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मैच के बाद अश्विन ने कोच द्रविड़ को दिया किस बात का क्रेडिट?

मौका गंवाने के बाद भी अश्विन की बात कमाल है.

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भारतीय स्पिन गेंदबाज़ रविचंद्रन अश्विन और हेड कोच राहुल द्रविड़ (पीटीआई फोटो)
टेस्ट क्रिकेट का रोमांच और उसकी खूबसूरती देखनी है तो भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच खेला गया पहला टेस्ट मैच देख जा सकता है. कमाल का क्रिकेट और कमाल के पांच दिन. कभी मैच भारत के पाले में तो कभी किवी टीम की झोली में. आखिर में भारत को जीतने के लिए सिर्फ एक विकेट चाहिए था, वहीं हार से बचने के लिए न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज़ों को आखिरी गेंद तक टिके रहना था. कहने को तो ये मैच मैच ड्रा रहा लेकिन मैच के अंतिम कुछ लम्हे किसी बेहद रोमांचक मैच से कम नहीं थे. यही टेस्ट मैच की खूबसूरती है कि पांच दिन की कड़ी मेहनत के बाद भी एक टीम सामने वाली टीम को हरा नहीं पाती. टेस्ट फॉर्मेट के इसी कमाल मैच के बाद भारतीय स्पिन गेंदबाज़ रविचंद्रन अश्विन ने मैच के बाद कहा,
'टेस्ट क्रिकेट की यही खूबसूरती है कि आपको इसे चाहने की ज़रुरत है. ये वाकई एक मुश्किल फॉर्मेट है. ये अन्य किसी फॉर्मेट की तरह नहीं है जहां आप आते हैं, चार ओवर अच्छे डालते हैं, या फिर 20 ओवर अच्छी बल्लेबाज़ी करते हैं और काम बन जाता है. इस फॉर्मेट में बेजोड़ मेहनत करनी पड़ती है, दर्द सहना पड़ता है, तप करना पड़ता है. मैं उनमे से हूं जो इस फॉर्मेट को पूरी लगन से खेलना चाहता है और इसे एंजॉय करता है.'
इस बातचीत में अश्विन ने हेड कोच राहुल द्रविड़ से मिली सही राह की सराहना की. साथ ही पूर्व भारतीय स्पिन गेंदबाज़ हरभजन सिंह के रिकॉर्ड तोड़ने के सवाल का भी जवाब दिया. अश्विन ने कहा,
'ये वो मील के पत्थर है जिसपर हमेशा आपकी नज़र होती है. ये काफी अच्छा अनुभव है. जबसे राहुल भाई ने कार्यभार संभाला है वो हमेशा कहते हैं कि अगले 10 सालों में आप जितने चाहे रन बना लें, जितनी चाहे विकेट्स ले लें. लेकिन ये सब आपको याद नहीं रहेंगे. वो यादें होती हैं जो मायने रखती हैं. इसलिए मैं चाहता हूं कि आने वाले तीन से चार सालों में अपने लिए कुछ बेहतरीन यादें बना सकूं.'
पिच के बारे में सवाल अश्विन ने थोड़ी सी कन्नी काटते हुए कहा,
'जब भी पिच की बात होती है और मुझसे इस बारे में कोई सवाल किया जाता है तो वो अपने आप एक विवाद बन जाता है. मैं इसपर भी नज़र रखने की कोशिश करूंगा. मैच को अंतिम सत्र के अंतिम ओवर तक ले जाना, इसका मतलब पिच ने अपना काम बखूबी निभाया है. ये एक बेहतरीन टेस्ट मैच रहा.'
मैच की बात करें तो भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला लिया था. अपने करियर का पहला मैच खेल रहे श्रेयस अय्यर के शानदार शतक की मदद से भारत ने पहली पारी में 345 रन बनाए. जिसके जवाब में न्यूज़ीलैंड की टीम पहली पारी में 296 रन ही बना पाई. सलामी बल्लेबाज़ टॉम लैथम ने 95 और विल यंग ने 89 रनों की बहुमूल्य पारियां खेलीं. भारतीय टीम ने अपनी दूसरी पारी 234 रनों पर घोषित कर दी. एक बार फिर बल्लेबाज़ी में कमाल दिखाया श्रेयस अय्यर ने. अय्यर ने 65 और ऋद्धिमान साहा ने 61 रन की पारी खेली. मैच के आखिरी दिन भारतीय टीम को न्यूज़ीलैंड के नौ विकेट चटकाने थे और न्यूज़ीलैंड को जीतने के लिए 280 रन बनाने थे. हालांकि इनमें से दोनों ही काम नहीं हो पाए और मैच ड्रॉ हो गया. यह टेस्ट मैच भारत के नज़रिए से काफी अच्छा घटा. काफी रिकार्ड्स भी बने. फिर चाहे वो अश्विन के भज्जी के टेस्ट विकेट्स के रिकॉर्ड को तोड़ने की बात हो या अय्यर के डेब्यू पर शतक और अर्धशतक जड़ने वाले पहले भारतीय बनने की. ईशांत शर्मा के ज़हीर खान की टेस्ट विकेट्स की बराबरी करने की बात हो या 2018 के बाद पहली बार भारत में किसी टेस्ट मैच के ड्रा होने की. अगर कोई आपसे कहे कि टेस्ट मैच में रोमांच की कमी है तो उसे इस मैच की हाइलाइट्स देखने को जरूर कहिएगा. सीरीज़ का दूसरा और आखिरी टेस्ट मैच तीन दिसंबर से मुंबई के वानखेड़े मैदान पर खेला जाएगा.