किशन के पिता की उम्र 55 साल है. मुरादाबाद के रहने वाले हैं. दो महीने पहले उनके सीने में दर्द उठा. उन्हें ऐसा लग रहा था जैसे उनके सीने पर किसी ने 10 किलो का पत्थर रख दिया हो. दबाव महसूस हो रहा था. दर्द सीने से होते हुए बाएं हाथ, गले और पीठ तक जा रहा था. इसके साथ उन्हें सांस लेने में परेशानी, चक्कर और थकान महसूस हो रही थी. घर में सबको लगा किशन के पिताजी को हार्ट अटैक पड़ा है. अस्पताल लेकर भागे. अस्पताल में जांच हुई. पता चला किशन के पिताजी जो एंजाइना पैन उठा था. अब हार्ट अटैक क्या होता है, ये तो ज़्यादातर लोगों को पता है. पर एंजाइना पेन के बारे में कम ही लोग जानते हैं. एंजाइना पेन दरअसल हार्ट अटैक का एक लक्षण है. ये इशारा करता है कि हार्ट अटैक पड़ सकता है या पड़ रहा है. तो चलिए आज इसी पर बात करते हैं. एंजाइना पेन क्या होता है? ये हमें बताया डॉक्टर प्रफुल्ल ढेवले ने.

डॉ. प्रफुल्ल ढेवले, कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट, अरनेजा हार्ट हॉस्पिटल, नागपुर
एंजाइना पेक्टोरिस एक लैटिन वर्ड है, जिसका मतलब होता है स्ट्रैंगलिंग चेस्ट. जैसे स्ट्रैंग्लिंग इन नेक होता है यानी गले दबने जैसी फीलिंग. उसी तरह से स्ट्रैंग्लिंग चेस्ट होता है. इसमें छाती पर दबाव पड़ने जैसी फीलिंग होती है. जब हार्ट अटैक आता है तब चेस्ट में पेन होता है, वैसे ही चेस्ट के सेंटर में पेन होना, भारीपन लगना या ऐसी फीलिंग होना जैसे किसी ने छाती को दबा रखा हो. इसी को एंजाइना पेक्टोरिस कहा जाता है. लक्षण एंजाइना पेक्टोरिस का दर्द आमतौर पर चेस्ट के बीच में यानी सेंटर में होता है, इसमें व्यक्ति की छाती में बर्निंग सेंसेशन यानी जलन होती है, जैसे एसिडिटी में आपको पेट में जलन होती है. ठीक उसी तरह छाती के बीच में जलन लगना एंजाइना का ही लक्षण है.

इसमें व्यक्ति को बहुत ज्यादा पसीना आता है. कई बार सीने में दर्द ज्यादा एग्जर्शन के बाद बढ़ जाता है. आमतौर पर यह पेन 20 से 30 मिनट तक रहता है, इसी को एंजाइना पेन कहते हैं. कारण एंजाइना पेक्टोरिस हार्ट अटैक का एक लक्षण होता है. हार्ट में जो ब्लड सप्लाई होती है, वह तीन नसों के द्वारा होती है. अगर इन तीन नसों में से किसी एक में ब्लॉकेज होता है जिसकी वजह से हॉर्ट को मिलने वाली ब्लड सप्लाई कम हो जाती है, तो हार्ट की मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं और मांसपेशियां मरने लगती हैं. इसकी वजह से चेस्ट पेन होने लगता है.

एंजाइना को डायग्नोज कैसे कर सकते हैं? एंजाइना एक प्रकार का लक्षण होता है, जैसे छाती में दर्द होना. अगर किसी को भी यह दर्द होता है तो अपने नजदीकी हॉस्पिटल में जाकर ईसीजी (ECG) करवाए. ईसीजी में तुरंत पता चल जाता है कि हार्ट अटैक है या नहीं और उसका तुरंत डायग्नोज किया जा सकता है. बचाव/इलाज इसका मेन ट्रीटमेंट यह होता है कि जब भी ऐसा हो तो जीभ के नीचे एक सॉर्बिटरेट (Sorbitrate) टैबलेट रख दी जाए. उससे एंजाइना पेन कम हो जाता है. हार्ट अटैक आने के बाद दो ट्रीटमेंट ऑप्शंस होते हैं:
-पहला होता है क्लॉट डिजॉल्विंग इंजेक्शन (Clot dissolving injection ) जिसको थ्रॉम्बोलिसिस (Thrombolysis ) कहते हैं
-और दूसरा होता है एंजियोग्राफी करके एंजियोप्लास्टी करना. एंजियोग्राफी में कितनी ब्लॉकेज है, कैसी है, इस बात की जानकारी मिलती है. उसी हिसाब से फिर एंजियोप्लास्टी की जाती है

ईसीजी में तुरंत पता चल जाता है कि हार्ट अटैक है या नहीं और उसका तुरंत डायग्नोज किया जा सकता है
अगर इस प्रकार का पेन किसी को होता है तो उसको तुरंत ट्रीटमेंट देना चाहिए, इससे बचने के लिए आपको अपनी डायबिटीज को कंट्रोल में रखना होगा, हाइपरटेंशन को कंट्रोल में रखें, जंक फूड खाना बंद करें. इसके अलावा स्मोकिंग को भी बंद करना है. साथ ही एक चीज अपनी दिनचर्या में शामिल करें, एक्सरसाइज. हर दिन एक्सरसाइज करने से हम दिल से जुड़ी किसी भी बीमारी को प्रिवेंट कर सकते हैं.
जैसे कि हमने पहले बताया, एंजाइना पेन हार्ट अटैक का एक लक्षण है. इसलिए इसके बारे में सही जानकारी होना बेहद ज़रूरी है. ताकि अगर आपके सीने में दर्द उठे तो आपको अंदाज़ा हो जाए वो एंजाइना पेन है या नहीं. सही समय पर, सही इलाज जान बचा सकता है.