भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के नए अध्यक्ष का ऐलान हो गया है. 18 अक्टूबर को हुई AGM के बाद पूर्व भारतीय ऑलराउंडर रोजर बिन्नी (Roger Binny) को निर्विरोध तौर पर BCCI का नए अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. 1983 विश्व कप जीत के हीरो रहे बिन्नी ने सौरव गांगुली का स्थान लिया है.
रोजर बिन्नी ने जब अकेले ही पाकिस्तानी क्रिकेट टीम को परास्त कर दिया!
1983 वर्ल्ड कप में बिन्नी ने लिए थे सबसे ज्यादा विकेट.

पूर्व भारतीय ऑलराउंडर BCCI के 36वें अध्यक्ष बने हैं. इनके अलावा राजीव शुक्ला BCCI के उपाध्यक्ष, जय शाह सचिव और आशीष शेलार कोषाध्यक्ष चुने गए हैं. इन सभी लोगों का चयन निर्विरोध तौर पर हुआ है. बिन्नी की बात करें तो वो इससे पहले कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के लिए काम कर रहे थे.
बिन्नी सबसे पहले साल 1977-78 के दौरान चर्चा में आए थे. जब उन्होंने एक रणजी मुकाबले में कर्नाटक की तरफ से खेलते हुए कमाल की बैटिंग की थी. बिन्नी ने इस मुकाबले में संजय देसाई के साथ मिलकर ओपनिंग विकेट के लिए 451 रन की साझेदारी की थी. उन्होंने इस मैच में नाबाद 211 रन की पारी खेली थी. वहीं गेंद से भी वो अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे.
सालों तक इंडियन क्रिकेट टीम के लिए खेले बिन्नी ने साल 1979 में डेब्यू किया था. पाकिस्तान के खिलाफ़ हुए इस टेस्ट मैच में तो वो कोई खास कमाल नहीं दिखा पाए. लेकिन मुंबई में हुए सीरीज़ के तीसरे मैच में उन्होंने पाकिस्तान के टॉप ऑर्डर की कमर तोड़कर रख दी. कमाल की स्विंग बोलिंग के बदौलत उन्होंने पहली इनिंग में मजीद खान, जहीर अब्बास और जावेद मियांदाद जैसे धुरंधरों को पविलियन भेज दिया. उनकी शानदार बोलिंग के कारण भारतीय टीम ने मैच 131 रन से जीत लिया.
इस मैच ने बिन्नी को नई पहचान दी. और यहां से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. बोलिंग में कमाल कर रहे बिन्नी ने 1983 में पाकिस्तान के खिलाफ़ एक टेस्ट में बल्ले से भी कमाल कर दिया. पहले टेस्ट मैच के दौरान उन्होंने मदन लाल के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए 155 रन की साझेदारी की. जिसकी बदौलत एक समय 86 रन पर 6 विकेट खो चुकी टीम इंडिया ने 275 रन का स्कोर बना दिया.
रोजर बिन्नी को एक ऑलराउंडर के तौर पर विश्व कप टीम में चुना गया. और उसके बाद जो हुआ, वो इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गया. साल 1983 विश्व कप में रोजर बिन्नी ने इंडिया के लिए सबसे ज्यादा विकेट चटकाए थे. आठ मैच में बिन्नी के नाम कुल 18 विकेट थे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में बिन्नी ने अपने आठ ओवर्स में दो मेडेन फेंके और 29 रन देकर चार विकेट लिए. जिसकी बदौलत टीम इंडिया ने यह मैच 118 रन से जीत लिया.
# संन्यास के बाद भी क्रिकेट से जुड़े रहेरोजर बिन्नी ने साल 1987 में क्रिकेट के दोनों फॉर्मेट (टेस्ट और वनडे) से संन्यास ले लिया. अपने इंटरनेशनल करियर में बिन्नी ने 27 टेस्ट और 72 वनडे मैच खेले. टेस्ट में उनके नाम 47 विकेट और वनडे में 77 विकेट हैं. बिन्नी अंडर-19 वर्ल्ड कप 2000 जीतने वाली भारतीय टीम के मुख्य कोच थे. इस टीम के कैप्टन मोहम्मद कैफ थे. इसी टीम से युवराज सिंह भी खेले थे. साल 2007 में बिन्नी पश्चिम बंगाल की टीम के हेड कोच भी बने. साल 2012 में बिन्नी को भारतीय क्रिकेट टीम का सेलेक्टर चुना गया.
# बेटे को टीम में लाने का लगा आरोपसाल 2014 में बिन्नी के इस पोस्ट पर रहते हुए ही उनके बेटे स्टुअर्ट बिन्नी का सेलेक्शन टीम इंडिया में हुआ था. इस पर तमाम बातें हुईं कि बाप ने बेटे को सेलेक्ट किया है. लेकिन BCCI के एक अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में साफ कर दिया, कि जब-जब बेटे का नाम सेलेक्शन के लिए आया, वो मीटिंग छोड़ बाहर चले गए. स्टुअर्ट का सेलेक्शन कमेटी के दूसरे सदस्यों ने किया है और ये पूरी तरह से निष्पक्ष हुआ.
रोजर बिन्नी का जन्म 19 जुलाई 1955 को बैंगलोर में हुआ था. रोजर बिन्नी का पूरा नाम रोजर माइकल हम्फ्री बिन्नी (Roger Michael Humphrey Binny) है. कर्नाटक से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले रोजर बिन्नी भारत के पहले एंग्लो-इंडियन क्रिकेटर हैं. उनका परिवार मूल रूप से स्कॉटलैंड का रहने वाला है. जो बाद में भारत में आकर बसे थे. बिन्नी एक बेहतरीन इंसान के तौर पर भी जाने जाते हैं. जो अपने क्रिकेट करियर के दौरान और उसके बाद भी किसी कॉन्ट्रोवर्सी का हिस्सा नहीं रहे.
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