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'मैन ऑफ द मैच रेफरी को बना देना चाहिए' - इंडिया के साथ हुई बेइमानी के बाद भड़के इंडियन फ़ैन्स!

इंडिया ब्रॉन्ज़ मेडल के लिए न्यूजीलैंड का सामना करेगी.

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इंडियन हॉकी टीम, ट्विटर रिएक्शन (Courtesy: AP, Twitter)

इंडियन विमेन्स हॉकी टीम के साथ सेमीफाइनल मुकाबले में जो घटना घटी. उसके बाद टीम का कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड जीतने का सपना टूट गया. सेमीफाइनल में इंडिया का मुकाबला चार-बार की चैंपियन टीम ऑस्ट्रेलिया से हुआ. 1-1 से ड्रॉ होने के बाद मैच पेनाल्टी शूटआउट में गया. बाद में ऑस्ट्रेलिया ने 3-0 से पेनाल्टी शूटआउट जीत भी लिया. लेकिन इसी पेनाल्टी शूट आउट में भारतीय कप्तान सविता पुनिया के द्वारा बचाए गए सेव को टाइमर नहीं चलने की वजह से रद्द कर दिया गया.

रेगुलर टाइम में ऑस्ट्रेलिया के लिए रेबेका ग्रेनर ने 10वें मिनट में गोल दागा. चौथे क्वार्टर में भारत के लिए वंदना कटारिया ने गोल कर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया. इसके बाद मैच पेनाल्टी शूटआउट में गया. पहली पेनाल्टी ऑस्ट्रेलिया ने ली. भारतीय गोलकीपर और कप्तान सविता पुनिया ने ऑस्ट्रेलिया के उस अटेम्प्ट को सेव कर लिया. लेकिन रेफरी ने उसके बाद बताया कि घड़ी शुरू ही नहीं हुई थी. ऑस्ट्रेलिया को फिर से वो पेनाल्टी लेने का मौका मिला. यानी एक और चांस. इससे इंडियन प्लेयर्स का हौसला टूट गया. इतने बड़े मुकाबले में रेफरी को ऐसी गलतियां नहीं करनी चाहिए. बड़े मौकों पर ऐसी चीज़ें बहुत अहम भूमिका निभाती है. ऑस्ट्रेलिया ने फिर से वो पेनाल्टी ली और गोल कर दिया.

इतने बड़े सेमीफाइनल में भारत के साथ हुई इस घटना पर सोशल मीडिया पर ढेर सारी प्रतिक्रियाएं आईं. इस बात पर सोशल मीडिया पर फ़ैन्स ने तरह-तरह की बातें लिखी. एक फैन ने लिखा -

'घड़ी नहीं शुरू हुई'

एक सेकंड की ही बात है. एक गोल्ड रेफरी को दे देना चाहिए. दूसरा गोल्ड सेकंड रेफरी को देना चाहिए. टीवी अंपायर को तीसरा गोल्ड दे देना चाहिए. उनके जोकर जैसे निर्णयों के लिए.

दूसरे यूज़र ने लिखा -

ऑस्ट्रेलिया को हमेशा से चीटिंग करके जीतने की आदत है. हमें उनकी ही भाषा में उन्हें जवाब देना होगा. हमें अपने गेम को इतना बेहतर करना होगा कि हम उन्हें हरा सकें. वही सही जवाब होगा.

एक और यूज़र ने लिखा -

कॉमनवेल्थ गेम्स में चीटिंग हो रही है. ऑस्ट्रेलिया के प्लेयर ने अपना शूटआउट गंवा दिया तो रेफरी ने कहा कि घड़ी नहीं स्टार्ट हुई थी. ऑस्ट्रेलिया को फिर शूटआउट मिल गया. ये भारत के खिलाफ चीटिंग है!

एक अन्य यूज़र ने कॉमनवेल्थ गेम्स पर सवाल खड़ा कर दिया. उन्होंने लिखा -

ये कॉमनवेल्थ नहीं, ऑसी और ब्रिटिश वेल्थ गेम्स हैं. ऐसा लगता है मैच जीतने के लिए चीटिंग ही सबसे अहम है. मैन ऑफ द मैच हाना हैरिसन को मिलना चाहिए. क्या खेल दिखाया है उन्होंने!

हाना हैरिसन इस मैच की रेफरी थी. एक दूसरे यूज़र ने इंडियन टीम की तारीफ करते हुए लिखा -

रिजल्ट कुछ भी हो. कोई भी मैच जीते. आप सब हमारी क्वीन्स रहेंगी.

आपको बता दें कि ब्रॉन्ज़ मेडल के लिए सात अगस्त को इंडिया का मुकाबला न्यूजीलैंड से होगा. इंडिया इसके पहले 2006 में कॉमनवेल्थ गेम्स के फाइनल में पहुंची थी. तब ऑस्ट्रेलिया ने इंडिया को हराया था. भारतीय महिला हॉकी टीम ने अब तक कॉमनवेल्थ गेम्स में एक गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीता है. 

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