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इस आतंकी का जनाजा POK में निकला, पहलगाम अटैक को लेकर अब पाकिस्तान की पोल पूरी तरह खुली

Operation Mahadev में मारे गए आतंकी ताहिर ने Pahalgam Attack में अहम भूमिका निभाई थी. ताहिर पाकिस्तान का पूर्व सैनिक था. बाद में उसने लश्कर-ए-तैयबा जॉइन कर लिया. लेकिन इस खबर के सामने आने के बाद पाकिस्तान वो झूठ भी नहीं बोल पायेगा, जो अब तक बोलता आया कि पहलगाम हमले में उसका कोई हाथ नहीं है.

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पहलगाम हमले में 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी (फोटो: आजतक)

‘ऑपरेशन महादेव’ (Operation Mahadev) में मारे गए आतंकी ताहिर का जनाजा-ए-गायब पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में निकाला गया. इससे एक बार फिर पुष्टि हो गई कि पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था. ताहिर ने पहलगाम हमले (Pahalgam Attack) में अहम भूमिका निभाई थी. जिसमें 26 भारतीयों की हत्या कर दी गई थी. 

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TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, ताहिर का ‘जनाजा-ए-गायब’ रावलकोट के खाई गाला गांव में निकाला गया. ‘जनाजा-ए-गायब’ अंतिम संस्कार करने का एक तरीका होता है, जो शव की गैर-मौजूदगी में किया जाता है. ताहिर पाकिस्तान का पूर्व सैनिक था. बाद में उसने लश्कर-ए-तैयबा जॉइन कर लिया. टेलीग्राम पर जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए, उसमें परिजन और गांव के लोग ताहिर की अंतिम प्रार्थना के लिए इकट्ठे होते दिख रहे हैं.

इस आयोजन में स्थानीय लश्कर कमांडर रिजवान हनीफ ने भी शामिल होने की कोशिश की. लेकिन ताहिर के परिवार ने लश्कर के सदस्यों को शामिल होने से साफ मना कर दिया था. हनीफ ने जिद की, जिससे टकराव की स्थिति पैदा हो गई. TOI ने सूत्रों के हवाले से लिखा,

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लश्कर के गुर्गों ने गांव वालों को बंदूक दिखाकर धमकाया. जिससे ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया. इसके बाद लश्कर कमांडर को जनता के गुस्से का सामना करना पड़ रहा और उल्टे पांव भागने के लिए मजबूर होना पड़ा.

सूत्रों ने बताया कि दरअसल, ताहिर की मौत के बाद गांव वालों में गुस्सा है. वे आतंकवादी भर्ती का विरोध करने और आतंकियों के सार्वजनिक बहिष्कार की योजना बना रहे हैं. इस घटनाक्रम से दो बातें पता चलती हैं. पहली ये कि किस तरह पाकिस्तान, POK के लोगों को आतंकवाद के दलदल में घसीटता है. इससे पहलगाम हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता का भी पता चलता है. दूसरी बात ये कि अब POK में लोग आतंकवाद का खुलकर विरोध करने लगे हैं.

बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने पहलगाम हमले का बदला लिया था. इसके बाद सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन महादेव चलाया जिसमें उन आतंकियों को ढेर किया गया, जो पहलगाम हमले में शामिल थे, मारे गए इन आतंकियों में ताहिर भी शामिल था.  

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कौन था आतंकी ताहिर?

भारत ने ताहिर को मोस्ट वांटेड आतंकवादी घोषित किया था. पाकिस्तानी सेना में शामिल होने से पहले वह पाकिस्तानी छात्र संगठन ‘इस्लामी जमीयत तलाबा’ (IJT) और स्टूडेंट लिबरेशन फ्रंट (SLF) से जुड़ा रहा है. ताहिर जिस सदोज़ाई पठान समुदाय से ताल्लुक रखता है, उसने पुंछ विद्रोह में अहम भूमिका निभाई थी. ये समुदाय 18वीं सदी में अफगानिस्तान से आकर यहां बसा था. इसी वजह से ताहिर को 'अफगानी' उपनाम मिला, जिससे वह खुफिया रिकॉर्ड में जाना जाता था.

वीडियो: 'ऑपरेशन महादेव' में मारे गए तीन आतंकियों का पहलगाम हमले से क्या कनेक्शन?

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