‘ये रहा बिग बर्ड. जोएल गार्नर. 6 फिट आठ इंच तो हाइट ही है इसकी. हाथ सीधा तीन फुट ऊपर जाता है. उस पर दो फुट उछलकर बॉल मारता है. टोटल 12 फीट की हाइट से बॉल आती है आपकी तरफ. 150 किलो मीटर प्रति घंटे की स्पीड से. बचलो’
जिस तरह से मैंने इसका ज़िक्र किया, मानती हूं कि आपको बंटी उर्फ जतिन सरना के 1983 मूवी के कैरेक्टर यशपाल शर्मा की याद नहीं आई होगी. लेकिन इत्ता तो आप भी समझ गए होंगे कि ये डायलॉग उसी मूवी का है. जब इंडियन टीम के कुछ खिलाड़ी बैठकर वेस्ट इंडीज़ के गेंदबाजों की बोलिंग प्रैक्टिस देख रहे थे.
खैर, आज हम ना तो आपसे 1983 मूवी और ना ही उस वर्ल्ड कप जीत के बारे में बात करने आए हैं. बल्कि आज हम बात करने वाले हैं उस गेंदबाज के बारे में, जिसने पूरी दुनिया के बल्लेबाजों की हालत खराब कर दी. नाम तो आपको पता ही चल चुका है. जोएल गार्नर या बिग बर्ड.
अब आप सोच रहे होंगे कि आज हमको एकदम से जोएल गार्नर की याद कहां से आ गई? दरअसल बात कुछ ऐसी है कि आज ही के दिन, साल 1979 में वेस्ट इंडीज़ की टीम ने वर्ल्ड कप के दूसरे एडिशन का फाइनल खेला था. और लगातार दूसरी बार टाइटल अपने नाम किया था. पिछले एडिशन में इन्होंने ऑस्ट्रेलिया को हराया. और इस बार इंग्लैंड को.
वेस्ट इंडीज़ की जीत पक्की करने वाले जोएल गार्नर ने इस मैच में पांच विकेट निकाले थे. और मज़े की बात ये थी कि सारे विकेट सिर्फ चार रन देकर, 11 गेदों में आ गए थे. गार्नर ने कुछ बल्लेबाजों को शून्य पर भेजा. और कुछ के सामने ऐसी यॉर्कर डाली कि वो बस देखते ही रह गए.
#कैसी गेंदबाजी कर गए गार्नर?
क़िस्सा 1979 वर्ल्ड कप फाइनल का है. वेस्ट इंडीज़ और इंग्लैंड के बीच ये मुकाबला लॉर्ड्स के मैदान पर खेला जा रहा था. इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुन ली. बल्लेबाजी करने उतरी वेस्ट इंडीज़ की टीम. शुरुआत ज्यादा कुछ खास नहीं. 22 रन पर एक विकेट गिरा. और 36 रन पर दो.
100 रन के भीतर टीम चार विकेट गंवा चुकी थी. लेकिन विव रिचर्ड्स अभी बचे थे. वो मैदान पर टिक गए. और अपने साथ जमा ले गए कॉलिस किंग को. विव रिचर्ड्स ने 138 रन बनाए और कॉलिस किंग ने 86. इन दो बल्लेबाजों के दम पर विंडीज 286 पर पहुंच गई.
अब बारी थी इस लक्ष्य को डिफेंड करने की. इंग्लैंड की शुरुआत जबरदस्त हुई. माइक ब्रेयरली और ज्यॉफ बॉयकाट के बीच पहले विकेट के लिए 129 रन की साझेदारी हो गई. माइक 64 रन बनाकर आउट हो गए. लेकिन मैच में इंग्लैंड की पकड़ साफ दिख रही थी. हालांकि इसके बाद ज्यॉफ भी ज्यादा देर नहीं टिक पाए.
लेकिन इंग्लैंड की उम्मीदें अभी भी जिंदा थी. और उसको चला रहे थे डेरेक रैन्डल और ग्राहम गूच. तभी डेरेक कुल 15 रन बनाकर लौट गए. अब मैच फंस रहा था. इंग्लैंड को और फंसाने का काम किया जोएल गार्नर ने. गार्नर ने 11 गेंदों के अंदर पांच विकेट निकाल लिए. और रन दिए कुल चार.
इन पांच विकेट्स में से चार तो बल्लेबाजों को बोल्ड करके आई थी. इसमें से तीन विकेट यॉर्कर पर ली गई थी. और गार्नर के चार शिकार तो अपना खाता भी नहीं खोल पाए थे.
बाद में अपने इस स्पेल पर स्पोर्टस्टार से बात करते हुए गार्नर ने कहा था,
‘हमारे पास बहुत सारे शानदार मोमेंट्स है. 79 का फाइनल उनमें से एक है. मेरी यॉर्कर्स ने कमाल किया. पर्सनली, मेरा ग्रेट मोमेंट तब आया जब टीम जीत रही थी. टीम हर किसी चीज़ से ऊपर थी.’
साल 1979 का ये वर्ल्ड कप फाइनल वेस्ट इंडीज़ ने 92 रन से जीता था. यह टीम का लगातार दूसरा वर्ल्ड कप खिताब था.
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