
ग्रेट ब्रिटेन से ब्रॉन्ज मेडल मैच में हार के बाद निराश Vandana Kataria (बांई तरफ) और Navneet Kaur (दांई तरफ). (फोटो: एपी)
वंदना कटारिया के परिवार की शिकायत के बाद हरिद्वार पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी विजयपाल को गिरफ्तार कर लिया. वहीं विजयपाल सहित तीन आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 504 (शांतिभंग) और SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया. दो अन्य आरोपियों के नाम अंकुर पाल और सुमित चौहान हैं. इस मामले में कुछ अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है. 'हम सबको एक होना चाहिए' इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, वंदना ने कहा कि उन्हें इस घटनाक्रम के बारे में जानकारी मिल चुकी है, लेकिन अभी तक उन्होंने अपने परिवार से बात नहीं की. उन्होंने कहा,
"इस तरह की जातिवादी टिप्पणियां नहीं होनी चाहिए. सिर्फ हॉकी के बारे में सोचें. हम युवा लड़कियां हैं. और हम लोग देश के लिए खेल रहे हैं. तो हम सबको एक होना चाहिए. मतलब हर चीज को एक होना चाहिए."इससे पहले वंदना कटारिया के भाई चंद्र शेखर ने भी इंडियन एक्सप्रेस से बात की थी. उन्होंने अखबार से कहा था,
"उन्होंने (आरोपियों ने) कहा कि मेरी जाति के लोग राष्ट्रीय टीम में कैसे खेल सकते हैं. हमारा परिवार डरा हुआ है क्योंकि उन लड़कों ने हमें जान से मारने की भी धमकी दी. हमने पूरे मामले को बताते हुए शिकायत दर्ज करा दी है."दूसरी तरफ वंदना ने कहा कि वो अपने परिवार से बात करने के बाद ही इस पूरे मामले पर कोई कमेंट करेंगी. इंडियन एक्सप्रेस को उन्होंने बताया कि जब से वो टोक्यो पहुंची हैं, उनका फोन स्विच ऑफ है.
टोक्यो ओलंपिक्स तक पहुंचने के लिए वंदना को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जब वो बड़ी हो रही थीं, तो उनके आसपास रहने वाले लोग नहीं चाहते थे कि वो हॉकी खेलें. वंदना के पिता नाहर सिंह ने उनका साथ दिया. उन्होंने हर उस शख्स का मुकाबला किया, जो वंदना को आगे नहीं बढ़ने देना चाहता था. तीन महीने पहले वंदना के पिता की मृत्यु हो गई. वे अपने पिता के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो पाईं क्योंकि कोरोना वायरस महामारी फैली थी. और वंदना बेंगलुरु में बॉयो बबल में रहते हुए ओलंपिक्स के लिए प्रैक्टिस कर रही थीं.