The Lallantop

कल के मैच में आगे की तैयारी के लिहाज से कोहली ने एक बहुत बड़ी चूक कर दी

एक गलती है जो हम करते आ रहे हैं और वो छुपती जा रही है.

Advertisement
post-main-image
फोटो - thelallantop
चैम्पियंस ट्रॉफी में इंडिया का ग्रुप स्टेज का टेस्ट पूरा हो चुका है. ये वैसा ही है जैसे स्कूल में यूनिट टेस्ट होते थे. वो 20 नम्बर वाले. अब 80 नम्बर वाले इग्ज़ाम की बारी है. सेमी फ़ाइनल में हम मैच खेलने को तैयार हैं. श्री लंका से एक मैच हारने के बाद जो मामला नीचे पहुंच गया था, वो अब उठ गया है. टीम में फिर से जोश भर गया है. धवन, कोहली, युवराज, धोनी सभी फॉर्म में हैं. भुवनेश्वर, उमेश यादव भी बढ़िया बॉलिंग कर रहे हैं. सब कुछ कुल मिलाके टीम इंडिया के पक्ष में ही चल रहा है.

इस सक्सेस के बीच एक चीज है जो छुपी हुई है. वक ऐसी चीज़ जिसपर हमारा ध्यान नहीं जा रहा है. ये वैसा ही है जैसा मेरे साथ आठवीं क्लास में हुआ था. मैं ड्रॉइंग के सब्जेक्ट में सबसे ज़्यादा नाकारा था. आम बनाने को कहा जाए तो केला बनाकर तैयार कर देता था. लेकिन बाकी सब्जेक्ट्स में फन्ने खां होते थे. कभी किसी टीचर ने शिकायत नहीं की. अपन ने भी कभी ध्यान नहीं दिया. फिर आठवीं का ऐनुअल इग्ज़ाम आया. हमने सब इग्ज़ाम दिए. रिज़ल्ट आया तो मालूम चला कि हमको पास नहीं किया जाएगा. क्यूंकि हमने ड्रॉइंग में सादी शीट जमा की थी. बड़ी मान-मुनौव्वल के बाद हमको नौंवी क्लास में भेजा गया.
 
केदार जाधव वही ड्रॉइंग शीट है जो सादी जा रही है. हम उसपर ध्यान नहीं दे रहे हैं. क्यूंकि हम पास हुए जा रहे हैं. आगे आठवीं का फाइनल इग्ज़ाम है. हम अटक गए तो? केदार जाधव. चैम्पियंस ट्रॉफी 2017 में 3 मैच खेल चुके हैं. बतौर ऑल राउंडर. तीन मैचों में पाकिस्तान के खिलाफ़ बैटिंग नहीं आई, श्री लंका के खिलाफ़ 13 गेंद में 25 रन बनाये, साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ भी बैटिंग नहीं आई. बॉलिंग डिपार्टमेंट में उनका आलम ये है कि पाकिस्तान के ख़िलाफ़ बॉलिंग नहीं मिली, श्री लंका के खिलाफ़ 3 ओवर में 18 रन दिए और साउथ अफ्रीका के खिलाफ़ उन्हें फिर से बॉल फेंकने को नहीं मिली. ये किस प्रकार का ऑल राउंडर है? श्री लंका के ख़िलाफ़ एक मैच जिसमें केदार जाधव को बॉल फेंकने को मिली उसमें ये हालत हो गई कि कोहली को गेंद फेंकने आना पड़ा. अगर एक ऑल राउन्डर के कोटे के ओवर बचे होने के बावजूद कोहली को गेंद फेंकने आना पड़ा. हम युवराज की बॉलिंग की मदद नहीं ले पा रहे हैं. जाधव को ढो रहे हैं. न वो बैटिंग कर रहा है न बॉलिंग. इसी दौरान हम एक ऐसे प्लेयर को बेंच पर बैठाए हुए हैं जो हमारी बैटिंग को और मजबूती दे सकता है. क्यूंकि जाधव बॉलिंग तो कर नहीं रहे हैं. बैटिंग ही करनी है तो दिनेश कार्तिक बेहतर विकल्प हैं. दिनेश कार्तिक यानी इंडिया में पैदा हुआ सबसे बदकिस्मत विकेटकीपर. बदकिस्मती अभी भी साथ नहीं छोड़ रही है. वॉर्म अप मैच में 77 गेंद पर 94 रन बनाए. फिर जैसे असल मैच शुरू हुए, बेंच पर बैठा दिया गया. उसकी जगह जिसे खिलाया गया, उसे चूंकि नीचे आना होता है इसलिए बैटिंग नहीं मिलती है. कार्तिक के आने से हमारी बैटिंग बहुत मजबूत हो जाती है. हम जल्दी विकेट गिरने की हालत में पांड्या को एक्सपोज़ करने की बजाय कार्तिक को भेज सकते हैं. साथ ही कार्तिक पर जाधव से ज़्यादा भरोसा भी किया जा सकता है. dinesh karthik दिनेश कार्तिक चैम्पियंस ट्रॉफी में एक बेहतरीन आईपीएल और डोमेस्टिक सीज़न के बाद आये हैं. 2016-17 रणजी ट्रॉफी में 54.15 के ऐवरेज से 704 रन बनाये. इसमें 1 सेंचुरी और 5 पचासे थे. इसके बाद विजय हज़ारे ट्रॉफी और देवधर ट्रॉफी में में मिलाकर 854 रन बनाये. आईपीएल में कार्तिक ने 139 के स्ट्राइक रेट से 361 रन बनाए. लेकिन हम जाधव को टीम में रख रहे हैं. इसके अलावा, साउथ अफ़्रीका का मैच हमारे लिए एक मौका था जब हम युवराज की जगह जाधव को भेजकर उसे टेस्ट कर सकते थे. धवन के जाने बाद को 41 रन बचे थे, वो अच्छा समय होता जाधव को टेस्ट करने के लिए. ऐसे में जाधव के पास एक मौका होता जहां वो अफ़्रीका के अच्छे अटैक के खिलाफ़ तेज़ रन बनाकर अपनी मौजूदगी की वजह सार्थक कर सकते थे. लेकिन इस बाबत साहिर लुधियानवी ने बहुत पहले लिख दिया था, "मगर ये हो न सका और अब ये आलम है कि तू नहीं, तेरा ग़म, तेरी जुस्तजू भी नहीं."

 ये भी पढ़ें:

कल के मैच में कोहली का वो वीडियो, जो टीवी ने आपको नहीं दिखाया

Advertisement

वो एक गेंद जिसके लिए साउथ अफ्रीका को बहुत चिढ़ाया जाएगा

शेन वार्न चैंपियंस ट्रॉफी में गांगुली से शर्त लगाकर हार गए, क्या अब वो शर्त पूरी करेंगे?

Advertisement
Advertisement