अहमदाबाद में हुए पहले टेस्ट में टीम इंडिया की वेस्टइंडीज पर जीत एकतरफा थी. आलम ये था कि इससे ज्यादा चर्चा तो शुभमन गिल को मिली वनडे कप्तानी की हुई. हालांकि, वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट जीत हमेशा इतनी ही साधारण नहीं होती थी. एक ऐसा भी समय था, जब सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) के दौर में वेस्टइंडीज पर टेस्ट जीत की चर्चा पूरे क्रिकेटिंग वर्ल्ड में हो जाती थी. यही कारण है कि पूर्व क्रिकेटर वेस्टइंडीज टीम के इस प्रदर्शन से खासा निराश हैं. टेस्ट क्रिकेट में लगातार वेस्टइंडीज का प्रदर्शन खराब होता जा रहा है.
'नेट बॉलर्स जैसे लगे वेस्टइंडीज पेसर्स', अहमदाबाद टेस्ट में बॉलिंग देख दुखी हो गए गावस्कर
अहमदाबाद में हुए पहले टेस्ट मैच में Team India ने वेस्टइंडीज को एकतरफा मुकाबले में पारी और 140 रनों से मात दी थी. इस मैच को देख Sunil Gavaskar कैरिबियाई पेसर्स से खासा निराश दिखे.


अहमदाबाद टेस्ट में भी उन्हें पारी और 140 रन से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. सुनील गावस्कर उनके प्रदर्शन से इतना निराश थे कि उन्होंने उनकी तुलना नेट बॉलर्स से कर दी. दरअसल, वेस्टइंडीज टीम के दोनों प्रमुख पेसर शमार जोसेफ (Shamar Joseph) और अल्जारी जोसेफ (Alzarri Joseph) इस मुकाबले में चोट के कारण उपलब्ध नहीं थे. टीम के एकमात्र रेगुलर पेसर जेडन सील्स (Jaydon Seales) को भी सिर्फ एक ही सफलता मिली. हालांकि, उनकी इकॉनमी 2.78 की रही. इसी कारण गावस्कर ने सील्स के अलावा दोनों पेसर्स को अनारी बता दिया.
विंडीज टीम को लेकर गावस्कर ने क्या लिखा?स्पोर्ट्सस्टार के कॉलम के लिए गावस्कर ने लिखा,
अहमदाबाद में जेडन सील्स को छोड़ दें, तो दोनों अन्य पेसर अनारी थे. वो इंटरनेशनल बॉलर्स नहीं, बल्कि नेट बॉलर्स की तरह लगे. मैं उनकी बेइज्ज्ती नहीं कर रहा, लेकिन पहला बाउंसर उन्होंने 6 ओवर के बाद मारा. क्या ये वेस्टइंडीज का पेस अटैक है? हां, इसमें कोई दो राय नहीं कि गर्मी में बाउंसर करना बहुत मुश्किल काम है, लेकिन बैटर को फ्रंट फुट पर आने से रोकने के लिए बॉलर्स का यही सरप्राइज वेपन होता है.
गावस्कर वेस्टइंडीज की बैटिंग से भी निराश दिखे. उन्होंने लिखा कि एलिक एथानजे और जस्टिन ग्रीव्स ही टीम में एकमात्र बैटर दिखे, जिन्होंने जज्बा दिखाया. ग्रीव्स वेस्टइंडीज की पहली इनिंग में टीम के टॉप स्कोरर थे. उन्होंने 32 रन बनाए थे. वहीं, एथानजे दूसरी इनिंग के टॉप स्कोरर थे. एलिक ने 38 रन बनाए थे. वहीं, इसके विपरीत टीम इंडिया की तरफ से केएल राहुल, ध्रुव जुरेल और रवींद्र जडेजा ने सेंचुरी, जबकि कप्तान शुभमन गिल ने पचासा जड़ दिया था.
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गावस्कर ने वेस्टइंडीज के गोल्डन पीरियड को याद करते हुए बताया कि कैसे एक समय वर्ल्ड क्रिकेट में कैरिबियाई प्लेयर्स का बोलबाला था. उन्होंने आगे लिखा,
एक टीम जिसमें कभी 3डब्ल्यूज (फ्रैंक वॉरेल, क्लाइड वालकॉट और एवर्टन वीक्स), रोहन कन्हाई, सीमोर नर्स, क्लाइव लॉयड, गॉर्डन ग्रीनिज और डेसमंड हेन्स जैसे दिग्गज प्लेयर्स होते थे. मौजूदा टीम में कोई प्लेयर नहीं जो उनके आसपास भी नजर नहीं आए, ये तो उनसे करोड़ों मील दूर हैं. मैंने गार्फिल्ड सोबर्स, विव रिचर्ड्स और त्रिनिदाद के प्रिंस ब्रायन लारा को नहीं भूला है. वो लोग जीनियस थे, जो पूरी सेंचुरी में एक बार जन्म लेते हैं. वो नॉर्मल इंसान से कहीं आगे थे.
टीम इंडिया के लिए गावस्कर 1971 से 1987 के बीच खेले. इस दौरान इंडिया ने वेस्टइंडीज से कुल 31 टेस्ट मैच खेले थे. इनमें सिर्फ 5 मुकाबले टीम इंडिया जीत सकी थी, जबकि 10 मुकाबलों में कैरिबियाई टीम ने उन्हें मात दी थी. कमाल की बात ये है कि वेस्टइंडीज ने इंडिया को 2002 से कभी टेस्ट में नहीं हराया है. इस दौरान दोनों टीमों के बीच कुल 25 मुकाबले हुए, जिनमें इंडिया के नाम 15 मुकाबले रहे.
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