यशस्वी जायसवाल ने कमाल कर दिया. उन्होंने वाइज़ाग के बाद राजकोट में भी इंग्लैंड के खिलाफ़ डबल सेंचुरी जड़ दी. इस सेंचुरी में उन्होंने कमाल की बैटिंग की. यशस्वी ने राजकोट टेस्ट की दूसरी पारी में दर्जन भर छक्के मारे. इसके साथ ही उन्होंने साल 1996 के एक बड़े रिकॉर्ड की बराबरी कर ली. अब यशस्वी के नाम एक टेस्ट पारी में सबसे ज्यादा छक्के हैं. हालांकि वह इस जगह पर वसीम अकरम के साथ खड़े हैं.
यशस्वी मार रहे थे छक्के पर छक्के, रोहित-राहुल ने बचाया अकरम का वर्ल्ड रिकॉर्ड!
यशस्वी जायसवाल ने राजकोट टेस्ट की दूसरी पारी में 12 छक्कों के साथ डबल सेंचुरी मारी. इसके साथ ही उन्होंने वसीम अकरम की बराबरी कर ली. अकरम ने 1996 की एक पारी में 12 छक्के मारे थे. अगर टीम इंडिया पारी घोषित ना करती, तो यशस्वी निश्चित तौर पर इससे आगे निकल जाते.
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अकरम ने 1996 में ज़िम्बाब्वे के खिलाफ़ एक पारी में इतने ही छक्के मारे थे. यशस्वी जिस तरह खेल रहे थे, अकरम का रिकॉर्ड आसानी से टूटता दिख रहा था. लेकिन कप्तान रोहित और कोच राहुल ने मिलकर भारत की पारी ही घोषित कर दी. और यशस्वी को इस रिकॉर्ड की बराबरी से ही संतोष करना पड़ा.
चलिए अब राजकोट टेस्ट की दूसरी पारी को विस्तार से जान लेते हैं. रोहित शर्मा सस्ते में आउट हो गए. जिसके बाद यशस्वी ने शुभमन गिल के साथ मिलकर भारतीय पारी संभाली. टेस्ट के तीसरे दिन यशस्वी ने सेंचुरी पूरी की. और रिटायर हो गए. इनके बाद क्रीज़ पर आए रजत पाटीदार बिना खाता खोले आउट हो गए.
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इसके बाद कुलदीप यादव ने शुभमन के साथ मिलकर तीसरे दिन का बचा हुआ वक्त निकाला. चौथे दिन की सुबह शुभमन 91 के निजी स्कोर पर रनआउट हो गए. जिसके बाद यशस्वी दोबारा क्रीज़ पर लौटे. थोड़े वक्त के बाद कुलदीप आउट हुए. अब शुभमन के साथ क्रीज़ पर थे सरफ़राज़ खान. मुंबई के मैदान से निकले दोनों प्लेयर्स ने इंग्लैंड के प्लेयर्स की जमकर ख़बर ली.
दोनों ने इंग्लैंड की बोलिंग को स्कूल लेवल का बना दिया. इन बल्लेबाजों ने भारत के लिए 150 से ज्यादा रन जोड़े. लेकिन इस साझेदारी की कमाल बात कुछ और रही. इन दोनों ने यह रन 6.53 रन प्रति ओवर के हिसाब से जोड़े. भारतीय टेस्ट इतिहास में किसी भी जोड़ी ने इससे तेजी से 150 या इससे ज्यादा की पार्टनरशिप नहीं की थी. दूसरे नंबर पर मौजूद जोड़ी ने 2018 में अफ़ग़ानिस्तान के खिलाफ़ 5.86 के रन-रेट से पार्टनरशिप की थी.
यशस्वी ने इसी दौरान जेम्स एंडरसन के एक ओवर में लगातार तीन छक्के भी मारे. वह 236 गेंदों पर 214 रन बनाकर नाबाद लौटे. उन्होंने 14 चौकों के साथ 12 छक्के जड़े. इसके साथ ही उन्होंने अकरम की बराबरी कर ली. अकरम ने 1996 में ज़िम्बाब्वे के खिलाफ़ 257 की पारी के दौरान 12 छक्के मारे थे. शुभमन गिल ने 91 रन का योगदान दिया. जबकि सरफ़राज़ खान ने दूसरी पारी में भी तेज पचासा जड़ा. वह 72 गेंदों पर 68 रन बनाकर नाबाद लौटे.
हालांकि, इसके बावजूद यशस्वी ने कई रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए. अब वह एक टेस्ट सीरीज़ में सबसे ज्यादा छक्के मारने वाले बल्लेबाज हैं. उनके नाम 22 छक्के हैं. साथ ही अब यशस्वी अपने पहले तीन टेस्ट शतक को 150+ ले जाने वाले पहले भारतीय भी बन गए.
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