एक ओपनियन रखने वाली 30 साल से अधिक उम्र की फेमिनिस्ट लड़की. बाल छोटे हैं, नाक कान के अलावा भी पियर्सिंग कराई हुई है. कैपिटलिज्म के खिलाफ सोशल सेक्टर में काम करती हैं. उनके लिए एक हैंडसम, अच्छी कद-काठी वाला लड़का चाहिए. जिसकी उम्र 25 से 28 साल ही होनी चाहिए. वो इकलौता लड़का होना चाहिए. एस्टैब्लिश्ड बिज़नेस होना चाहिए. बंगला या फिर कम से कम 20 एकड़ का फार्म हाउस होना चाहिए. उसे खाना बनाना आना चाहिए. पादने और डकार लेने वाले संपर्क न करें.संपर्क के लिए साथ में एक ईमेल आईडी दी गई है.
"30 साल का होना एक बड़ा माइलस्टोन है. खासकर तब जब हमारे समाज में शादी को लेकर इतनी बातें होती हैं. आप 30 साल के होते हैं और आपका परिवार और समाज आप पर शादी का प्रेशर डालने लगते हैं. इसी प्रेशर पर एक प्रैंक करते हुए हमने मेरी बहन के 30वें जन्मदिन पर ये ऐड छपवाया."दूसरी तरफ, उनकी बहन को इस बारे में कुछ नहीं पता था. उन्होंने बीबीसी को बताया कि उनके बाल छोटे हैं, उन्होंने पियर्सिंग करवा रखी है और वो सोशल सेक्टर में काम करती हैं. वहीं पादने और डकारने वाला जोक उनका फैमिली जोक है. उन्होंने बताया,
"मेरे जन्मदिन से एक दिन पहले मेरे भाई ने मुझे एक पेपर का टुकड़ा दिया. उसमें वो मेल आईडी लिखी थी जो ऐड में दिया गया था और उसका पासवर्ड लिखा था. मुझे पता नहीं था कि उसका मुझे क्या करना है. अगली सुबह उसने मुझे अखबार में वो ऐड दिखाया और हम खूब हंसे. ये बहुत मज़ेदार था."

कई लोग इस बात का मज़ाक उड़ा रहे हैं कि 30 प्लस की महिला 25-28 साल का लड़का देख रही है. सांकेतिक फोटो.
हालांकि, ये जोक जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. कई लोगों को समझ में आया कि ये एक प्रैंक था. कई सेलेब्स ने इसे शेयर किया. कई ईमेल उनके पास आए. पर एक तरफ जहां कई लोगों ने इस ऐड को मज़ाक की तरह लिया. उस पर हंसे. वहीं कई लोगों ने ईमेल पर और सोशल मीडिया कमेंट्स में उस लड़की के लिए भद्दी बातें लिखीं. उनके लिए गालियां लिखीं. फेमिनिज्म के लिए गालियां लिखीं. उन्हें गोल्ड डिगर और दोगला कहा गया. कई लोगों ने उन्हें कूगर कहा. ये शब्द बड़ी उम्र की उन महिलाओं के लिए इस्तेमाल होता है जो अपने से छोटे उम्र के लड़कों के साथ संबंध बनाती हैं.
कई लोगों ने लिखा कि फेमिनिस्ट औरतें बेवकूफ होती हैं. एक ने तो ये तक लिख दिया कि उन्हें किसी ऊंची बिल्डिंग से नीचे फेंक देना चाहिए. दिक्कत क्या है? आपने मैट्रिमोनी के ऐड देखे होंगे.
"मल्टीनैशनल कंपनी में कार्यरत एक युवक के लिए चाहिए एक सुंदर, सुशील, पढ़ी-लिखी, गोरी, गृहकार्य और पाक कला में दक्ष कन्या."शादी के ज्यादातर विज्ञापन इसी तरह के फर्मे में होते हैं. लड़की कैसी चाहिए उसका पूरा विवरण होता है. पर लड़का कैसा चाहिए उसमें केवल सुयोग्य लिखा होता है या फिर चाहिए एक वेल सेटल्ड या सरकारी नौकरी वाला लड़का. लड़के की पर्सनैलिटी को लेकर कोई बात नहीं लिखी होती. इसकी बड़ी वजह होती है कि लड़की वाला ज्यादा डिमांडिंग नहीं लगना चाहता, कि हम ऐड में ही लिख देंगे ऐसा-ऐसा लड़का चाहिए तो कौन आएगा रिश्ता लेकर. हालांकि, फेमिनिज्म विरोधियों को तो वेल सेटल्ड लड़का लिखने वाली बात भी चुभती है. लेकिन उस पर कभी और बात करेंगे.
"एक पढ़ी-लिखी, सेल्फ डिपेंडेंट लड़की के लिए सुयोग्य वर की तलाश है."
तो ऐसे में जब एक लड़की की तरफ से ऐसा ऐड छपा जिसमें कद-काठी, रंग-रूप, बिजनेस और प्रॉपर्टी को लेकर क्राइटेरिया लिखा गया तो कई लोगों को ये बात हजम नहीं हुई. और उन्होंने उस लड़की को गालियां देनी शुरू कर दीं.

पर गाली देने से पहले दिमाग का इस्तेमाल कर लेते! ऐड का एक-एक शब्द पढ़कर समझ में आ रहा था कि ये एक जोक है. अब सोचिए, एक ऐसी लड़की जो ओपिनियनेटेड है, फेमिनिस्ट है. अपनी ज़िंदगी अपने हिसाब से जीना पसंद करती है. कैपिटलिज्म का विरोध करती है. वो अपने लिए जो दूल्हा खोज रही है. उसे उसके लुक्स, उसके बैंक बैलेंस से मतलब है. यही अपने आप में इस ऐड की सबसे बड़ी आयरनी है.
अगर आप फेमिनिस्ट हैं तो आपको इस बात से फर्क नहीं पड़ेगा कि कोई कैसा दिखता है. उसकी कद काठी कैसी है. अगर कोई कैपिटलिस्म का विरोधी है तो उसे इस बात से फर्क नहीं पड़ेगा कि जिससे वो शादी करना चाहता है, उसके अकाउंट में कितने पैसे हैं. उसके पास कितनी प्रॉपर्टी है और वो बिज़नेस करता है या कुछ और.
पादने और डकारने की बात करें तो ये बहुत ही नैचुरल और ज़रूरी प्रक्रियाएं हैं. हर व्यक्ति के साथ ये होता है. कोई भी समझदार व्यक्ति अपने होशों हवास में ये नहीं लिखेगा कि उसे पादने और डकार लेने वाला व्यक्ति पार्टनर के तौर पर नहीं चाहिए. रही बात खाना बनाने की, तो हमारा मानना है कि ये सबको आना चाहिए. कम से कम इतना तो आए ही कि बंदा सर्वाइव कर सके.