The Lallantop

भोजपुरी के अश्लीलतम गाने गाकर पॉपुलर होने वाले गुड्डू रंगीला आखिर हैं कौन?

इनका 'लहंगा में कोरोना वायरस' वाला गाना खूब पॉपुलर हो रहा है.

post-main-image
बायीं तरफ उस गाने का पोस्टर जो वायरल हो रहा है, दायीं तरफ उस व्यक्ति गुड्डू रंगीला की फोटो जिसका नाम इस गाने से जुड़ा है.
लहंगा में कोरोना वायरस घुसल बा. ये एक भोजपुरी गाने की लाइन है. गाना जिसे भोजपुरी के डायमंड स्टार गुड्डू रंगीला ने गाया है.
कोरोना वायरस इस वक़्त ख़बरों में है. इससे जुड़ी चीज़ें लोग पढ़ना और जानना चाह रहे हैं. इस गाने में इसी कीवर्ड को भुनाने की कोशिश की गई है. वरना इस गाने का कोरोना वायरस से कोई लेना देना नहीं है.
Untitled Design (17) वो स्क्रीनशॉट जो वायरल हो रहा है.

इसे 'होली स्पेशल' गाने की तरह पेश किया गया है. गाने में जोगीरा सररर और होली है जैसे शब्द इस्तेमाल किये गए हैं. गाने में एक भौजी यानी भाभी हैं. जिनकी दिक्कत है कि इनकेति और देवर दोनों इनसे रूठे हुए हैं. क्योंकि इनके लहंगे में कोरोना वायरस घुस गया है.
वैसे बता दें कि कोरोना वायरस खांसने, छींकने, वायरस वाली हवा के संपर्क में आने, या इन्फेक्टेड मांस खाने से फैलता है. सेक्स से फैलता हो, इसके कोई सुबूत नहीं मिले हैं. यानी लहंगे में कोरोना वायरस के होने का लॉजिक पहले ही फेल हो जाता है.
वैसे ये पहली बार नहीं है जब गुड्डू रंगीला ने महिला के लहंगे से प्रेम व्यक्त करते हुए कोई गाना बनाया हो. और इनके गाने देखे-सुने भी खूब जाते हैं.
तो आखिर कौन हैं ये गुड्डू रंगीला?
चैनपुर (सिवान), बिहार के हैं. गाना गाते हैं. वीडियो बनाते हैं. असली नाम है सिद्धेश्वर नन्द गिरि. 21 साल पहले एक गाना आया था, अइह इतवार के, जा झार के. जबर पॉपुलर हुआ था. उसके बाद से ही गुड्डू रंगीला का नाम हो गया. इनकी अपनी कंपनी है, रंगीला एंटरटेनमेंट के नाम से यूट्यूब चैनल है. इस पर दूसरों के भी गाने और म्यूजिक वीडियो डालते हैं, पब्लिसिटी करते हैं उनकी.
Untitled Design (19) 2002 में शादी हो गई थी. बाल बच्चेदार हैं.

कीवर्ड कवि हैं. जमाने की नब्ज़ देखते हैं. इनके गानों का लहंगा बेहद कम्पैटिबल है. इसमें कभी कोरोना वायरस की बात होती है, तो कभी NRC की. नागरिकता बिल पर इनके गाने हैं, तो बॉलीवुड के पॉपुलर गानों का भोजपुरी वर्जन भी मिल जाएगा आपको.
रिमोट से उठने वाला लहंगा और होली पर गर्भपात कराने वाली भौजाई
रविकिशन और नगमा का गाना आया था. तोहार लहंगा उठा देब रिमोट से. हर जगह बजना शुरू हुआ. लोगों को पता चल गया कि लहंगे को लेकर की जाने वाले कल्पनाएं अनंत हैं. कुछ भी बना दो, चल जाएगा गाना. उसके बाद लहंगे में बिल्ली का घुसना, लखनऊ से लहंगे का आना, सब कुछ चालू हो गया. और ये गाने चले भी. बस हुआ ये, कि लहंगे तक नहीं रुके.
गुड्डू रंगीला के गानों में भौजाई के गर्भपात कराने, तीसरा महीना चलने, और इसी के साथ ही माता रानी के, और भोले शिवशंकर जैसे वीडियो भी हैं. यानी अगर आप एक भोजपुरी गाना देख लें, उसके बाद कुछ घंटों में इनके एक न एक गाने पर तो पहुंच ही जाएंगे. भेदभाव मिटा दिया गया है यहां. भक्ति से लेकर ननद-भौजाई के बीच सम्भोग तक के गाने आपको सुनने को मिल जायेंगे. केटरिंग टू द ऑडियंस का उदाहरण.
Untitled Design (18) ये तो बानगी भर है. लोकल फ्लेवर के नाम पर ऐसे कई अश्लील और औफेंसिव वीडियो इस चैनल पर डले हुए हैं.

अगर आप पारिवारिक व्यक्ति नहीं हैं, यानी ननद भौजाई देवर जेठ वगैरह से आपका कोई लेना देना नहीं है, तो आपके लिए भी गाने हैं इनके चैनल पर. होमोसेक्सुअलिटी, हेटेरोसेक्सुअलिटी के बाद पेश है तकियासेक्सुअलिटी. जिसमें गुड्डू रंगीला जी कहते हैं, कि पिया से बेहतर तो तकिया है.

सम ऑफ अस अग्री. सम ऑफ अस डोंट. क्या करियेगा.




हमने सोचा बात की जाए भई. गुड्डू रंगीला से. अपने इन वीडियोज पर क्या कहते हैं. उनके पब्लिक नम्बर पर फोन किया. जिसने उठाया उसने हमें दो-तीन बार टरकाया. कहा, बाद में फोन कीजिए. हमने भी बाद में किया फोन. तो गुड्डू रंगीला का पर्सनल नम्बर हमारी झोली में आखिरकार गिर ही गया. साथ में टपकी एक वार्निंग. 'अभी ऊ सो रहे हैं. घंटा भर बाद कॉल कीजिएगा'. नोटपैड पर इंस्ट्रक्शन लिख कर रख लिया गया.  घंटे भर बाद फोन मिलाने पर भी दूसरी तरफ कोई फोन उठाने वाला नहीं मिला. यहां रिमोट से फोन उठाने का ऑप्शन था नहीं. तो हम अब भी इंतजार में हैं.
चलते चलते
एक दिन गए थे, टी-सीरीज के ऑफिस. वहां गेट से लौटा दिए गए थे. गरियाते हुए वापस आए थे. बात है करियर के शुरूआती दिनों की. फिर मिला गंगा म्यूजिक में ब्रेक. गाने हिट हुए, तो टी-सीरीज वाले खुद बुलाने आए. टी-सीरीज के साथ गुड्डू रंगीला ने अपने गाने री-रिकॉर्ड किये, और खूब चले. फिर टी-सीरीज ने इन्हें डायमंड स्टार का तमगा दिया. ये तमगा पाने वाले गुड्डू रंगीला इकलौते भोजपुरी स्टार हैं.


वीडियो: दिल्ली इलेक्शन 2020: आप, बीजेपी और कांग्रेस के दल बदलू नेताओं का क्या हुआ?