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ना मैं पुजारा सर की तरह और ना वो... अपनी बैटिंग स्टाइल पर अब क्या बोले पृथ्वी शॉ?

'अपने खेलने का तरीका नहीं बदलूंगा'

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पृथ्वी शॉ का इंडिया करियर बेहतरीन अंदाज में शुरू हुआ था (फाइल फोटो)

पृथ्वी शॉ. कमाल की शुरुआत के बाद टीम इंडिया से बाहर हुए युवा ओपनर. शॉ ने अपने करियर की बेहतरीन शुरुआत की थी, लेकिन वह टीम इंडिया में अपनी जगह सुरक्षित नहीं रख पाए. कई लोगों का कहना है कि शॉ अपने खेलने के तरीके के चलते भरोसा नहीं जीत पा रहे. लेकिन आखिरी बार जुलाई 2021 में इंडिया के लिए T20I मैच खेले शॉ ने साफ कर दिया है कि वह अपना तरीका नहीं बदलेंगे.

दलीप ट्रॉफ़ी सेमीफाइनल के बाद PTI से बात करते हुए शॉ ने कहा,

'पर्सनली, मेरा मानना है कि मुझे अपना गेम बदलने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन हां मुझे थोड़ा और स्मार्ट होना होगा. मैं पुजारा सर की तक बैटिंग नहीं कर सकता, ना पुजारा सर मेरी तरह बैटिंग कर सकते हैं. इसलिए मैं वही चीजें करने की कोशिश कर रहा हूं जिनके चलते मैं यहां तक पहुंचा हूं, उदाहरण के लिए मेरी अग्रेसिव बैटिंग. मुझे ये बदलना पसंद नहीं है.'

शॉ ने कहा कि वह अपने करियर के इस स्टेज पर जितने हो सके, उतने गेम खेलना चाहते हैं. 23 साल के शॉ ने कहा कि वापसी के लिए उनके द्वारा बनाए गए हर रन की अहमियत है. वह बोले,

'मैं सोचता हूं कि मेरे लिए हर गेम महत्वपूर्ण है. भले ही मैं दलीप ट्रॉफ़ी खेल रहा हूं या मेरा मुंबई का गेम, मुझे लगता है कि मेरे लिए अपना बेस्ट देना बहुत महत्वपूर्ण है.'

बता दें कि इस मैच में शॉ बड़ी पारी नहीं खेल पाए. उन्होंने दोनों पारियों में 25 और 26 रन बनाए. मैच के बाद उन्होंने कहा कि बैटिंग के लिए हालात थोड़े मुश्किल थे. शॉ ने कहा,

'ऐसा नहीं है कि आप हमेशा ही परफेक्ट रह सकते हैं लेकिन मैं ऐसा कुछ होने पर और कड़ी मेहनत करने की कोशिश करता हूं. मैं बोलर्स के साथ खेलने की कोशिश करता हूं, उनका ध्यान भटकाने की. मेरी कोशिश होती है कि बोलर्स को वो गेंद फेंकने के लिए मजबूर करूं, जो मैं चाहता हूं ना कि वो, जो उनकी पसंद है.'

शॉ के लिए पिछला रणजी सीजन अच्छा गया था. उन्होंने मुंबई के लिए छह मैच में 59.50 के ऐवरेज से 595 रन बनाए थे. उनका हाइएस्ट स्कोर 379 रन था.

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