पेशाब शरीर की गंदगी बाहर निकालता है. ये गंदगी फ़िल्टर करने का काम करती हैं किडनियां. जब इन किडनियों में कोई दिक्कत आना शुरू होती है तो ये अपना 100 पर्सेंट नहीं दे पातीं और हो जाती है गड़बड़. नतीजा? जो चीज़ें आपके शरीर के लिए ज़रूरी हैं और अंदर ही रहनी चाहिए, वो भी यूरिन के ज़रिए बाहर निकल आती हैं. जैसे प्रोटीन. यूरिन में प्रोटीन आना मतलब मामला गड़बड़ है. इसको कहते हैं प्रोटीन्यूरिया. ऐसा होने पर आपके चेहरे, पेट और एड़ियों में सूजन होने लगेगी, ज़्यादा पेशाब आएगा, थकान रहेगी, सांस फूलेगी और पेशाब में ज़्यादा झाग बनेगा. आज जानते हैं पेशाब में प्रोटीन क्यों आने लगता है और इसका पता कैसे करें.
पेशाब में झाग बनना ख़तरनाक क्यों है?
यूरिन में प्रोटीन आना मतलब मामला गड़बड़ है.

ये हमें बताया डॉक्टर संजीव सक्सेना ने.

प्रोटीन्यूरिया यानी यूरिन में प्रोटीन का लीकेज. किडनियां शरीर में फ़िल्टर का काम करती हैं. शरीर से कूड़ा निकालती हैं. रोज़ शरीर में जो कूड़ा या वेस्ट जमा होता है, किडनियां उसको फ़िल्टर करती हैं. फिर यूरिन में निकाल देती हैं. खून पूरा फ़िल्टर होता है. उसमें अच्छी चीज़ें भी फ़िल्टर हो जाती हैं. पर किडनी अच्छी चीज़ों को रोक लेती हैं. इसलिए शरीर के लिए ज़रूरी प्रोटीन यूरिन में नहीं निकलता या बहुत ही कम मात्रा में पाए जाते हैं. अगर यूरिन में प्रोटीन निकल रहे हैं तो मतलब किडनी में समस्या है.

अगर शुगर है और ब्लड प्रेशर भी हाई है तो ऐसे में यूरिन में प्रोटीन निकलता है. ऐसा होना किडनी की बीमारी का लक्षण है. ऐसे में शुगर और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करना है. डॉक्टर से मिलकर दवाई ले सकते हैं जिससे किडनी की ये बीमारी आगे न बढ़े. प्रेग्नेंसी में यूरिन में प्रोटीन लीक होता है. ऐसा आमतौर पर पांचवें या छठवें महीने के बाद होता है. इसे प्रीक्लेम्पसिया कहते हैं. ये बच्चे और मां दोनों के लिए नुकसानदेह होता है. इसको कंट्रोल करना ज़रूरी है.
अगला कारण है नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम. इसमें पेशाब में बहुत ज़्यादा प्रोटीन लीक करता है. 1 दिन में 3.50 ग्राम या उससे अधिक लीक होता है. बच्चों में होने वाली बीमारियां आसानी से ठीक हो जाती हैं. अगर यही बीमारी अडल्ट्स में हो तो दवाई लंबी चलती है.

अगर पेशाब में प्रोटीन लीक हो रहा है तो उसका एक सिंपल सा यूरिन टेस्ट होता है. 24 घंटे का यूरिन प्रोटीन क्रेटनिन रेशियो करवाया जाता है. साथ ही किडनी के और टेस्ट जैसे ब्लड, यूरिया और क्रेटनिन के टेस्ट भी करवाए जाते हैं. अल्ट्रासाउंड भी किया जाता है. अगर टेस्ट में यूरिन में प्रोटीन आ रहा है तो इसको इग्नोर न करें.
ये दिक्कत जितनी जल्दी पकड़ में आ जाए उतना अच्छा है. इसलिए अगर बताए गए लक्षण आपको महसूस होते हैं तो टेस्ट ज़रूर करवाएं ताकि किडनियों का ख़राब होना पहले ही रोक लिया जाए.
(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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