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‘वर्कलोड मैनेजमेंट’, सिराज के बहाने गावस्कर ने बुमराह-गंभीर को सुनाया?

Sunil Gavaskar ने चिंता जताई कि मुख्य गेंदबाज का घरेलू सीरीज में न खेलना दिक्कत की बात नहीं है. लेकिन विदेशी दौरे पर यह दिक्कत की बात है. इससे टीम के बैलेंस पर असर पड़ता है.

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सुनील गावस्कर ने बिना नाम लिए कोच गौतम गंभीर को निशाने पर लिया. (फाइल फोटो- पीटीआई)

‘वर्कलोड मैनेजमेंट’ इंग्लैंड सीरीज से पहले ही यह शब्द भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की आधिकारिक भाषा में शुमार हो गया था. इस शब्द का सबसे ज्यादा जिक्र जसप्रीत बुमराह के लिए हुआ. इस शब्द पर पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने सिराज के प्रदर्शन का उदाहरण देते हुए उम्मीद जताई कि जल्द ही यह शब्द इंडियन क्रिकेट की डिक्शनरी (Dictionary) से बाहर हो जाएगा. 

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‘वर्कलोड मैनेजमेंट’ की जब बात आती है तो आंखों के मुख्य रूप से दो चेहरे घूमने लगते थे. पहला तो सब जानते ही हैं. जसप्रीत बुमराह. दूसरा हैं कोच गौतम गंभीर क्योंकि उन्होंने ही एलान किया था कि बुमराह इंग्लैंड के खिलाफ पांच में से सिर्फ तीन टेस्ट मैच ही खेलेंगे क्योंकि उनके वर्कलोड को मैनेज करना है. अब सुनील गावस्कर की टिप्पणी के बाद इसमें तीसरा नाम मोहम्मद सिराज का भी जुड़ गया है.

गावस्कर का कहना था कि सिराज ने पूरी सीरीज में 185 ओवर डाले और चोटों की शिकायत किए बिना अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा. उन्होंने कहा,  

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“सिराज ने जी-जान से बॉलिंग की. उन्होंने यह साबित किया कि ‘वर्कलोड’ सिर्फ मानसिक बात है, शारीरिक नहीं. वर्कलोड के इस मुद्दे को उन्होंने हमेशा के लिए खारिज कर दिया. मुझे उम्मीद है कि ‘वर्कलोड’ शब्द इंडियन क्रिकेट की डिक्शनरी से हट जाएगा.”

गावस्कर ने आगे कहा कि पांच टेस्ट मैचों में लगातार सिराज ने 6-ओवर, 7-ओवर, 8-ओवर के स्पैल फेंके क्योंकि कप्तान यही चाहते थे और देश उनसे यही उम्मीद करता था. उन्होंने आगे सेना के जवानों का भी उदाहरण दिया. उन्होंने कहा,

“अगर आप उन लोगों के आगे झुक जाएंगे जो काम के बोझ की बात करते हैं तो आपके बेस्ट खिलाड़ी कभी मैदान पर नहीं उतर पाएंगे. आपको उन्हें ऐसी स्थिति में लाना होगा जहां आप उनसे कहें कि वे अपने देश के लिए खेल रहे हैं. और जब आप अपने देश के लिए खेल रहे होते हैं तो आपको अपनी मांसपेशियों के दर्द को भूल जाना चाहिए. क्या आपको लगता है कि जवान ठंड की शिकायत करते हैं? वे देश के लिए अपनी जान देने के लिए वहां हैं. देश के लिए अपना बेस्ट दो. दर्द की चिंता मत करो.”

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गावस्कर ने ऋषभ पंत का भी नाम लिया. उनका कहना था कि पंत ने फ्रैक्चर के बावजूद बैटिंग की. टीम के खिलाड़ियों से यही उम्मीद की जाती है. भारत के लिए खेलना 140 करोड़ देशवासियों द्वारा आपको दिया सम्मान है. भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले हरेक खिलाड़ी को खुद को लकी मानना चाहिए.छोटी-मोटी चोटों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. सिराज ने यह दिखाया और बिना रुके पांचों टेस्ट में बेहतरीन गेंदबाजी की. 

गावस्कर ने बताया क्यों समस्या है ‘वर्कलोड मैनेजमेंट’

गावस्कर ने चिंता जताई कि मुख्य गेंदबाज का घरेलू सीरीज में न खेलना दिक्कत की बात नहीं है. लेकिन विदेशी में यह दिक्कत की बात है. गावस्कर का कहना था कि इससे टीम के बैलेंस पर असर पड़ता है. घरेलू सीरीज में आपके पास रिजर्व प्लेयर्स को बुलाने के लिए वक्त होता है. लेकिन विदेशी सीरीज में यह गुंजाइश नहीं होती. इसलिए इस पहलू पर ध्यान देने की जरूरत है. 

बुमराह पर गावस्कर का नरम रुख

गावस्कर के इस बयान को कोच गौतम गंभीर और जसप्रीत बुमराह पर कटाक्ष के रूप में देखा जा रहा है. लेकिन अपनी टिप्पणी के दौरान उन्होंने दोनों का नाम नहीं लिया. हालांकि एक मौके पर उन्होंने नरम रुख दिखाते हुए बुमराह का जिक्र किया. गावस्कर ने कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट से पहले बुमराह का देश लौटने का फैसला चोट की वजह से लिया गया था न कि वर्कलोड की वजह से. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि बुमराह ने जितने भी मैच खेलने उनमें विकेट चटकाए. यह दिखाता है कि वह शानदार गेंदबाज हैं.

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