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वर्ल्ड कप में बार-बार साउथ अफ़्रीका की लुटिया डुबाने वाले 'डकवर्थ-लुइस रूल' के किस्से

इस नियम बनाने वाले टोनी लुइस का निधन हो गया है.

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डकवर्थ-लुइस नियम बनाने वाले टोनी लुइस, 78 साल की उम्र में चल बसे.
वनडे क्रिकेट में व्यवधान से प्रभावित मैचों का नतीजा निकालने के लिए नियम (डकवर्थ-लुइस) बनाने वालों में से एक टोनी लुईस का निधन हो गया है. इन महाशय के बनाए नियम को दक्षिण अफ्रीका वाले कभी भूल नहीं पाएंगे.
1. 1992 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल मैच. इंग्लैंड के 253 के टारगेट से साउथ अफ्रीका 22 रन पीछे थी. 13 गेंदों का खेल बाकी था. तभी अचानक बारिश आ गई. 12 मिनट तक खेल रुका. इसके बाद दक्षिण अफ्रीका को एक गेंद पर 22 रन बनाने का लक्ष्य दिया गया. नतीजा यह हुआ कि ब्रायन मैकमिलन जैसे दिग्गज आलराउंडर के क्रीज पर होने के बावजूद ग्राहम गूच की इंग्लिश टीम जीत गई और इमरान खान की टीम के ख़िलाफ़ फाइनल खेलने की हक़दार बन गई.
13 गेंदों पर 22 से टारगेट बदल कर 1 गेंद पर 22 पहुंच गया. 12 मिनट की बारिश ने साउथ अफ्रीका का खेल बिगाड़ दिया.
13 गेंदों पर 22 से टारगेट बदल कर 1 गेंद पर 22 पहुंच गया. 12 मिनट की बारिश ने साउथ अफ्रीका का खेल बिगाड़ दिया. (सोर्स- क्रिकइन्फ़ो)

उस वक्त के बारिश/व्यवधान के नियम के मुताबिक, पहले बैटिंग कर चुकी टीम के उन्हीं ओवरों को घटाया जायेगा, जिनमें सबसे कम रन बने हैं. इसके अंतर्गत इंग्लैंड की पारी के दो मेडन ओवर हटा दिये गये तथा दक्षिण अफ्रीका की पारी के दो बचे हुए ओवर घटा दिए गए. अब बची हुई 1 गेंद में दक्षिण अफ्रीका को रन उतने ही बनाने रह गए जितने पहले बनाने थे.
बारिश/व्यवधान के मैचों के लिए डकवर्थ और लुइस नाम के गणितज्ञों द्वारा बनाए गए नियम को ICC द्वारा 1997 में स्वीकार किया गया. बाद में इस नियम में कई बार बदलाव भी किया गया.
2. 2003 के वर्ल्ड कप में एकबार फिर डकवर्थ लुईस महोदय ने मेज़बान दक्षिण अफ्रीका को लीग राउंड में ही वर्ल्ड कप से बाहर करवा दिया. श्रीलंका के 268 रनों के जवाब में बारिश के कारण दक्षिण अफ्रीका के लिए बार-बार टारगेट बदला जाता रहा और अंत में ये 45 ओवर में 230 रनों पर पहुंच गया. कुछ ही मिनट पहले यह टारट 230 से कम था लेकिन तभी शॉन पोलाक रन आउट हो गए और एक विकेट ज्यादा गिर जाने के कारण टारगेट थोड़ा बढ़कर 230 रन हो गया.
2003 के वर्ल्ड कप में गिनती पर ध्यान देने की ग़लती ने साउथ अफ्रीका को पहले राउंड में ही बाहर करवा दिया.
2003 के वर्ल्ड कप में गिनती पर ध्यान देने की ग़लती ने साउथ अफ्रीका को पहले राउंड में ही बाहर करवा दिया. (सोर्स - आईसीसी)

शायद विकेट गिरने के कारण टारगेट के बढ़ जाने की बात मार्क बाउचर के दिमाग में नहीं थी और वे आराम से खेलते रहे. अंतिम नतीजा दक्षिण अफ्रीका 229 रन. मैच टाई. दक्षिण अफ्रीका वर्ल्ड कप से बाहर.
3. टाई मैच से एक चीज ध्यान में आई. एक टाई सेमीफाइनल ने (1999 वर्ल्ड कप) दक्षिण अफ्रीका का वर्ल्डकप जीतने का सपना तब चकनाचूर कर दिया जब उनकी टीम अबतक के वर्ल्ड कप के इतिहास में अपने सबसे सुप्रीम फॉर्म में थी.

17 जून, 1999. एजबेस्टन का मैदान. आस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग करते हुए 213 रन बनाए. ऐलन डोनाल्ड और पोलाक ने शानदार गेंदबाजी कर कंगारूओं को टिकने नहीं दिया.

जवाब में उतरी दक्षिण अफ्रीकी टीम पहले 7-8 ओवरों में रन-अ-बॉल के हिसाब से रन बना रही थी. हताश स्टीव वॉ ने बहुत जल्दी ही शेन वार्न को मोर्चे पर लगा दिया. नतीजा, विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हो गया. धड़ाधड 3 विकेट निकल गए. हालांकि टीवी रिप्ले ने साफ दिखाया कि कप्तान हैंसी क्रोनिए का विकेट लेने में शेन वार्न 'भाग्यशाली' रहे थे. गेंद क्रोनिए के जूते से लगकर मार्क वाग के हाथ में गई थी. उस वक्त रिव्यू का नियम भी नहीं था. इसके बाद भी नियमित अंतराल पर विकेट गिरते रहे लेकिन छोटी-छोटी पार्टनरशिप ने दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 48 ओवर में 7 विकेट पर 196 रन पहुंचा दिया. अब 12 बॉल पर 18 रन चाहिए थे लेकिन सबसे बड़ी बात कि लांस क्लूजनर (वनडे इतिहास के सबसे बड़े फिनिशर्स में से एक) विकेट पर मौजूद थे.
ग्लेन मैक्ग्रा के 49वें ओवर की पहली चार गेंदों में 2 रन बने और 2 विकेट गिर गए. अब 8 गेंद और 16 रनों की दरकार. स्ट्राइक पर क्लूजनर. क्लूजनर ने गेंद को मिड ऑन पर उठा कर मारा और गेंद बाउन्ड्री लाइन पर पॉल रफेल की ऊंगलियों से लगकर और ऊंची उठ गई और 6 रनों के लिए चली गई. रिप्ले में गेंद का angle of depression साफ दिखा रहा था कि यदि गेंद रफ़ेल की ऊंगलियों से नहीं लगती तो यह बाउंड्री के अंदर ही टप्पा खाती और चौका ही मिलता. अब मामला 7 गेंद और 10 रन पर पहुंच चुका था. क्लूजनर ने सिंगल लेकर होशियारी बरती और अगले ओवर में स्ट्राइक अपने पास रखी.
ऐलन डोनाल्ड की हड़बड़ी ने टाई मैच के बावजूद साउथ अफ्रीका का वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचने का सपना तोड़ दिया.
ऐलन डोनाल्ड की हड़बड़ी ने टाई मैच के बावजूद साउथ अफ्रीका का वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचने का सपना तोड़ दिया. (सोर्स - आईसीसी)

अंतिम ओवर डेमियन फ्लेमिंग लेकर आए. पहली गेंद और गोली की रफ्तार से सीमा रेखा के पार. दूसरी गेंद और उससे भी तेज रफ्तार से गेंद सीमारेखा के बाहर. मैच टाई. चार गेंदों में सिर्फ 1 रन की जरूरत. क्लूजनर एक बार फिर स्ट्राइक पर थे. तीसरी गेंद पर डोनाल्ड रन आउट होते-होते बचे. चौथी गेंद पर नॉन-स्ट्राइकर एलन डोनाल्ड ने फिर हड़बड़ी दिखाई और इस हड़बड़ी ने दक्षिण अफ्रीका को वह नासूर दे दिया, जिसे दक्षिण अफ्रीकी आज तक सहला रहे हैं.
जिस एक रन की दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट इतिहास को सबसे ज्यादा जरूरत थी वह लांस क्लूजनर नहीं बना सके.

ये कहानी दी लल्लनटॉप के दोस्त अभिषेक ने लिखी है.




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