बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) करीब आते ही महागठबंधन के बीच सीट बंटवारे को लेकर हलचल तेज हो गई है. इस बीच कांग्रेस के केंद्रीय आलाकमान ने दिल्ली में पार्टी नेताओं की एक बैठक बुलाई है. इस बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge), नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi), कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम समेत बिहार के कई नेता शामिल होंगे.
बिहार चुनाव: कांग्रेस-राजद में नहीं बन रही सीट बंटवारे पर बात? राहुल-खरगे ने बुलाई बैठक
सीट शेयरिंग को लेकर 6 अगस्त को Patna में RJD और Congress की बैठक हुई. लेकिन इस बैठक में राजद कांग्रेस के बीच पूरी तरह से सहमति नहीं बन पाई. विपक्षी गठबंधन में Mukesh Sahani और Pashupati Paras की एंट्री और CPI (ML)L की ज्यादा सीटों की मांग के चलते कांग्रेस पर कम सीटों पर समझौता करने का दबाव है.
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इस बैठक में राजद के साथ सीट बंटवारे और आगे की रणनीति को लेकर चर्चा करेंगे. बैठक में वोटर अधिकार यात्रा की समीक्षा भी हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीट बंटवारे को लेकर राजद और कांग्रेस के बीच अभी बात नहीं बन पाई है. कांग्रेस करीब 60 सीट चाहती है, जबकि राजद उसे 50 पर राजी करना चाहती है. पिछले चुनाव में कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ी थी.
इस बार विपक्षी गठबंधन में मुकेश सहनी और पशुपति पारस की एंट्री और सीपीआई एमएल की ज्यादा सीटों की मांग के चलते कांग्रेस पर कम सीटों पर समझौता करने का दबाव है. कांग्रेस कुछ सीटें छोड़ने को तैयार भी है. लेकिन बदले में पार्टी अपने मन मुताबिक सीटों का चयन करना चाहती है. सीट शेयरिंग को लेकर 6 अगस्त को पटना में राजद और कांग्रेस की बैठक हुई. लेकिन इस बैठक में राजद कांग्रेस के बीच पूरी तरह से सहमति नहीं बन पाई.
बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के खिलाफ राहुल गांधी की अगुवाई में चली वोटर अधिकार यात्रा के बाद से कांग्रेस का जोश हाई है. इस यात्रा में तेजस्वी यादव समेत महागठबंधन के दूसरे घटक भी शामिल रहे. लेकिन इसका नेतृत्व कांग्रेस और राहुल गांधी के पास रहा. इस यात्रा के बाद कांग्रेस की बारगेनिंग पावर बढ़ने की बात कही जा रही थी, लेकिन फिलहाल ऐसा होता दिख नहीं रहा है.
243 सदस्य वाले बिहार विधानसभा चुनाव में पिछली बार राजद 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इस बार भी उनकी दावेदारी 140 सीटों की है. सीपीआई एमएल पिछली बार 19 सीटें लड़ी थी. इस बार 30 से कम में समझौते को तैयार नहीं है. उनका स्ट्राइक रेट भी महागठबंधन में सबसे बेहतर है. इस बार जुड़े नए सहयोगी मुकेश सहनी की वीआईपी भी 25 से 30 सीट मांग रही है. झारखंड मुक्ति मोर्चा और पशपति पारस की पार्टी को करीब 5 सीटों में एडजस्ट करने की उम्मीद है. ऐसे में कांग्रेस के खाते में 50 के करीब सीटें ही आती दिख रही हैं.
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दिल्ली में 9 सितंबर को होने वाली कांग्रेस की बैठक में बिहार से प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान और स्क्रीनिंग कमेटी के मेंबर मदन मोहन झा मौजूद रहेंगे. इस बैठक में पार्टी सीट बंटवारे और आगे की चुनावी रणनीति पर चर्चा करेगी.
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