जब ढह रही हों आस्थाएं जब भटक रहे हों रास्ता तो इस संसार में एक स्त्री पर कीजिएविश्वास.
Home|Sports|Ek Kavita Roz Poem by Kumar Ambujकुमार अंबुज की एक कविता 'एक स्त्री पर कीजिए विश्वास'क्योंकि औरत आखिरी शरणस्थली है.Advertisement निवेदिता 28 मई 2018 (अपडेटेड: 28 मई 2018, 01:33 PM IST)Subscribe to Notificationsजब ढह रही हों आस्थाएं जब भटक रहे हों रास्ता तो इस संसार में एक स्त्री पर कीजिए विश्वास.Add Lallantop as a Trusted SourceAdvertisementलल्लनटॉप का चैनलJOINकरेंसम्बंधित ख़बरेंहार्दिक पंड्या की घड़ी खरीदने में 8 एशिया कप 'खर्च' हो जाएंगे!UAE पर जीत के बाद कप्तान सूर्यकुमार यादव का पाकिस्तान को कड़ा संदेश!Asia Cup: भारत ने UAE को बुरी तरह रौंदा, 27 गेंदों में खेल खत्म!IPL ऑक्शन में किसी ने नहीं खरीदा, अब SA20 के सबसे महंगे खिलाड़ी बने Dewald BrevisAdvertisement