महेंद्र सिंह धोनी. वो नाम जिसे सुनते ही भारतीय क्रिकेट फैंस के दिल में ठंडक सी छा जाती है. मैदान पर बिजली सी रफ्तार, दिमाग में शतरंजी चालें, और चेहरा हमेशा कूल-कूल. पर अब ये ‘कैप्टन कूल’ सिर्फ फैंस की जुबान का जुमला नहीं रहा, बल्कि धोनी ने इसे ऑफिशियल ट्रेडमार्क बनाने की ठान ली है (MS Dhoni 'Captain Cool' Trademark). जी हां, माही ने ‘कैप्टन कूल’ के लिए ट्रेडमार्क अप्लाई कर दिया है.
‘कैप्टन कूल’ बनने जा रहा है ऑफिशियल ट्रेडमार्क! Dhoni ने अप्लाई कर दिया है
Dhoni ने ‘कैप्टन कूल’ टर्म को ट्रेडमार्क करने के लिए 5 जून को एप्लीकेशन दाखिल किया है. इसे 16 जून को आधिकारिक ट्रेडमार्क जर्नल में प्रकाशित किया गया था.

स्पोर्ट्स वेबसाइट NDTV की एक रिपोर्ट के मुताबिक, धोनी ने ‘कैप्टन कूल’ टर्म को ट्रेडमार्क करने के लिए 5 जून को एप्लीकेशन दाखिल किया है. इसे 16 जून को आधिकारिक ट्रेडमार्क जर्नल में प्रकाशित किया गया था. ये ट्रेडमार्क स्पोर्ट्स ट्रेनिंग, स्पोर्ट्स कोचिंग और इससे जुड़ी सर्विस प्रदान करने की कैटेगरी के तहत दाखिल किया गया है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक धोनी की वकील मानसी अग्रवाल ने बताया,
"ट्रेडमार्क लॉ के क्षेत्र में हाल ही में हुए इस डेवलपमेंट को साझा करते हुए मुझे खुशी हो रही है.”
हालांकि, उन्होंने बताया कि इसमें कई कानूनी पेंच भी सामने आए. जब धोनी की टीम ने पहली बार ट्रेडमार्क के लिए आवेदन किया, तो रजिस्ट्री ने ट्रेडमार्क अधिनियम की धारा 11(1) के तहत आपत्ति जताई. लेकिन धोनी की कानूनी टीम ने तर्क दिया कि 'कैप्टन कूल' का उनसे एक स्पष्ट, अनूठा संबंध है. उन्होंने बताया कि ये नाम फैन्स और मीडिया द्वारा सालों से व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता रहा है. और ये धोनी की सार्वजनिक पहचान का हिस्सा बन गया है.
अब ये ट्रेडमार्क अगर पास हो गया, तो माही का ये मशहूर टाइटल कानूनी तौर पर उनका हो जाएगा. यानी कोई भी इसे बिना उनकी इजाजत के इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. धोनी का ये मूव बिजनेस की दुनिया में भी उनकी दूरदर्शिता दिखाता है. क्रिकेट के बाद अब ब्रांडिंग में भी माही फुल फॉर्म में हैं.
दिलचस्प बात ये है कि एक अन्य कंपनी, प्रभा स्किल स्पोर्ट्स (OPC) प्राइवेट लिमिटेड ने पहले भी इसी फ्रेज के लिए आवेदन दायर किया था. हालांकि, उस आवेदन की स्थिति 'सुधार दायर' के रूप में दिखाई दे रही है.
धोनी को ‘कैप्टन कूल’ क्यों कहते हैं, ये तो बच्चा-बच्चा जानता है! 2007 में T20 वर्ल्ड कप, 2011 में वनडे वर्ल्ड कप, और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी, हर बड़े मौके पर धोनी ने दिखाया कि वो दिमाग को ठंडा रख कर कैसे फैसले लेते हैं. चाहे आखिरी ओवर में हेलिकॉप्टर शॉट मारना हो या विकेट के पीछे से बल्लेबाज को स्टंप करना, माही का स्टाइल हमेशा कूल रहा. फैंस ने प्यार से ये नाम दिया, और अब धोनी इसे अपना ऑफिशियल ब्रांड बनाने की राह पर हैं.
अब सबकी नजर इस बात पर है कि ट्रेडमार्क अप्रूव होता है या नहीं. अगर मंजूरी मिली, तो धोनी का ‘कैप्टन कूल’ सिर्फ क्रिकेट की दुनिया का नहीं, बल्कि बिजनेस की दुनिया का भी सुपरहिट ब्रांड बन सकता है. वैसे, माही जो भी करते हैं स्टाइल और क्लास तो बनता ही है. तो बस इंतजार कीजिए, और देखिए कैसे धोनी एक बार फिर मैदान के बाहर भी छक्का मारते हैं!
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