जब ढह रही हों आस्थाएं जब भटक रहे हों रास्ता तो इस संसार में एक स्त्री पर कीजिएविश्वास.
Home|Sports|Ek Kavita Roz Poem by Kumar Ambujकुमार अंबुज की एक कविता 'एक स्त्री पर कीजिए विश्वास'क्योंकि औरत आखिरी शरणस्थली है. निवेदिता 28 मई 2018 (अपडेटेड: 28 मई 2018, 13:33 IST)Subscribe to Notificationsजब ढह रही हों आस्थाएं जब भटक रहे हों रास्ता तो इस संसार में एक स्त्री पर कीजिए विश्वास.लल्लनटॉप का चैनलJOINकरेंसम्बंधित ख़बरेंविराट कोहली की हो सकती है टेस्ट में वापसी? दिग्गज खिलाड़ी ने बताया कैसेविराट कोहली की हो सकती है टेस्ट में वापसी? दिग्गज खिलाड़ी ने क्या बताया?IPL से करोड़ों कमाने वाले अनकैप्ड प्लेयर्स पर बोले गावस्कर, 'वो इस काबिल नहीं'बेंगलुरु भगदड़ पर गौतम गंभीर ने RCB को बिना नाम लिए सुना डाला