सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी-चिराग शेट्टी की जोड़ी ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है. भारत की इस स्टार मेंस डबल्स जोड़ी ने रविवार 18 जून को जकार्ता में चल रहे इंडोनेशियन ओपन के फाइनल में मलेशिया के आरून चिया और वूई यिक सोह को 21-17, 21-18 से हराया. इस मैच को जीतते ही रंकीरेड्डी-चिराग पहली भारतीय जोड़ी बन गए हैं, जिन्होंने BWF सुपर 1000 वर्ल्ड टूर का ख़िताब जीता हो.
रंकीरेड्डी-चिराग की जोड़ी फिलहाल वर्ल्ड रैंकिग्स में नंबर 6 पर है. वहीं दूसरी ओर जिस मलेशियाई जोड़ी को इन्होंने हराया, वो वर्ल्ड चैम्पियन है. सात्विकसाईराज और चिराग को इससे पहले आठ बार इस जोड़ी के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था. हाल ही में इन दोनों ने ऐतिहासिक एशियाई चैम्पियनशिप खिताब भी जीता था.
सात्विक-चिराग ने फिर रचा इतिहास, इस बार इंडोनेशिया में फहराया तिरंगा!
इस भारतीय जोड़ी ने मलेशियन जोड़ी आरोन चिया और वूई यिक सोह को 21-17, 21-18 से हराकर जीता इंडोनेशियन ओपन.
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मैच के बाद चिराग शेट्टी ने कहा,
“उनके खिलाफ पहले के आठ मैचों में हम खुद को रोके रखते थे, लेकिन आज हम अपनी योजना पर कायम रहे और उसी के अनुसार खेले. हमें लगा कि वे भी इंसान हैं, खिलाड़ी हैं और उनसे भी गलतियां होंगी. हम अंत तक अपनी योजना पर टिके रहे और वास्तव में उन्हें कभी भी वापसी का मौका नहीं दिया.”
चिराग ने आगे कहा,
“दूसरे गेम में जब उन्होंने कुछ पाइंट्स हासिल किए, तो भी हमने खुद को रोकने या सेफ खेलने की ज़रूरत नहीं महसूस की. इससे गेम थोड़ा स्लो हो जाता. ये ऐसे खिलाड़ी हैं जो मौकों का फायदा उठाना जानते हैं. मैं वास्तव में खुश हूं और हमें वास्तव में इस जीत की जरूरत थी.”
पहले गेम में मलेशियाई जोड़ी ने शुरुआत में थोड़ी बढ़त बना ली. हालांकि, सात्विक-चिराग ने अच्छी वापसी की और सेट को 7-7 की बराबरी तक पहुंचाया. इसके बाद भारतीय जोड़ी ने लीड ले ली. इसके बाद इन दोनों लड़को का दबदबा बना रहा और इन्होंने पहला सेट 21-17 से जीत लिया. दूसरे गेम में मलेशियाई पेयर ने शुरुआती पलों में वापसी करने की कोशिश की और अटैकिंग गेम दिखाया. पर रंकीरेड्डी-चिराग तैयार थे. उन्होंने इस सेट में भी शानदार प्रदर्शन किया और अपना पहला सुपर 1000 वर्ल्ड टूर खिताब जीतकर इतिहास रच दिया.
सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी ने ये ख़िताब जीतकर कहा,
“पिछले कुछ टूर्नामेंट्स से मुझे ट्रॉफी जीतने की अधिक भूख महसूस हो रही थी. हमने यह टूर्नामेंट जीत लिया है, और अगले हफ्ते हमारे पास एक और बड़ा टूर्नामेंट है. हम वापस जाएंगे और रीसेट करेंगे. लेकिन हम जिस तरह से खेले, उसे लेकर मैं अभी भी बहुत खुश हूं. यह एक नए दिन की तरह लग रहा था. लगा जैसे हम नए विरोधियों का सामना कर रहे हो. हम हेड-टू-हेड में 8-0 से पीछे थे, लेकिन मैं इस बारे में ज्यादा नहीं सोच रहा था. मैंने मन ही मन सोचा कि यह फाइनल है और दोनों टीमें दबाव में हैं. अगर हम अच्छा खेलेंगे तो हम ही जीतेंगे. पहले गेम में स्ट्राइक मिलने के बाद हम कंट्रोल में थे. मैंने खुद से कहा कि यह हमारा दिन है - घबराना नहीं है ये समझकर खेलना कि तुम कोई और फाइनल खेल रहे हो.”
इस टूर्नामेंट से पहले कोई भी भारतीय जोड़ी बीडब्ल्यूएफ सुपर 1000 वर्ल्ड टूर इवेंट में सेमीफाइनल से आगे नहीं जा पाई थी.
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