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खालिस्तान का विरोध कर रहे थे सुखी चहल, दोस्त के यहां डिनर के बाद संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई

USA में खालिस्तान विरोधी बिजनेसमैन Sukhi Chahal की रहस्यमयी मौत इसलिए भी शक के घेरे में है. क्योंकि उन्हें लगातार खालिस्तान समर्थकों से जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं. उनके दोस्तों ने इस घटना को लेकर महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं.

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सुखी चहल खालिस्तान विरोधी विचारों के लिए जाने जाते थे (फोटो X/@realSukhiChahal)

अमेरिकी बिजनेसमैन और सामाजिक कार्यकर्ता सुखी चहल (Sukhi Chahal Death) की कैलिफोर्निया में संदिग्ध हालत में मौत हो गई. सुखी चहल खालिस्तान विरोधी विचारों के लिए जाने जाते थे. उनकी रहस्यमयी मौत इसलिए भी शक के घेरे में है, क्योंकि उन्हें लगातार खालिस्तान समर्थकों से जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं. 

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TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, सुखी चहल के करीबी दोस्त जसपाल सिंह ने शनिवार, 2 अगस्त को इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सुखी को गुरुवार को उनके एक परिचित ने अपने घर पर रात के खाने पर बुलाया था. आगे कहा,

रात के खाने के कुछ देर बाद ही उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और उनकी मौके पर ही मौत हो गई.

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जसपाल सिंह ने बताया कि सुखी पूरी तरह स्वस्थ थे और उनकी अचानक और रहस्यमयी मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. वे 17 अगस्त को वाशिंगटन डीसी में होने वाले ‘खालिस्तान जनमत संग्रह’ का पुरजोर विरोध कर रहे थे. इससे पहले ही उनकी मौत हो गई. जसपाल ने बताया कि सुखी विदेशों में खालिस्तान समर्थकों की आलोचना के लिए जाने जाते थे. इसलिए उन्हें लगातार खालिस्तान समर्थकों से जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं.

हाल ही में सुखी चहल ने अपने 'X' अकाउंट पर एक पोस्ट की थी. जिसमें उन्होंने भारतीय प्रवासियों को अमेरिकी कानूनों का पालन करने और अपराधों से दूर रहने की सलाह दी थी. उन्होंने दूतावास का एक पोस्ट शेयर किया था जिसमें लिखा था,

अमेरिका, कानून और व्यवस्था का समाज है. विदेशी पर्यटकों के हमले जैसे अपराध बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. अगर आप अमेरिका में कानून तोड़ते हैं, तो आपका अमेरिकी वीज़ा रद्द किया जा सकता है और फिर आप अमेरिका लौटने के काबिल नहीं हो सकते.

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रिपोर्ट के मुताबिक, कैलिफोर्निया में उनके एक परिचित बूटा सिंह कलेर ने बताया लगातार मिल रही धमकियों के बाद भी वे अपने विचारों पर अडिग रहे. उनके निधन से अमेरिका में रह रहे भारत समर्थक समुदायों में शोक की लहर दौड़ गई है. बूटा सिंह ने बताया कि पुलिस घटना की जांच कर रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी.

पंजाब के मानसा से गए थे अमेरिका

सुखी चहल का जन्म भारत के पंजाब के मानसा जिले में हुआ था. वे 1992 में अमेरिका चले गए. उन्होंने 1988 से 1992 तक लुधियाना के गुरु नानक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई की और पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर थे.

उन्होंने स्टैनफोर्ड और यूसी बर्कले में कंप्यूटर और प्रबंधन से जुड़े विशेष कोर्स भी किए. सुखी ने सिलिकॉन वैली की कई कंपनियों में वरिष्ठ प्रबंधन, इंजीनियरिंग और सलाहकार के रूप में काम किया.

चहल 'द खालसा टुडे' के संस्थापक और अध्यक्ष भी थे. सुखी सामाजिक रूप से बहुत सक्रिय थे और उन्होंने हिंदू, सिख और यहूदी समुदायों के बीच एकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई.

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