इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6E 1433 को इथियोपिया का एक ज्वालामुखी फटने के चलते अहमदाबाद डायवर्ट किया गया. यह फ्लाइट केरल के कन्नूर से यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE) की राजधानी अबू धाबी जा रही थी. बताया जा रहा है कि इथियोपिया में यह ज्वालामुखी करीब 10,000 सालों के बाद फटा है. वैज्ञानिक इसे इस क्षेत्र के इतिहास की सबसे असाधारण घटनाओं में से एक बता रहे हैं.
10000 सालों से सोया ज्वालामुखी फटा, राख दिल्ली-जयपुर फ्लाइट रूट तक आएगी!
Ethiopia Volcano: ज्वालामुखी की राख के बादलों के फैलने से भारत के विमानन नियामक डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने देश में काम कर रही सभी एयरलाइंस के लिए एक अर्जेंट ऑपरेशनल एडवाइजरी जारी की है.


इंडिगो का एयरबस एयरक्राफ्ट अहमदाबाद में सुरक्षित उतर गया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिगो ने बताया कि वो हवाई यात्रियों को वापस कन्नूर भेजने का इंतजाम कर रही है. फ्लाइट में रुकावट तब आई जब इथियोपिया के हेयली गुब्बी ज्वालामुखी से निकलने वाली राख की लहरें उत्तर भारत की ओर बढ़ने लगीं.
यह ज्वालामुखी रविवार, 23 नवंबर को फटा. ऐसा लगभग 10,000 साल बाद हुआ है. भारत की तरफ आती राख की वजह से इलाके के फ्लाइट रूट को लेकर चिंता बढ़ गई.
अलर्ट पर एयरलाइन कंपनियां
ज्वालामुखी फटने की वजह से दिल्ली और जयपुर के ऊपर के फ्लाइट रूट पर राख देखने को मिल सकती है. भारतीय विमानन अधिकारी और एयरलाइंस सोमवार, 24 नवंबर की शाम से इस रीजन की निगरानी कर रहे हैं. इस बीच कुछ फ्लाइट पहले से ही धुएं से बचने के लिए अपने रूट बदल रही हैं.
एयरलाइन कंपनी अकासा एयर ने एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया कि वो इंटरनेशनल एविएशन प्रोटोकॉल के साथ इस ज्वालामुखी की लगातार निगरानी कर रहे हैं. अकासा एयर ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा उनके लिए पहली प्राथमिकता है.
DGCA ने अर्जेंट एडवाइजरी जारी की
ज्वालामुखी की राख के बादलों के फैलने से भारत के विमानन नियामक डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने देश में काम कर रही सभी एयरलाइंस के लिए एक अर्जेंट ऑपरेशनल एडवाइजरी जारी की है. ये एडवाइजरी मस्कट फ्लाइट इन्फॉर्मेशन रीजन (FIR) और आसपास के देशों के हवाई रूट पर राख के असर को लेकर है.
इसके तहत पायलट्स, डिस्पैचर्स और क्रू को ज्वालामुखी से प्रभावित क्षेत्रों और ऊंचाइयों से बचने की हिदायत दी गई है. ताजा एडवाइजरी के आधार पर एयरलाइन को उड़ान प्लानिंग और फ्यूल को लेकर बदलाव करने होंगे. फ्लाइट ऑपरेटर्स को सभी संबंधित कर्मियों को ऑपरेशन मैनुअल में ज्वालामुखी की राख के बारे में जानकारी देनी होगी. निर्धारित सुरक्षा प्रोटोकॉल का भी कड़ाई से अनुपालन करना होगा.
इसके अलावा टूलूज वोल्केनिक ऐश एडवाइजरी सेंटर (VAAC) और एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने भी इसके खतरे को लेकर चेतावनी दी. ज्वालामुखी को लेकर दिया जाने वाला ASHTAM नोटिफिकेशन भी दिया गया, जो खतरनाक हालात का संकेत देता है.
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