भारत में क्रिकेट नहीं, क्रिकेट का जुनून है. इंडिया-पाकिस्तान मैच हो तो लगता है पूरा देश टीवी और मोबाइल पर टिका हुआ है. IPL का कोई मैच हो तो लोग गली-गली में इसकी चर्चा करते दिखते हैं. और व्यूअरशिप? अरबों में नहीं, मिलियन में. IPL 2025 का एक मैच तो 60 करोड़+ कंकुरेंट व्यूअर्स तक पहुंच गया था! फिर भी, अब जो खबर आई है, वो दुखी करने वाली है.
IPL जैसी लीग चलाने वाले देश में ICC को क्यों नहीं मिल रहा ब्रॉडकास्टर?
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के लिए 2026 T20 वर्ल्ड कप से पहले मुश्किलें खड़ी हो गई. जियोस्टार ICC टूर्नामेंट्स के मीडिया राइट्स की डील खत्म करना चाहता है.
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2025 का T20 वर्ल्ड कप भारत और श्रीलंका में हो रहा है. ICC ने मीडिया राइट्स बेचने की बोली लगाई. अब तक जो कंपनियां BCCI को IPL के लिए 40,000 करोड़ रुपए थमा देती थीं, वही कंपनियां ICC के ईमेल का जवाब तक नहीं दे रही हैं. स्टार, वायकॉम, जी – सब चुप्पी साधे हैं. बोली की आखिरी तारीख बढ़ानी पड़ी, फिर भी कोई हलचल नहीं.
जियोस्टार करार खत्म करने को तैयारखबर दरअसल यह है कि ICC को 2026 T20 वर्ल्ड कप के लिए भारत में कोई ब्रॉडकास्टर नहीं मिल रहा. पुराने कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक यह डील 2027 तक जियोस्टार के पास थी. लेकिन यह कंपनी बीच में ही करार खत्म करना चाहती है. इस कारण अंतरराष्ट्रीय बोर्ड अब नया ब्रॉडकास्टर चाहता है. ICC ने 2026-29 के लिए भारत के मीडिया राइट्स की एक नई बिक्री प्रक्रिया शुरू कर दी है, और लगभग 2.4 बिलियन डॉलर (250 करोड़ रुपये के लगभग) की मांग कर रही है. इस प्राइसिंग में कोई भी कंपनी राइट्स के लिए दिलचस्पी नहीं दिखा रही है. ऐसा क्यों है, हम समझाते हैं.
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पहले यह समझना होगा कि आखिर जियोस्टार पीछे क्यों हटा है. जियोस्टार ने 2023 में पांच साल के लिए करार हासिल किया था. हालांकि पिछले कुछ समय में कंपनी को अनुमान से भी ज्यादा नुकसान हो रहा है. इकोनमिक टाइम्स रिपोर्ट में कहा गया है कि जियोस्टार का 2024-25 के बीच घाटा दुगुना हो गया. उसे साल 2024 में 12,319 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. यह 2025 में बढ़कर 25,760 करोड़ रुपये हो गया. इससे इतर आईसीसी को 2024 में 474 मिलियन डॉलर (3 हजार करोड़ के आसपास) का मुनाफा हुआ. कंपनी अब और नुकसान नहीं उठाना चाहती है.
क्यों पीछे हटा जियोस्टारइस नुकसान की बड़ी वजह है हाल ही में आया स्पोर्ट्स बिल. इस बिल के बाद भारत में सभी तरह के फैंटेसी ऐप, रियल मनी गेमिंग ऐप-वेबसाइट को बैन कर दिया गया. जियोस्टार को ड्रीम इलेवन और माय सर्कल इलेवन जैसी रियल मनी ऐप्स से लगभग 7000 करोड़ रुपए मिलते थे. अब कोई भी ब्रांड इसकी भरपाई नहीं कर पा रहा है. यही कारण है कि जियोस्टार पीछे हट रहा है.
अब ICC जिस तरह की प्राइसिंग की डिमांड कर रहा है वह किसी भी कंपनी के लिए बहुत बड़ी रकम है. इकॉनोमिक टाइम्स के मुताबिक आईसीसी ने सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया, नेटफ्लिक्स और एमजॉन प्राइम वीडियो से संपर्क किया, लेकिन इतनी भारी रकम के चलते कोई तैयार नहीं है. नतीजतन आईसीसी मुश्किल में है. भारत में क्रिकेट देखने वाले करोड़ों लोग हैं लेकिन इसके लिए अरबों पैसे खर्च करने के लिए कोई कंपनी फिलहाल तैयार नहीं है.
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