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विराट से लड़ने के बाद फिर भड़के गौतम गंभीर, ट्वीट कर न्यूज़ चैनल के मशहूर एंकर को सुना दिया!

'कलयुग में भगोड़ों की अदालत.'

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फिर भड़के हैं गंभीर (स्क्रीनग्रैब)

गौतम गंभीर भड़क गए हैं. अभी कुछ लोग कहेंगे कि वो तो मजदूर दिवस से ही भड़के हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. बीच में उनकी कुछ हंसती हुई तस्वीरें भी आई थीं. हां, तो गंभीर भड़के हैं. और इस बार उनके गुस्से का शिकार बने हैं एक निजी न्यूज़ चैनल के मालिक.

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गंभीर ने 3 मई, बुधवार की रात सवा नौ बजे के क़रीब एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा,

‘प्रेशर'की बात कर दिल्ली क्रिकेट से भागा एक आदमी क्रिकेट की चिंता की आड़ में पेड पीआर बेचने के लिए बेताब है. यही कलयुग है जहां ‘भगोड़े’ अपनी ‘अदालत’ चलाते हैं.’

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सोशल मीडिया और टीवी से प्रेम करने वाले लोग तो पूरा मामला समझ गए. लेकिन इनसे उचित दूरी बनाकर रखने वालों को शायद थोड़ी और जानकारी चाहिए होगी. तो चलिए इस मामले को विस्तार से देखते हैं. कोहली-गंभीर के झगड़े के बाद एक निज़ी न्यूज़ चैनल के मालिक और DDCA के पूर्व अध्यक्ष रजत शर्मा ने एक प्रोग्राम होस्ट किया था.

इसमें उन्होंने सीधे गंभीर का नाम लेकर कई सारी चीजें कही थीं. लेकिन इसका जो हिस्सा सोशल मीडिया पर ज्यादा वायरल है. उसमें रजत कह रहे हैं,

‘गौतम गंभीर को मिर्ची लगी. चुनाव लड़कर, एमपी बनकर गौतम गंभीर का अहंकार और बढ़ गया. विराट की लोकप्रियता उन्हें कितना परेशान करती है, ये कल ग्राउंड में साफ-साफ एक बार फिर नज़र आया. विराट कोहली ऐसे प्लेयर हैं, जो हमेशा अग्रेसिव रहते हैं. किसी तरह की नॉनसेंस को बर्दाश्त नहीं करते.

इसीलिए उन्होंने गौतम गंभीर को बराबर का जवाब दिया. लेकिन कुल-मिलाकर गौतम गंभीर ने जो किया, वो स्पोर्ट्समैन स्पिरिट के खिलाफ है. ना एक फॉर्मर प्लेयर को शोभा देता है, ना एक मेंबर ऑफ पार्लियामेंट को. ऐसी घटनाओं से क्रिकेट का नुकसान होता है. और ये नहीं होना चाहिए था.’

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और गंभीर ने इसी प्रोग्राम पर रिएक्ट करते हुए शर्मा का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा. बता दें कि रजत शर्मा ने लगभग 20 महीने के लिए DDCA के प्रेसिडेंट की पोस्ट संभाली थी. और नवंबर 2019 में इससे इस्तीफा देते हुए कहा था,

'यहां का क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन दबाव और खींचतान से भरा हुआ है. मुझे लगता है कि क्रिकेट के इंस्ट्रेस्ट के खिलाफ़ यहां साजिशें चलती रहती हैं. ऐसा लगता है कि मेरे सत्यनिष्ठा, ईमानदारी और पारदर्शिता के सिद्धांतों के साथ यहां बने रहना संभव नहीं होगा.'

बता दें कि रजत के कार्यकाल के दौरान उनकी जनरल सेक्रेटरी विनोद तिहारा से नहीं बन रही थी. तिहारा की DDCA संगठन पर अच्छी पकड़ थी. और इन दोनों के बीच के मतभेद पब्लिक के सामने थे.

एक दौर में विनोद और गंभीर के रिश्ते अच्छे थे लेकिन बाद में इन दोनों में भी मनमुटाव हो गया था. विनोद ने यहां तक कह दिया था कि एमपी बनने के बाद गंभीर की नीयत में खोट आ गई है.

वीडियो: विराट कोहली से भिड़ने वाले नवीन उल हक क्रिकेट क्यों छोड़ना चाहते थे?

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