'सुपर सीरीज का एक मजेदार क़िस्सा है. आउटफील्ड काफी गीली थी और मैंने बोलिंग ना करने वाले सारे फील्डर्स को कहा था कि हमें फील्डिंग के लिए फुटबॉल वाले जूते लेने होंगे, क्योंकि हमारे क्रिकेट वाले जूते वहां किसी काम के नहीं थे. मैंने सोचा था कि अगर हमने फुटबॉल वाले जूते मंगा लिए, तो मैदान में हम विपक्षियों से आगे रहेंगे. इसलिए हमने शुरुआती कुछ दिनों तक इसे ट्राई किया, पहले मैच तक. टीम का हिस्सा रहे कई सारे लोगों ने ये बात नोटिस की, कि हम अपने फुटबॉल वाले जूतों में ही घूम रहे हैं. मैं ये बात कभी नहीं भूल सकता कि पहले मैच वाले दिन जब हम नेट्स पर पहुंचे तो वहां राहुल द्रविड़ फुटबॉल वाले जूतों में ही बैटिंग कर रहे थे. और आप बस कल्पना कीजिए कि टर्फ पर उन्हें कैसा लग रहा होगा. वह सख्त सतह पर अपना पैर रखना चाहते थे और उनके पैर लगातार फिसल रहे थे.'
नेट्स में फुटबॉल के जूते पहनकर बैटिंग करने आए राहुल द्रविड़ तो क्या हुआ?
इस बात को कभी भूल नहीं पाएंगे रिकी पॉन्टिंग.

Rahul Dravid के साथ चलते Ricky Ponting के बगल वाली तस्वीर में Football भी है और Football Boots भी (गेटी, एपी तस्वीरें)
एक हैं राहुल द्रविड़. एक रिकी पॉन्टिंग. द्रविड़ क्रिकेट की शालीनता तो पॉन्टिंग आक्रामकता के पोस्टर बॉय बनने का माद्दा रखते हैं. इन दोनों ने सालों तक क्रिकेट पर राज किया. हजारों रन बनाए. भारत और ऑस्ट्रेलिया को अकेले दम पर कई मैच भी जिताए. इतने बड़े दिग्गज सालों तक साथ खेलेंगे तो क़िस्से तो निकलेंगे ही. अब पॉन्टिंग ने ऐसा ही एक क़िस्सा निकाला है. क़िस्सा, जब राहुल द्रविड़ क्रिकेट नेट्स पर फुटबॉल के जूते पहनकर बैटिंग करने आ गए थे. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के साथ बातचीत के दौरान पॉन्टिंग ने ये मजेदार क़िस्सा सुनाया. बात साल 2005 की है. ICC सुपर सीरीज चल रही थी. ऑस्ट्रेलिया और वर्ल्ड XI के बीच मैच चल रहे थे. मैदान गीला था, क्रिकेट के जूतों में फील्डिंग करना मुश्किल था. ऐसे में पॉन्टिंग ने अपने फील्डर्स से फुटबॉल के जूते पहनकर आने को कहा. यहां तक तो मामला सही था. लेकिन नेट्स पर पहुंचकर पॉन्टिंग ने जो देखा वो उनके होश उड़ाने के लिए काफी था. वर्ल्ड XI की ओर से खेल रहे द्रविड़ फुटबॉल के जूते पहनकर नेट्स में बैटिंग कर रहे थे. पॉन्टिंग ने कहा,
गौरतलब है कि उस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड XI को एक भी मैच नहीं जीतने दिया था. कंगारुओं ने इस सीरीज के तीनों वनडे और एकमात्र सुपर टेस्ट बेहद आसानी से अपने नाम किया था. एडम गिलक्रिस्ट ने इस सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाए जबकि स्टुअर्ट मैक्गिल के नाम सबसे ज्यादा विकेट रहे.