जिस टीम के खिलाफ वह मैदान में था, वह टूर्नामेंट की सबसे अनुभवी टीम थी. कुछ ओवरों बाद उस खिलाड़ी ने कहानी बदल दी. 23 गेंद में फिफ्टी जड़ दी. छह चौके और एक छक्का उड़ाया. सब उसकी तारीफ कर रहे थे. इस खिलाड़ी का नाम था प्रियम गर्ग. सनराइजर्स हैदराबाद का युवा खिलाड़ी. जिस खिलाड़ी के रन आउट होने का दोष उस पर मढ़ा गया उसका नाम था केन विलियमसन. जिस टीम के खिलाफ उसने फिफ्टी लगाई वह थी चेन्नई सुपरकिंग्स. गर्ग ने 26 गेंद में नाबाद 51 रन बनाए. यह उनका पहला अर्धशतक था. गर्ग ने 20 साल के अभिषेक शर्मा के साथ मिलकर पांचवे विकेट के लिए 77 रन जोड़े. और टीम को 164 रन के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया.
प्रियम गर्ग मेरठ के रहने वाले हैं. उन्होंने क्रिकेट का ककहरा भुवनेश्वर शर्मा के कोच संजय रस्तोगी से ही सीखा है. मेरठ से प्रवीण कुमार और भुवी के इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने के बाद ज्यादातर युवा तेज गेंदबाज ही बनना चाहते थे. प्रियम गर्ग भी उन्हीं में से एक थे. लेकिन रस्तोगी को उनकी बैटिंग खास लगी. और गर्ग बल्लेबाज बन गए. इसके बाद तेजी से अपने कारनामों से नाम कमाने लगे. अंडर 14 और अंडर 16 लेवल क्रिकेट में रनों का अंबार लगा दिया. भारतीय अंडर 19 टीम में भी जगह बना ली. साल 2018 का अंडर 19 वर्ल्ड कप खेलने के दावेदार थे. लेकिन टूर्नामेंट से ठीक पहले की खराब फॉर्म ने मौका छीन लिया.
17 की उम्र में रणजी डेब्यू और रनों का अंबार
कुछ महीनों बाद 17 साल की उम्र में वे उत्तर प्रदेश टीम में शामिल हो गए थे. और लिस्ट ए और फर्स्ट क्लास डेब्यू कर लिया. पहले ही रणजी ट्रॉफी मैच में शतक बनाया. पूरे रणजी सीजन में 800 से ज्यादा रन बनाए. फिर साल 2019 में अंडर 19 टीम के कप्तान बना दिए गए. अंडर 19 वर्ल्ड कप में भी गर्ग की कप्तानी में ही टीम इंडिया खेलने गई. और फाइनल का सफर पूरा किया. कड़े मुकाबले में बांग्लादेश से हार मिली. टूर्नामेंट से कुछ महीने पहले ही प्रियम गर्ग आईपीएल में एंट्री का टिकट ले चुके थे. उन्हें सनराइजर्स हैदराबाद ने खरीदा था. एक करोड़ 90 लाख रुपये खर्च किए.

प्रियम गर्ग आईपीएल से पहले अंडर 19 और घरेलू क्रिकेट में नाम कमा चुके हैं.
पिता का संघर्ष
आईपीएल में मोटा पैसा कमाने और अंडर 19 क्रिकेट में नाम कमाने से पहले प्रियम गर्ग ने संघर्ष का एक पूरा दौर देखा. जब वे छोटे थे, तब उनकी मां का निधन हो गया था. पिता का बिजनेस डूब चुका था. घर चलाने और बेटे का सपना पूरा करने के लिए वे दूध बेचने, अखबार बांटने और स्कूल वैन चलाने का काम करने लगे. जैसे-जैसे प्रियम क्रिकेट में खुद को संवार रहे थे, वैसे-वैसे ही उनके पिता का काम-धंधा भी बढ़ता गया. प्रियम गर्ग अपनी कामयाबी का क्रेडिट पिता को ही देते हैं.
भुवी के सामने क्रीज से बाहर निकलकर बैटिंग
प्रियम गर्ग ने जैसा जज्बा चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ दिखाया, वह उनकी पहचान रहा है. अपनी उम्र से कहीं आगे की परिपक्वता और समझदारी उनमें दिखती है. ऐसा ही एक वाकया उनके कोच संजय रस्तोगी ने ईएसपीएनक्रिकइंफो को बताया. इसके अनुसार, प्रियम 15 साल के थे. वे रस्तोगी की अकैडमी में ट्रेनिंग करते थे. ऐसे ही एक दिन रस्तोगी ने भुवनेश्वर कुमार को बॉलिंग करने को वहां बुलाया. जैसे ही वे बॉल डालने को दौड़े तो रस्तोगी ने देखा कि गर्ग क्रीज से दो-तीन कदम बाहर खड़े थे. इस पर उन्होंने पूछा कि पता भी है तुम कहां खड़े हो? फिर भुवी दोबारा गेंद लेकर दौड़े. एक बार फिर से गर्ग क्रीज के बाहर ही थे.

प्रियम गर्ग.
बाद में रस्तोगी ने गर्ग से पूछा कि वह ऐसा क्यों कर रहे थे. गर्ग का जवाब था कि गेंद स्विंग हो रही थी. इसलिए मूवमेंट को खत्म करने के लिए वह बाहर खड़े थे. रस्तोगी यह सुनकर हैरान रह गए. क्योंकि 15 साल का एक बच्चा इंटरनेशनल क्रिकेट खेल चुके एक गेंदबाज के सामने ऐसा कर रहा था. आईपीएल 2020 में गर्ग ने एक बार कुछ ऐसा ही किया. चेन्नई जैसी अनुभवी और बड़ी टीम के खिलाफ फिफ्टी उन्हें काफी भरोसा देगी. उम्मीद है कि आगे भी इसी तरह की पारियां उनके बल्ले से निकलेंगी.