था. साल 2023 में तो घाटा 129.5 करोड़ रुपये था. बोट से पहले लेंसकार्ट के साथ भी ऐसा ही हुआ था. अचानक से कंपनी का प्रॉफ़िट में आना भी पब्लिक को समझ नहीं आ रहा क्योंकि कंपनी का कारोबार भी लगातार कम हो रहा है. वित्तीय वर्ष 22-23 में जहां कारोबार 4000 करोड़ था वहीं 2024 में 3122 करोड़ था तो साल 2025 में 3,098 करोड़. वैसे कंपनी ने इसके पीछे का कारण कॉस्ट कंट्रोल और नए प्रोडक्ट इनोवेशन को बताया है.
(3) Desi Desi Na Bolya Kar: आईपीओ का क्या होगा, वो जल्द पता चल ही जाएगा मगर प्रोडक्ट के लेवल पर भी कंपनी का पानी साफ नहीं है. कंपनी अपने आप को एकदम देसी कहती है. मेक इन इंडिया का झंडा बुलंद करती है मगर हकीकत इसके उलट है. कंपनी इंडिया में सिर्फ प्रोडक्ट की असेंबली करती है. माने सब माल चीन से आता है जिसे यहां पैक करके सेल किया जाता है. इसमें कोई बुराई नहीं मगर कंपनी का R&D (Research and Development) सेंटर भी चीन के Shenzhen में ही है. हमने जयंत से बात की तो पता चला कि कंपनी का आईपी (Intellectual property) भी सिंगापुर में रजिस्टर है. बोट ने KaHa नाम की एक Singapore बेस्ड कंपनी को खरीदा जिसके सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल वो अपनी स्मार्टवॉच बनाने में करती है. माने बोट के प्रोडक्ट मेक इन इंडिया नहीं बल्कि ‘पैक इन इंडिया’ हुए. ये सारे डिटेल सेबी (SEBI) के पास जमा DRHP में देखने को मिल जाते हैं. वैसे कोई कंपनी प्रोडक्ट कहां बनाती है, वो मुद्दा नहीं है. मगर आप बात-बात पर मेक इन इंडिया का राग आलाप कर यूजर्स को बर्गला नहीं सकते.

ये सब बातें साफ करती हैं कि अमन गुप्ता की बोट में एक नहीं बल्कि कई छेद हैं. मार्केट में इसे रेड फ्लैग की तरह देखा जा रहा है. अभी आईपीओ में कुछ दिन बाकी हैं. छेदों से और जितना पानी भरेगा, वो हम आपको बताते रहेंगे.
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