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वाघा बॉर्डर पर बदतमीजी करने वाले हसन अली ने अब क्या किया?

हसन की हरकत से गुस्साया पाकिस्तान.

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पाकिस्तानी तेज़ गेंदबाज़ हसन अली (कर्टसी: हसन ट्विटर)
पाकिस्तानी तेज़ गेंदबाज़ हसन अली एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं. कुछ वक्त पहले वाघा बॉर्डर पर उधम मचाने वाले हसन इस बार एक पत्रकार से भिड़ गए हैं. हसन ने हाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पत्रकार से बदतमीज़ी करते हुए उन्हें सवाल पूछने से ही रोक दिया. जिसके बाद दोनों के बीच बहस हुई. इसमें हसन ने पत्रकार से कहा कि वह सोशल मीडिया पर अच्छी चीजें लिखें और खिलाड़ियों के साथ पर्सनल ना हों. रविवार 12 दिसंबर को पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) 2022 के प्लेयर्स ड्राफ्ट के बाद हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस्लामाद यूनाइटेड के तेज़ गेंदबाज़ हसन फ्रैंचाइज़ी के दो अन्य सदस्यों के साथ पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे. तभी सवाल पूछ रहे पत्रकार अनस सईद को हसन ने बीच में ही रोक दिया. और अगले पत्रकार को सवाल पूछने के लिए कहा. जिसके बाद अनस ने हसन से कहा कि उन्हें कम से कम अपना सवाल तो पूरा करने दिया जाए. लेकिन हसन लगातार अगला सवाल, अगला सवाल बोलते रहे और अनस को सवाल पूछने ही नहीं दिया. यही नहीं, इसके बाद हसन ने अनस पर एक टिप्पणी भी कस दी. हसन का कहना था कि उनका क्रिकेट बोर्ड भले ही पत्रकारों को सवाल करने से नहीं रोक सकता लेकिन एक खिलाड़ी ऐसा जरूर कर सकता है. हसन ने कहा,
'पहले तुम ट्विटर पर बैठकर अच्छी-अच्छी बातें लिखो, फिर मैं तुम्हें जवाब दूंगा. ठीक है? किसी के साथ पर्सनल नहीं होना चाहिए. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) तो तुम्हे रोक नहीं सकता लेकिन हमें तो यह अधिकार है ना.'
हसन की इस हरकत के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर खरी खोटी सुनने को मिल रही है. पाकिस्तान के कई बड़े पत्रकारों ने अनस के सपोर्ट में ट्वीट किया है और हसन के व्यवहार की निंदा की है. कुछ का तो ये भी कहना है कि PCB को खिलाड़ियों के स्वभाव को काबू में रखने के लिए भी कुछ कड़े कदम उठाने चाहिए. लगभग सभी का यही पूछना है कि एक पत्रकार को सवाल पूछने से कैसे रोका जा सकता है?   बता दें कि ये पहली बार नहीं हुआ है जब हसन ने अपनी हरकतों से क्रिकेट और फ़ैन्स को शर्मिंदा किया हो. साल 2018 में हसन द्वारा वाघा बॉर्डर पर की गई शर्मनाक हरकत तो सबको याद ही होगी. जब झंडे उतारने की सेरेमनी के दौरान हसन ने बॉर्डर के इस पार देखते हुए भड़काऊ इशारे किए थे. मानो युद्ध के लिए ललकार रहे हों.