बांग्लादेश की पूरी पॉलिटिक्स दो औरतों के झगड़े की कहानी है
हसीना-खालिदा की लड़ाई की कहानी, जो झोंटा नोचकर लड़ने से भी बदतर है
ढाका की सड़कें बिल्कुल वीरान पड़ी थीं. लग रहा था कि कोई कर्फ्यू लगा है. स्कूल-दफ्तर बंद करवा दिए गए थे. प्रशासन ने सख्त तैयारी की थी. आशंका थी कि खालिदा के खिलाफ फैसला आने पर हिंसा हो सकती है. सड़कों पर सेना और सुरक्षा बल के जवान भरे हुए थे. फैसला आया. खालिदा को पांच साल जेल की सजा मिली. उनके बेटे को 10 साल की सजा हुई. जब खालिदा पर फैसला आया, तो दुनिया की नजरें शिफ्ट हो गईं. फोकस में थी एक सफेद इमारत. बांग्लादेश की सबसे मशहूर इमारत. नाम है- गणभवन. यहीं पर रहती हैं शेख हसीना. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री. बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी. और खालिदा जिया की दुश्मन नंबर वन. लोग कहते हैं कि उन्होंने सालों से इन दोनों औरतों को एक-दूसरे संग बात करते देखा नहीं. कभी कोई दुआ-सलाम नहीं. रस्म निभाने के लिए भी नहीं. करेंगी भी कैसे? जब राजनीति का आधार विरासत हो, तो म्यान में एक ही तलवार की जगह बचती है. या तो हसीना. या तो खालिदा. बांग्लादेश की राजनीति की पूरी धर-पकड़ जानिए इस वीडियो में.