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सरेआम 'बेईमानी', फिर भी बुरी तरह से हारा साउथ अफ़्रीका

सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में भारत ने साउथ अफ़्रीका के खिलाफ़ T20I सीरीज़ बराबरी पर खत्म की. भारत ने सीरीज़ का आखिरी मैच 106 रन से जीता. यूं तो अंत भला तो सब भला हो जाता है, लेकिन इस मैच में एक चीज ऐसी घटी, जो किसी के लिए भी भली नहीं है.

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मैच के दौरान डीआरएस की सुविधा ही गायब हो गई थी (एपी फ़ोटो)

सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में भारत ने साउथ अफ़्रीका के खिलाफ़ T20I सीरीज़ बराबरी पर खत्म की. भारत ने सीरीज़ का आखिरी मैच 106 रन से जीता. यूं तो अंत भला तो सब भला हो जाता है, लेकिन इस मैच में एक चीज ऐसी घटी, जो किसी के लिए भी भली नहीं है. भारतीय बोलर्स ने मैच में कमाल का प्रदर्शन किया. साउथ अफ़्रीका को 95 रन पर समेट दिया. लेकिन ये आंकड़ा और कम हो सकता था.

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अगर रविंद्र जडेजा के साथ बेईमानी ना होती. जी हां, बेईमानी ही तो हुई. और क्या हुई? बता देते हैं. साउथ अफ़्रीका वाले जीत के लिए 202 के लक्ष्य का पीछा कर रहे थे. पावरप्ले में ही भारतीय बोलर्स ने उनकी चेज़ की हालत खराब कर दी. 50 के अंदर ही तीन विकेट गिर चुके थे. अब उम्मीद सारी डेविड मिलर पर टिकी थी. भारत के खिलाफ उनका प्रदर्शन भी ऐसा ही रहता है.

# No DRS in INDvsSA

अब भारत का पूरा फोकस इसी विकेट पर था. कप्तानी कर रहे रविंद्र जडेजा ने तो ये विकेट निकाल भी दिया था. सातवें ओवर की पहली ही गेंद पर उन्होंने ऐडन मार्करम को आउट किया था. फिर नौवां ओवर लेकर लौटे तो पहली तीन गेंदों पर मिलर ने दो छक्के जड़ दिए. अब जड्डू दुविधा में. सोचा कि चलो ओवर द विकेट आ जाते हैं. लेकिन फिर कुछ और सोचा और राउंड द विकेट ही फेंकने लगे. चौथी गेंद. लेंथ पर गिरी और घूमी ही नहीं. लगा कि गेंद ने बल्ले का बाहरी किनारा लिया.

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लेकिन अंपायर साब की सोच अलग थी. उन्होंने जोरदार अपील के बाद भी इसे नॉटआउट करार दिया. अब आप सोच रहे होंगे कि इतना भरोसा था, तो भारत ने रिव्यू क्यों नहीं लिया. यही तो बेईमानी हुई. दरअसल टेक्निकल कारणों के चलते उस वक्त DRS उपलब्ध ही नहीं था. रीप्ले में साफ दिख रहा था कि गेंद ने बल्ले से संपर्क के बाद रास्ता बदला था. लेकिन अब क्या ही कर सकते थे. मिलर बच गए. उस वक्त उन्होंने कुल 18 रन बनाए थे. बाद में वह 35 रन बनाकर आउट हुए. यानी भारत की जीत में 17 रन और जुड़ सकते थे. लेकिन बेईमानी के चलते ऐसा नहीं हो पाया.

इससे पहले साउथ अफ़्रीका ने टॉस जीता. पहले बोलिंग का फैसला किया. शुरू में उनका फैसला सही भी साबित हुआ. शुभमन गिल सिर्फ़ आठ रन बनाकर आउट हुए, जबकि तिलक वर्मा खाता भी नहीं खोल पाए. लेकिन इसके बाद यशस्वी जायसवाल और सूर्यकुमार ने भारतीय पारी को संभाल लिया. दोनों ने 112 रन जोड़े. अंत में भारत ने बीस ओवर्स में 201 रन बनाए.

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सूर्या ने 56 गेंद पर 100 रन बनाए. इस पारी के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ़ द मैच चुना गया. सूर्या को प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ का अवॉर्ड भी मिला. भारतीय टीम ने इस जीत के साथ ही तीन मैच की सीरीज़ 1-1 की बराबरी पर खत्म की. सीरीज़ का पहला मैच बारिश से धुल गया था. जबकि दूसरे मैच को साउथ अफ़्रीका ने पांच विकेट से जीता था.

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