# इलाज से भागे अकमल
PCB के चेयरमैन और एग्जीक्यूटिव कमिटी के हेड रह चुके सेठी ने कहा कि जब उन्होंने PCB का काम संभाला था, तब उनकी पहली समस्या उमर से ही जुड़ी थी. सेठी ने एक टीवी चैनल से कहा,'हमारे पास मेडिकल रिपोर्ट्स थीं, जिनमें कंफर्म था कि वह मिर्गी के दौरों से पीड़िता था और हमने उसे वेस्टइंडीज़ से वापस बुला लिया था. जब मैं उससे मिला, तो मैंने कहा कि कि यह एक गंभीर समस्या है और उसके थोड़ा वक्त निकालकर अच्छे से इलाज कराना चाहिए. लेकिन वह इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं था. वह मानसिक रूप से वहां था ही नहीं. मैंने उसे दो महीने तक नहीं खेलने दिया. लेकिन फिर बाद में हमने उसकी मेडिकल रिपोर्ट्स को सेलेक्टर्स तक भेजा और फैसला लेने का जिम्मा उन पर ही छोड़ दिया. क्योंकि मैं उनके काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता था.'मिर्गी सेंट्रल नर्वस सिस्टम से जुड़ी एक बीमारी है. इसमें दिमाग की हरकतें अजीबोगरीब हो जाती हैं. पीड़ित इंसान अजीब हरकतें करने लगता है और कई बार तो वह बेहोश भी हो जाता है.
'वह अनुशासन में रहने से इनकार कर देता है और वह खुद को हमेशा ऊपर रखता है. वह अपने लिए खेलता है, न कि टीम के लिए. वह अनुशासन को मानता ही नहीं है.'सेठी ने यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि उमर पर लगा बैन, उनका क्रिकेट करियर खत्म कर देगा.
उमर अकमल पर PCB ने बैन लगाया,पर मियांदाद ने तो फांसी तक की मांग की थी