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RCB की जीत में हार गए 11 परिवार: मरने वालों में MNC वर्कर से लेकर पानी पूरी बेचने वाले का बेटा तक

IPL के चेयरमैन Arun Dhumal ने बताया कि इस मामले में जिस भी तरह की जांच की जरूरत होगी, संबंधित अधिकारी उसे करेंगे. उन्होंने आगे हादसे को दुखद और दर्दनाक करार हुए कहा कि यह BCCI का इवेंट नहीं था.

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RCB की जीत के बाद हुए विक्ट्री परेड के दौरान 11 लोगों की मौत हो गई. (इंडिया टुडे)

RCB की ऐतिहासिक जीत के बाद हुए विक्ट्री परेड (RCB Victory parade stampede) के दौरान 11 परिवारों में मातम पसर गया. वहीं 47 लोग घायल हुए हैं. जिनका बेंगलुरु के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजन और दोस्तों ने इस घटना के बारे में बात की है.

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु के मनोज कुमार बावरिंग हॉस्पिटल के मॉर्चरी के पास खड़े थे. वो पानी पुरी बेचते हैं. इस भगदड़ में उनके बेटे की मौत हो गई, जोकि फर्स्ट ईयर का कॉलेज स्टूडेंट था. मनोज कुमार ने बताया, 

मैंने उसे कभी अपने पानी पुरी की दुकान पर प्लेट साफ करने में नहीं लगाया क्योंकि मैं चाहता था कि वह कॉलेज जाए. मैंने उसे बहुत लाड़-प्यार से पाला था. अब वह चला गया है.

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वहीं बेंगलुरु के वैदेही हॉस्पिटल के मॉर्चरी के बाहर एक मां बेहद दुखी थी. उनका 22 साल का बेटा प्रज्वल जी मृतकों में शामिल है. वह इंजीनियरिंग का स्टूडेंट था. प्रज्वल की मां ने बताया, 

वह RCB का फैन था, और RCB की जर्सी में ही उसकी जान चली गई. क्या RCB उसे हमें वापस लौटा सकती है?

नॉर्थ बेंगलुरु के प्रेसीडेंसी कॉलेज के स्टूडेंट मनोज कुमार भी अपने तीन दोस्तों के साथ RCB की जीत का जश्न मनाने गए थे. इस भगदड़ में उनकी भी जान चली गई. मॉर्चरी के बाहर मनोज के पैरैंट्स का इंतजार करते उनके एक दोस्त सात्विक ने बताया, 

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मनोज ने ही हमें RCB की जीत का जश्न देखने के लिए स्टेडियम जाने के लिए तैयार किया था.

बावरिंग हॉस्पिटल के मॉर्चरी में ही 14 साल की दिव्यांशी के शव की पहचान की गई. वह अपनी मां, चाची, छोटी बहन और परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ RCB के विक्ट्री परेड में आई थी. स्टेडियम में दिव्यांशी के साथ मौजूद उनकी आंटी ने बताया, 

स्टेडियम में कोई पुलिस फोर्स मौजूद नहीं थी. किसी भी तरह की मदद देने वाला कोई नहीं था. हमने उसे कार में बिठाया और हॉस्पिटल ले गए. जब सीएम आए तो वहां बहुत सुरक्षा थी, लेकिन स्टेडियम में कुछ भी नहीं था.

बेंगलुरु के एक प्राइवेट फर्म में काम करने वाली देवी अकेले RCB का जश्न देखने गई थीं. इस हादसे में उनको भी अपनी जान गंवानी पड़ी. मॉर्चरी के बाहर उनके परिवार का इंतजार कर रहे एक सहकर्मी दैविक ने बताया, 

भगदड़ की खबर सुनने के बाद हम काफी देर तक देवी को फोन लगा रहे थे. काफी देर बाद किसी ने फोन उठाया और हमें हॉस्पिटल आने को कहा.

4 जून को ऑफिस से जल्दी निकलकर अपने सहकर्मियों के साथ RCB की जीत का जश्न मनाने पहुंची 21 साल की सहाना की भी मौत हो गई. उन्होंने हाल ही में एक मल्टीनेशनल कंपनी जॉइन किया था.

इस हादसे में कर्नाटक के मांड्या जिले के पूर्ण चंद्र की भी जान चली गई. कुछ दिन बार दी उनकी शादी होने वाली थी. उनके एक फैमिली फ्रेंड ने बताया कि वैदेही हॉस्पिटल से उनका शव बरामद हुआ है.

आईपीएल के चेयरमैन अरुण धूमल ने इस भगदड़ को लेकर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बताया कि इस मामले में जिस भी तरह की जांच की जरूरत होगी, संबंधित अधिकारी उसे करेंगे. अरुण धूमल ने आगे हादसे को दुखद और दर्दनाक बताते हुए कहा कि यह BCCI का इवेंट नहीं था. 

वीडियो: विराट कोहली ने भगदड़ पर क्या लिखा?

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