लीड्स टेस्ट के पहले दिन भारतीय टीम ने अपनी बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित किया. दिग्गज खिलाड़ी से लेकर फैंस तक, हर कोई युवा बल्लेबाजों के प्रदर्शन का मुरीद हो गया. लेकिन दूसरे दिन जो कुछ हुआ उसे देखकर सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) अपना गुस्सा काबू नहीं कर पाए. वो टीम की फील्डिंग से बहुत नाराज थे. उन्होंने यहां तक कह दिया कि इस बार कोई फील्डिंग मेडल नहीं दिया जाना चाहिए.
शतक लगाने के बाद भी जायसवाल से क्यों नाराज हो गए गावस्कर, जमकर सुनाई खरी-खोटी
यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड में अपनी पहली ही पारी में शतक जमाया. 20 जून को जायसवाल की तारीफें करने वाले सुनील गावस्कर अब उनसे काफी नाराज हैं.

मैच के दौरान यशस्वी जायसवाल और रविंद्र जडेजा ने कैच ड्रॉप किए. जायसवाल ने ओपनर बेन डकेट और ओली पोप को स्लिप पर जीवनदान दिया. वहीं जडेजा ने भी डकेट का आसान कैच छोड़ दिया. डकेट ने 62 रन की पारी खेली वहीं ओली पोप शतक लगा चुके हैं. गावस्कर ने कमेंट्री करते हुए सवाल उठाए और कहा,
मुझे नहीं लगता कि कोई मेडल दिया जाएगा. टी दिलीप मैच के बाद मेडल देते हैं. यह वास्तव में बहुत-बहुत निराशाजनक था. यशस्वी जायसवाल बहुत अच्छे फील्डर हैं लेकिन इस बार वो कोई कैच नहीं ले पाए.
भारत के पूर्व खिलाड़ी वरुण एरॉन ने भी टीम इंडिया को चेताया और कहा कि ऐसे कैच छूटने पर कई बार मैच हाथ से निकल जाता है. एरॉन ने कहा,
क्या बोले टीम के कोचजब आप कैच छोड़ते तो कई बार उस वजह से आपको आखिर में मैच गंवाना पड़ता है. जडेजा से पहले जायसवाल ने एक कैच छोड़ा, यह एक मुश्किल कैच था लेकिन आप चाहते हैं कि जायसवाल जैसे खिलाड़ी ये कैच लें. कैम ग्रीन, ऑस्ट्रेलिया के लिए, बिना किसी परेशानी के ऐसे कैच लेते हैं. मैं कहूंगा कि जायसवाल भी उसी स्तर के फील्डर हैं लेकिन उन्होंने अब तक दो कैच गंवाए हैं. मैच का दूसरा दिन उन दिनों में से एक है जब चीजें आपके पक्ष में नहीं जाती हैं.
टीम के बल्लेबाजी कोच सितांशू कोटक ने भी माना कि भारतीय टीम की फील्डिंग निराशाजनक रही. उन्होंने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
जो कैच छोड़े गए और नो-बॉल डाली गईं, वे निश्चित रूप से निराशाजनक थे. आमतौर पर, हम फील्डिंग में तेज होते हैं. एक सहयोगी स्टाफ और टीम के तौर पर, हम इसे दुर्भाग्यपूर्ण दिनों में से एक मानते हैं. जो कि आम बात नहीं है. कुल मिलाकर, हमने कुछ ओवर्स छोड़कर अच्छी गेंदबाजी की. विकेट में कुछ खास था, और हमने इसका पूरा फायदा उठाने की कोशिश की.
भारत की खराब फील्डिंग का ही खामियाजा रहा है कि इंग्लैंड ने भी पहली पारी में सधी शुरुआत हासिल की है. दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक उन्होंने तीन विेकेट खोकर 209 रन बना लिए. ओली पोप शतक लगाकर क्रीज पर मौजूद हैं.
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