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अगर आपको लगता है IPL की सबसे टोपा टीम दिल्ली डेयरडेविल्स है, तो आप गलत हैं

हर बार ये सबसे मजबूत टीम लगती है, मगर फिर...

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आईपीएल में कई टीमों ने उम्मीद से ज्यादा गंदा खेला है.
आईपीएल 2018 के लीग मैच खत्म हो चुके हैं. अब प्लेऑफ की जंग देखने को मिलेगी. चार टीमें पहुंची हैं. हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता और राजस्थान. खैर अब तक के मैचों के हिसाब से अगर एक सवाल पूछा जाए कि आईपीएल की सबसे खराब टीम कौन सी है? तो आदमी लपक के जवाब देगा - दिल्ली. कारण है पॉइंट्स टेबल, जहां दिल्ली सबसे नीचे है. उसने 14 में 5 मैच जीते हैं. मगर ये जवाब सही नहीं है. सही जवाब है दिल्ली से ठीक एक पायदान ऊपर विराजमान पंजाब की टीम. और ये हम नहीं कह रहे, आंकड़े कह रहे हैं.
11 साल से संघर्ष करती प्रीति की टीम किंग्स इलेवन पंजाब.
11 साल से संघर्ष करती प्रीति की टीम किंग्स इलेवन पंजाब.

इसकी सबसे बड़ी वजह है उसका 11 आईपीएल सीजंस में प्रदर्शन. इसमें ऐसा सिर्फ दो बार हुआ है कि वो लीग मैच के आगे जा पाई हो. बाकि 9 बार वो लीग मैच में ही गोड़ के बैठ गई है. ये आईपीएल में खेल रही सभी टीमों में सबसे खराब रिकॉर्ड है. इस बार एक मौका मिला था मगर उसने अपने खराब फॉर्म को ही आगे बढ़ाया. चेन्नई को बड़े अंतर से हराना तो छोड़ो, मैच भी नहीं जीत पाए. पंजाब के पिछले 10 सीजंस का हाल भी देख लीजिए -
2017 - पांचवें नंबर पर रही. 14 में से 7 मैच जीते
2016 - आठवें माने आखिरी स्थान पर रही. 14 में सिर्फ चार मैच जीते.
2015 - इस बार भी आठवें नंबर पर रही. 14 में सिर्फ 3 मैच जीते.
2014 - इस बार टीम जोश में थी. टॉप पर रही थी. 14 में 11 मैच जीते थे.
2013 - छठे नंबर पर रही थी. 16 में 8 मैच जीते थे.
2012 - इस बार भी छठे नंबर पर थी. 16 में 8 मैच जीते थे.
2011 - पांचवें नंबर पर रही थी. 14 में 7 मैच जीते थे.
2010 - इस बार भी नीचे से टॉप किया. आठवें नंबर पर रही. 14 में चार मैच जीते.
2009 - पांचवें नंबर पर रही. 14 में 7 मैच जीते.
2008 - दूसरे नंबर पर रही थी. 14 में 10 मैच जीते थे.
पंजाब की टीम एक बार फिर चूक गई.
पंजाब की टीम एक बार फिर चूक गई.

माने 11 सीजंस में 3 बार तो पंजाब की टीम ने नीचे से टॉप किया है. बाकि में भी हालत खस्ता ही रही है. रही बात दिल्ली की तो उसने 3 बार प्लेऑफ के लिए क्वॉलिफाई किया है. दो बार टॉप पर रही है. मगर पंजाब के साथ हर बार वही कहानी रही है. नाम बड़े और दर्शन छोटे. 2018 में भी यही देखने को मिला. गेल, युवराज, अश्विन, फिंच, मिलर जैसे बड़े नाम. टीम ने धमाकेदार शुरुआत भी की. मगर फिर ऐसा फ्लॉप हुए कि आखिरी के पांच मैच लगातार हारे. दिल्ली ने कमसेकम अपने आखिरी दो मैच जीतकर तो दम दिखाई. चेन्नई और मुंबई जैसी टीमों को हराया. बाकि प्रीति जिंटा के लिए क्या ही कहा जाए. बेचारी 11 साल से अपनी टीम की दुर्दशा देखती आ रही हैं. मगर हिम्मत नहीं हारी है. उन्हें पूरा भरोसा है कि एक दिन उनके करन-अर्जुन आएंगे...जरूर आएंगे.


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